टाटा पावर ने छत्तीसगढ़ में 600 जगहों पर रूफटॉप सोलर सिस्टम किए इंस्टाल
रायपुर। टाटा पावर सोलर सिस्टम लिमिटेड कंपनी ने रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में नई पहल की है. टीपीएसएसएल ने नई पहल के तहत छत्तीसगढ़ में 600 से अधिक जगहों पर रूफटॉप सोलर सिस्टम स्थापित किया है. इस बात की जानकारी खुद टीपीएसएसएल कंपनी के एक अधिकारी ने रविवार को दी. टाटा पावर रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड जो कि पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है, उसने राजस्थान, उत्तर प्रदेश और केरल में रुफटॉप सोलर सिस्टम लगाने के क्षेत्र में बेहतरीन काम कर चुकी है.
रूफटॉप सोलर सिस्टम की स्थापना: कंपनी से जुड़े अधिकारी ने बताया कि ”घर-घर सोलर, टाटा पावर के संग” पहल के तहत रूफटॉप सोलर सिस्टम की स्थापना राज्य में इस साल के मध्य में शुरू हुई थी, लेकिन आधिकारिक तौर पर इसका शुभारंभ टाटा पावर कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक प्रवीर सिन्हा और टीपीआरईएल के सीईओ और एमडी दीपेश नंदा ने इस सप्ताह किया”. अधिकारी ने कहा कि ”इस पहल का उद्देश्य राज्य के सभी घरों में स्वच्छ ऊर्जा उपलब्ध कराना है, जो पूरे भारत में स्थायी ऊर्जा समाधानों को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता पर आधारित है”.
“टाटा पावर सोलर सिस्टम्स लिमिटेड (टीपीएसएसएल) ने एक पहल के तहत छत्तीसगढ़ में छत पर सौर ऊर्जा लगाना शुरू किया है. इस सौर उर्जा की संख्या 600 तक पहुंच गई है. टीपीएसएसएल जो टाटा पावर रिन्यूएबल एनर्जी लिमिटेड (टीपीआरईएल) की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है, ने राजस्थान, उत्तर प्रदेश और केरल में इसकी सफलता के बाद छत पर सौर ऊर्जा लगाने की पहल शुरू की है. ‘घर-घर सोलर, टाटा पावर के संग’ पहल के तहत छत पर सौर ऊर्जा लगाने की शुरुआत राज्य में इस साल के मध्य में हुई थी. आधिकारिक तौर पर इसका शुभारंभ टाटा पावर कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक प्रवीर सिन्हा टीपीआरईएल के सीईओ और एमडी दीपेश नंदा ने इस सप्ताह किया है”: टाटा पावर सोलर सिस्टम्स लिमिटेड
रिन्यूएबल एनर्जी से रोशन होगा छत्तीसगढ़: कंपनी से जुड़े अधिकारी ने बताया कि 600 से अधिक प्रतिष्ठानों का पोर्टफोलियो है जिसमें आवासीय, व्यापारिक और औद्योगिक साथ में प्रत्यक्ष परियोजनाएं हैं. जिनकी क्षमता 250 मेगावाट है. इस नई पहल में राज्य के सभी 33 जिलों को कवर किया जाएगा. पीएम सूर्य घर योजना के अनुरूप, निवासियों को 1 किलोवाट के लिए 30,000 रुपये, 2 किलोवाट के लिए 60,000 रुपये और 3-10 किलोवाट प्रणाली के लिए 78,000 रुपये की केंद्र सरकार की सब्सिडी मिल सकती है.