2 दिन पहले जिस तहसीलदार को किया था निलंबित, 48 घंटे के भीतर ही बिना बहाल किए कर दिया तबादला…
रायपुर। प्रदेश भर में तहसीलदारों के हालिया तबादला आदेश में एक निलंबित तहसीलदार का भी तबादला कर दिया गया है. जबकि तहसीलदार को निलंबित किए 48 घंटे भी नहीं बीते थे. हैरानी की बात है कि निलंबन अवधि में भी तहसीलदार बेधड़क सरकारी कामकाज करता रहा. दस्तावेज बताते हैं कि निलंबन अवधि के दौरान तहसीलदार ने डिजिटल सिग्नेचर से सौ से भी ज़्यादा जाति प्रमाण पत्र जारी किया है.
दरअसल, 2 दिन पहले ही धमतरी कलेक्टर के प्रतिवेदन के आधार पर रायपुर संभागायुक्त ने बेलरगांव तहसीलदार अनुज पटेल को निलंबित किया था. निलंबन के बाद रायपुर आयुक्त कार्यालय में अटैच किया गया था. लेकिन शुक्रवार को जारी हुई तहसीलदारों की तबादला सूची में अनुज पटेल का भी नाम शामिल कर लिया गया, और उन्हें धमतरी से सक्ती का नया तहसीलदार बनाया दिया गया.
राजस्व विभाग के द्वारा जारी में बकायदा सभी को तत्काल भार मुक्त करने का भी निर्देश दिया गया है, साथ ही इस आदेश के बाद तत्काल 7 दिन के भीतर ज्वॉइन करने का भी निर्देश दिया गया है. अब सवाल ये उठता है कि क्या अनुज पटेल बतौर सक्ती तहसीलदार ज्वॉइन कर पाएंगे?
जानकार बताते हैं कि यदि किसी अधिकारी को निलंबित किया जाता है, तो जब तक उसका निलंबन बहाल न हो जाए तब तक उसका तबादला नहीं कर सकते. ये नियम विरुद्ध है. तो अब ऐसे में 2 दिन में ही तहसीलदार अनुज पटेल का तबादला कैसे हो गया.
कलेक्टर के खिलाफ संघ ने खोल दिया है मोर्चा
तहसीलदार अनुज पटेल का निलंबन आदेश जारी होते ही संघ में नाराजगी भी देखने को मिली थी. नाराजगी इतनी थी संघ के सदस्यों ने कलेक्टर के खिलाफ मोर्चा भी खोल दिया था. बकायदा राजस्व मंत्री मिलकर निलंबन बहाली की मांग भी गई थी. हालाकि मंत्री ने इस मामले में जांच के बाद ही किसी प्रकार के आगे की कार्रवाई की बात कही थी, लेकिन अनुज पटेल का निलंबन बहाल नही हुआ था.
इस मामले के धमतरी कलेक्टर नम्रता गांधी ने बताया की इस संबंध के उनके पास कोई भी जानकारी नहीं है. उन्होंने बताया कि निलंबन की कार्रवाई आयुक्त कार्यालय से हुई है, तो बहाली आदेश भी वहीं से जारी होगा.
निलंबन के बाद भी बनाए सौ से ज्यादा जाति प्रमाण पत्र
निलंबित तहसीलदार अनुज पटेल का निलंबन आदेश 11 सितंबर को ही जारी कर दिया गया है. उसके खिलाफ आरोप पत्र भी पेश करने की तैयारी चल रही है. लेकिन खबर है कि तहसीलदार इधर अपने कार्यालय का काम कर रहे हैं. उन्होंने DSC (डिजिटल सिग्नेचर) के माध्यम से न सिर्फ अपनी उपस्थिति दर्ज कराई बल्कि लोगों का जाति प्रमाण पत्र भी बनाया है.