मकान मालिक जबरन नहीं ले सकते एक महीने का किराया, हो सकती है 2 साल की सजा
रायपुर। कोरोना वायरस कोविड -19 महामारी के कारण जिले की वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान रखते हुए कलेक्टर एस भारतीदासन ने कहा है कि राजधानी को कोई भी मकान मालिक एक महीने के किराए के लिए बाध्य नहीं कर सकता है. ऐसा करने वालों को 2 साल तक की सजा हो सकती है।प्रशासन को इस बात की जानकारी मिल रही है कि मकान मालिकों की ओर से किराया देने लिए बाध्य किया जा रहा है, जिसके कारण मजदूर किराए का घर छोड़कर अपने मूल निवास लौटने को विवश हो रहे हैं. इस वजह से कोरोना वायरस के संक्रमण की आशंका है।
कलेक्टर ने परिस्थितियों की संवेदनशीलता से देखते हुए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम -2005 में निहित प्रावधानों के अंतर्गत शक्तियों का प्रयोग करते हुए निर्देश जारी किया है. उन्होंने कहा कि मकान मालिक किसी भी मजदूर और कर्मचारियों से 1 महीने तक किराए की मांग नहीं करेंगे. आवासीय भवन किराया आदेश की तिथि से 1 महीने बाद ही लिया जाएगा।
यदि किसी भी मकान मालिक द्वारा इस आदेश का उल्लंघन किया जाएगा तो राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम -2005 की धारा 51 के अंतर्गत दंडात्मक कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी. इसमें 1 से 2 साल तक की सजा का प्रावधान है. अगर आदेश के उल्लंघन के साथ-साथ किसी भी तरह की जान-माल की क्षति होती है तो यह सजा 2 साल तक भी हो सकती है।
कलेक्टर ने किसी भी व्यक्ति को इस तरह की समस्या होने पर नंबर 0771- 2445785 इस नंबर पर सूचित करने को कहा है. यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा।