‘मनी म्यूल’ : चेक कर लीजिए आपका खाता कहीं साइबर ठगों की ‘पिंग पोंग’ बॉल तो नहीं…
नईदिल्ली। आपने चावल, दाल, तेल का एक्सपोर्ट या इंपोर्ट तो सुना ही होगा लेकिन कोई आपको कहे कि ठगी की रकम भी आजकल एक्सपोर्ट हो रही है तो आप क्या कहेंगे. जी हां, ये आज के दौर की हकीकत है और साइबर फ्रॉड की जांच कर रही भारतीय एजेंसियों के लिए एक बड़ी मुसीबत भी है. हर दिन रॉकेट की स्पीड से देश से बाहर जाते ठगी के धन को लेकर बैंक और जांच एजेंसियां हैरान हैं. बड़ा सवाल ये है कि ऐसा क्यों हो रहा है. आखिर इसे कंट्रोल करना मुश्किल क्यों है. दरअसल इसके पीछे ऐसे हजारों-लाखों चलते-फिरते बैंक खाते हैं जिन्हें साइबर क्राइम की भाषा में साइबर ठगी की गुलेल कहा जाता है और इस गुलेल को चलाने वाले को कहते हैं ‘मनी म्यूल’.
क्या होते हैं ‘मनी म्यूल ‘
मनी म्यूल वो व्यक्ति होता है जो धोखाधड़ी के शिकार लोगों से मिले पैसे को अपने बैंक अकाउंट में पहले तो रिसीव करता है फिर उसे अगले बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करता है. ये रकम कई खातों से एक दूसरे को मनी म्यूल द्वारा ट्रांसफर की जाती है. इस पूरे खेल में कुछ मनी म्यूल्स तो ये जानते हैं कि वे एक आपराधिक गतिविधि का हिस्सा हैं और ऐसा वो सोच-समझकर करते हैं लेकिन इनमें से अपने अकाउंट में पैसे रिसीव और ट्रांसफर करने वाले लोग इस आपराधिक गतिविधि से अनजान होते हैं और अनजाने में इस धोखाधड़ी का हिस्सा बनते हैं.
किन लोगों के बैंक अकाउंट होते हैं इस्तेमाल
मनी म्यूल में ज्यादातर ऐसे लोगों के बैंक अकाउंट का इस्तेमाल किया जाता है जिनको ये जानकारी ही नहीं होती कि उनका बैंक अकाउंट आपराधिक और धोखाधड़ी के पैसों के लेन-देन के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. साइबर एक्सपर्ट कामाक्षी शर्मा बताती हैं कि आजकल इसके लिए कॉलेज के बच्चों के बैंक अकाउंट्स इस्तेमाल किए जाते हैं. ये बच्चे ज्यादातर बेहद आम घरों से होते हैं और अपने शहर से महानगरों में आकर पढ़ाई करते हैं. इनके नाम पर अकाउंट्स खोलकर इस्तेमाल किया जाता है और इन्हें इसके एवज में एक छोटी रकम दी जाती है जिससे बच्चे खुश होकर अपने दोस्तों और भाई-बहनों का भी अकाउंट ऐसे ही खुलवा देते हैं. इन्हें ये जानकारी ही नहीं होती कि इनके खुलवाए इन बैंक अकाउंट्स का कौन और कैसे इस्तेमाल कर रहा है, ये बस हर महीने मिलने वाली पॉकेट मनी के लिए ऐसा करते हैं.
गरीब लोगों के बैंक अकाउंट्स इस्तेमाल
मथुरा के एसपी सिटी डॉ. अरविंद कुमार बताते हैं कि स्टूडेंट्स के अलावा मजदूर और गरीब लोग इनका शिकार होते हैं जिनके नाम पर बैंक अकाउंट्स खोले जाते हैं ताकि अगर बैंक अकाउंट्स की जांच-पड़ताल हो तो ये लोग पकड़े जाएं. इसमें ज्यादातर मनरेगा के मजदूर शामिल होते हैं. कई बार जांच-पड़ताल करने पर ऐसे लोग सामने आते हैं जो ये भी नहीं जानते कि उनके बैंक अकाउंट में इतनी बड़ी रकम का ट्रांजेक्शन किया जा रहा है. मनी म्यूल के जरिए पैसे ट्रांसफर करने का असली मकसद बैंकिंग सिस्टम में कंफ्यूजन क्रिएट करना है ताकि उन्हें बैंकिंग सिस्टम से पैसा निकालने में आसानी और समय दोनों मिल सके.
एक बड़े पुलिस अधिकारी नाम न बताने की शर्त पर कहते हैं कि आज रोजाना करोड़ों का फ्रॉड हो रहा है लेकिन इसमें सबसे ज्यादा दुख की बात ये है कि ये सारा पैसा हमारी इकोनॉमी से निकलकर दूसरे देशों में ट्रांसफर हो रहा है, जहां से पैसे की रिकवरी करना नामुमकिन है. ऐसे में भारत सरकार बेहद चिंतित है क्योंकि आपका पैसा मनी म्यूल के जरिए देश से बाहर विदेशों में जा रहा है. इसमें दुबई, चाइना, नाइजीरिया, सिंगापुर और कंबोडिया जैसे कई देश शामिल हैं और इन देशों के साथ किसी भी प्रकार की ट्रीटी न होने के चलते पैसा वापस अपने देश मंगवाना मुश्किल हो जाता है.
मनी म्यूल का इस्तेमाल
विदेशों में बैठे साइबर ठगों के लिए अपने देश में पैसा मंगवाने का सबसे आसान तरीका मनी म्यूल है. इसमें पैसा कई अकाउंट्स से ट्रांसफर होता हुआ देश के बाहर चला जाता है. जैसे ही पैसा आपके अकाउंट से डेबिट होता है इसे एक से दूसरे, दूसरे से तीसरे और ऐसे ही कई अकाउंट्स में तुरंत ट्रांसफर किया जाता है ताकि बैंकों और पुलिस को पैसा ट्रेस करने में ज़्यादा परेशानी का सामना करना पड़े. इसके बाद पैसे को तुरंत या तो एटीएम के जरिए बैंकिंग सिस्टम से बाहर निकाल लिया जाता है या फिर विदेशों के अकाउंट में पहुंचा दिया जाता है.
बैंक उठा रहे हैं कड़े कदम
एक बैंक अधिकारी नाम न बताने की शर्त पर कहते हैं कि आज की तारीख में पैसे ट्रांसफर करने के लिए मनी म्यूल का इस्तेमाल सबसे ज्यादा किया जा रहा है. इसे जाने और अनजाने दोनों तरीकों से गैर कानूनी रूप से पैसा ट्रांसफर करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है लेकिन आज बैंक सतर्क हो रहे हैं और जहां बैंक को लग रहा है कि किसी अकाउंट में ज्यादा लेन-देन या ट्रांजेक्शन हो रहा है, उस अकाउंट को ब्लॉक किया जा रहा है और उस अकाउंट की इंवेस्टिगेशन भी की जा रही है ताकि फ्रॉड के लिए इस तरह बैंक अकाउंट्स का इस्तेमाल न किया जा सके. देश में 10 में से 9 अकाउंट हैं जिन्हें मनी म्यूल के जरिए इस्तेमाल किया जा रहा है. उन्हें डिटेक्ट करना मुश्किल होता है जिससे फ्रॉड करने वालों का काम बेहद आसान हो जाता है और पैसा बैंकिंग सिस्टम से बाहर चला जाता है. एक बार पैसा बैंकिंग सिस्टम से बाहर चला जाए तो फिर उसे रिकवर करना मुश्किल होता है.
आज देश के सभी बड़े बैंक मनी म्यूल पर नजर बनाए हुए हैं और किसी भी तरह के बैंकिंग फ्रॉड पाए जाने पर तुरंत कार्रवाई कर रहे हैं. इस तरह के बैंक अकाउंट्स का पता लगाने के लिए बैंक कई तरह के लेटेस्ट सॉफ्टवेयर का भी इस्तेमाल कर रहे हैं ताकि इस तरह के अकाउंट पकड़ में आ सकें.
आप कैसे बचा सकते हैं अपना बैंक अकाउंट?
मनी म्यूल एक आपराधिक प्रक्रिया है, अगर बैंक को शक है कि आपका अकाउंट किसी भी तरह की आपराधिक प्रक्रिया में सम्मलित है तो बैंक आपके अकाउंट को ब्लॉक करके आपकी इंवेस्टिगेशन कर सकता है. इसलिए अपने बैंक अकाउंट को सुरक्षित रखना आपका फर्ज है.
– अपनी पर्सनल इंफॉर्मेशन को किसी के साथ साझा न करें. आपकी जानकारी पर कोई आपके नाम से अकाउंट खुलवा सकता है और उसे आपराधिक गतिविधि के लिए इस्तेमाल कर सकता है.
– अपने पर्सनल बैंक अकाउंट पर ट्रांजेक्शन को देखते रहें, कोई भी ट्रांजेक्शन आपकी जानकारी के बिना होता है तो तुरंत उसकी जानकारी अपने बैंक को दें.
– कोई भी आपसे आपके बैंक अकाउंट की डिटेल पर्सनल इस्तेमाल करने के लिए मांगे तो किसी तरह की इंफॉर्मेशन शेयर न करें, कई बार जानकारों को बिना बताए बोला जाता है कि बस आप एक बार अपनी डिटेल दे दें या पैसा आपके अकाउंट में आएगा तो आप इस अकाउंट में ट्रांसफर कर दीजिएगा. ऐसी बातों में न आएं ये ज्यादातर पैसे आपराधिक तरीके से लिए और दिए जाते हैं.
– धोखेबाज़ों से सावधान रहिये, अपना बैंक अकाउंट पूरी तरह सुरक्षित रखिए.