कब है हरतालिका तीज, जानें इसका शुभ मुहूर्त, इस तरह पूजा करने से मिलेगा ढेर सारा आशीर्वाद
रायपुर। हिंदू धर्म में हरतालिका तीज एक महत्वपूर्ण त्योहार है. छत्तीसगढ़ में इसे तीजा पर्व के नाम से भी जानते हैं, जो भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है. इस वर्ष यह तीज 18 सितंबर को मनाई जाएगी. इस दिन सुहागन महिलाएं हरतालिका तीज पर अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के लिए व्रत रखती हैं. यह व्रत निर्जला होता है, जिसमें व्रती पानी भी नहीं पीते. इस दिन महिलाएं पूरी तरह से श्रृंगार कर शिव और पार्वती की पूजा करती हैं. इस तीज का संबंध भगवान शिव और माता पार्वती से है.
राजधानी के पण्डित राजेश्वर प्रसाद शास्त्री ने बताया कि हरतालिका तीज की पूजा करने की शुभ मुहूर्त तिथि 17 सितंबर रात 11:08 पर शुरू होगी और 18 सितंबर दोपहर 12:39 तक चलेगी. पूजा का श्रेष्ठ समय 18 सितंबर को सुबह 6:00 से रात 8:24 तक है. इस दिन महिलाएं निर्जल उपवास रखती हैं, और शाम को शिव-पार्वती की पूजा करती हैं. विवाहित महिलाओं को उनकी सास सौभाग्य संबंधित चीजें देकर आशीर्वाद देती हैं. जिन विवाहित जोड़ों में मतभेद हो, उन्हें इस तीज पर विशेष उपाय करने की सलाह दी जाती है. उन्हें शिव मंदिर जाकर पूजा-अर्चना करनी चाहिए और \”ॐ गौरीशंकराय नमः\” मंत्र का जाप करना चाहिए.
जानें हरतालिका तीज के जरूरी बातें
जब सुहागन महिलाएं एक बार तीज का व्रत शुरू कर देती हैं, तो इसे बीच में नहीं छोड़ना चाहिए. यह व्रत उन्हें जीवनकाल तक अपनाना चाहिए. अगर किसी कारणवश ये व्रत न कर पाएं, तो इसका उद्यापन कर परिवार की दूसरी महिला को ये व्रत सौंप सकते हैं.
शास्त्रों के अनुसार हरतालिका तीज व्रत में व्रत रहने वाली महिलाओं का दोपहर या रात्रि में सोना वर्जित है. इस व्रत में रात्रि के चारों प्रहर में शिव-पार्वती की पूजा करने से व्रत का शीघ्र फल मिलता है.
इस दिन सुहागिनों को श्रृंगार कर शिव-पार्वती की पूजा करनी चाहिए. मान्यता है कि इससे शंकर जी जल्द प्रसन्न होकर समस्त मनोकामनाएं पूरी करते हैं.