सनातन को अपमानित करने के लिए नेहरू जी ने सर्व समाज और अशोक सिंघल ने धर्म संसद बनाया था: शंकराचार्य
सरगुजा। अंबिकापुर पहुंचे शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कहा कि ”समय समय पर सनातन धर्म को नीचा दिखाने की कोशिश की जाती रही है. सनातन धर्म को कुचलने की साजिश भी होती रही है. नेहरू जी ने धर्म सम्राट करपात्री जी महाराज और चारों शंकराचार्यों को नीचा दिखाने के लिये भारत सर्व समाज की स्थापना करा दी. इसी तरह अशोक सिंघल ने धर्म संसद की स्थापना की विश्व हिंदू परिषद के मंच पर जो चले जाते थे उन्ही को जगद्गुरू की उपाधि वहां दे दी जाती थी”.
जगन्नाथ पुरी गोवर्धन मठ के शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती इन दिनों अंबिकापुर दौरे पर हैं. शंकराचार्य यहां दीक्षा और सनातनी लोगों के साथ विचार संगोष्ठि कर रहे हैं. विचार संगोष्ठि में बड़ी संख्या में सनातन धर्म को मानने वाले लोग पहुंच रहे हैं. मीडिया के सवालों पर जवाब देते हुए शंकराचार्य ने कहा कि देश से जुड़े सवालों पर हम हमेशा से मुखर रहे हैं. शंकराचार्य ने कहा कि जो भी सनातन धर्म को कुचलने और उसके खिलाफ साजिश रचने चला वो आज गर्त में में पहुंच गए.
शंकराचार्य ने कहा कि अशोक सिंघल कहते थे राम मंदिर बनाऊंगा. वो मेरे पास 70 बार आये थे. मैंने कहा कि राम मंदिर बनाओगे अच्छी बात है जय श्री राम कहा करो तब से वो श्री राम कहने लगे. वर्तमान के राजनीतिक परिदृष्य पर चर्चा करते हुए शंकराचार्य ने कहा कि अब तो बस सरकार नीतीश और चंद्रबाबू नायडू की गारंटी पर चल रही है. आगे पता नहीं कबतक ये सरकार इनके भरोसे पर चलेगी.