छत्तीसगढ़ – हाट बाजार क्लीनिक योजना : देवदूत बनकर गांव-गांव, गली-गली जिंदगी बांट रहे डॉक्टर्स; 92 हजार लोगों के स्वास्थ्य की जांच और इलाज
जनरपट विशेष । छत्तीसगढ़ सरकार की हाट बाजार क्लीनिक योजना लोगों के लिए वरदान बनकर उभरी है. ये स्कीम लोगों को नई जिंदगी परोस रही है. डॉक्टर्स गांव-गांव, गली-गली और हाट बाजारों में जाकर लोगों का इलाज रहे हैं. ग्रामीणों में नई जान डाल रहे हैं. 11 माह में जिले में लग रही हाट-बाजारों में 92 हजार लोगों के स्वास्थ्य परीक्षण कर उनको दवाईयां दी गई. इस योजना ने लोगों की जिंदगी में नई उर्जा लाई है. पढ़िए बघेल सरकार की हाट बाजार क्लीनिक योजना कैसे दुर्गम पहाड़ियों में फल-फूल रही है ?.
दरअसल, राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी योजना मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना के तहत महासमुन्द सहित विकासखण्ड बागबाहरा, बसना, सरायपाली और पिथौरा में हर हफ्तें लगने वाली हाट-बाजार में क्लिनिक स्वास्थ्य शिविर में जॉच और इलाज की सुविधा मुहैया कराया जा रहा है.
स्वास्थ्य परीक्षण कर दवाईयां दी गई
वहीं मरीजों को त्वरित रूप से आधारभूत स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही है. जिले में 89 हाट बाजारों में 1822 चिकित्सक दल गए. विगत 11 माह में जिले में लग रही हाट-बाजारों में 92 हजार लोगों के स्वास्थ्य परीक्षण कर उनको दवाईयां दी गयी.
इन गावों में लोगों का इलाज
इस योजना से ग्रामीणों को अधिक से अधिक लाभ हो इसके लिए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय-समय पर नुक्कड़ नाटक/कलाजत्था के माध्यम से स्थानीय भाषाओं में शिविर के बारे में लोगों को जानकारी देकर जन जागरूकता निर्मित की जाती है. ज़िले के विकासखंड बागबाहरा के अंतर्गत आने वाले ग्राम चुरकी, खट्टी, तुसदा आदि के साप्ताहिक हाट-बाजार में आये ग्रामीणों से बात करने पर उन्होंने बताया कि शासन की यह योजना बहुत ही फायदेमंद है.
हाट-बाजार में नियमित क्लीनिक लगने से बढ़ी भीड़
इस योजना के बारे में ग्रामीणों ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि अब हमारे स्वास्थ्य की जिम्मेदारी सरकार ने खुद उठा ली है. परिवार के सदस्यों को भी स्वास्थ्य जांच के लिए बाजार में लगे हाट-बाजार में भी लाते हैं. हाट-बाजार में नियमित क्लीनिक लगने से अब पहले की अपेक्षा भीड़ बढ़ी है.
क्लीनिक योजना किसी देवदूत से कम नहीं
ग्रामीण अपनी दैनिक उपयोग की सामग्री क्रय करने हेतु साप्ताहिक बाजार में आते हैं. जहां खरीदी के साथ-साथ वे अपने स्वास्थ्य की भी जांच करवा लेते हैं. दुर्गम इलाकों के लिए मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना किसी देवदूत से कम नहीं है. माह अगस्त से जिले के 89 हाट बाजारों में स्वास्थ्य शिविर लगाकर लोगों के स्वास्थ्य की जॉच कर निःशुल्क दवाईयां मुहैया करायी जाती है.
हाट-बाजारों में शिविर
ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को सबसे ज्यादा दिक्कत स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं को लेकर होती थी, यहां प्रत्येक दिन मलेरिया से लेकर दूसरी अन्य बीमारियां लोगों को अपनी चपेट में ले लेती है. गर्भवती महिलाओं के लिए इन इलाकों से निकलकर अस्पताल आना बेहद कठिन काम होता था. इस योजना में स्वास्थ्य अमला हाट-बाजारों में शिविर लगाकर लोगों का इलाज करने के साथ ही निःशुल्क दवाईयां भी उपलब्ध कराते हैं. इससे ग्राम के ही नजदीक ग्रामवासी अपने स्वास्थ्य का परीक्षण और उपचार कराते हैं.
89 हाट बाजारों में क्लीनिक का संचालन
कोरोना काल के चलते पहले महासमुंद जिले के 15 हाट-बाजारों में क्लीनिक का संचालन किया जा रहा था, लेकिन अब माह अगस्त से दूरस्थ अंचलों में लगने वाले साप्ताहिक हाट बाजारों सहित 89 हाट बाजारों में मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजनांतर्गत स्वास्थ्य शिविर लगाकर स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है.
गर्भवती महिलाओं का पंजीयन
इस योजना का उद्देश्य स्वास्थ्य लाभ पहुंचाना, गर्भवती महिलाओं का पंजीयन, प्रसवपूर्व संपूर्ण जांच एवं पूर्ण टीकाकरण सहित बी.पी, शुगर, मलेरिया, जांच कीट के माध्यम से पैथालाजी जांच, नेत्र जांच, जागरूकता के अभाव में होने वाले अकाल मृत्यु को रोकना, मातृ एवं शिशु मृत्यु दर में कमी लाना, कुपोषण दर कम करना आदि है.
बागबाहरा समेत इन जगहों में मिला लाभ
महासमुंद विकासखंड सहित सभी बागबाहरा, पिथौरा, बसना और सरायपाली में लगने वाली हाट बाजारों में मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक शिविर का संचालन किया जा रहा है. साप्ताहिक हाट बाजारों में चिकित्सक, पैरा मेडिकल टीम के द्वारा स्वास्थ्य शिविर लगाकर स्वास्थ्य उपचार किया जा रहा है.
स्वास्थ्य शिविरों में इलाज
जिले में लगाये जा रहे हाट-बाजार में लगाए गए स्वास्थ्य शिविरों में मलेरिया, फाइलेरिया, टीबी, डायरिया, कुपोषण, एनीमिया, सिकलसेल, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज के साथ ही गर्भवती महिलाओं के ब्लड प्रेशर, हीमोग्लोबिन के अलावा गर्भधारण परीक्षण भी किया जा रहा है.
लाभदायक सिद्ध हो रही योजना
इसके अतिरिक्त चर्म रोग और एच.आई.वी. की भी जॉच की गई. पहले जानकारी एवं अशिक्षा के कारण अंदरूनी इलाके के ग्रामीण आसपास के बैगा-गुनिया और सिरहा से झाड़-फूक के जरिये अपना इलाज करवाते थे. सही इलाज के अभाव में उनकी मृत्यु तक हो जाती थी. उन दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के लिए मुख्यमंत्री हाट बाजार क्लीनिक योजना अब बेहद लाभदायक सिद्ध हो रहा है.
महात्मा गांधी की 150वीं जयंती शुरू हुई थी योजना
छत्तीसगढ राज्य में शुरू की गई मुख्यमंत्री हाट-बाजार क्लीनिक योजना मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जन-जन तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के उद्देश्य से महात्मा गांधी की 150वीं जयंती (02 अक्टूबर 2019) पर पूरे प्रदेश में यह योजना लागू की. प्रदेश के कई जिले की विषम भौगोलिक परिस्थितियों में न जाने कितने ऐसे इलाके हैं, कितने गांव हैं, जहां से निकलकर जिला मुख्यालय तक की दूरी तय कर इलाज के लिए अस्पताल आना लोगों के लिए बेहद कठिन काम होता था.