March 31, 2025

कब होगा होलिका दहन और किस दिन मनाई जाएगी रंगों की होली? यहां जानें सही तारीख

HOLI
FacebookTwitterWhatsappInstagram

रायपुर। फाल्गुन के माह में देशवासियों को होली को बेसब्री से इंतजार रहता है। देश में दो जगह की होली बेहद खास मानी जाती है, पहली ब्रज की और दूसरी काशी की। काशी की होली भस्म की होली कही जाती है। इस दिन नागा साधु और अघोरी साधु भस्म को होली खेलते हैं। कहा जाता है कि काशी में पूरे देश से एक दिन पहले होली मनाई जाती है। ऐसे में आइए जानते हैं कि कब होगा होलिका दहन और कब होगी होली?

कब होगा होलिका दहन और होली?
काशी हिंदू यूनिवर्सिटी में ज्योतिष विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. विनय कुमार पांडेय व प्रो. गिरिजाशंकर त्रिपाठी ने एक समाचार पत्र को दिए इंटरव्यू में बताया कि इस बार फाल्गुन पूर्णिमा 13 मार्च को सुबह 10.02 बजे लगेगी, जो अगले दिन 14 मार्च को सुबह 11.11 बजे तक रहेगी। रात्रिव्यापिनी पूर्णिमा में होलिका दहन की परंपरा के कारण 13 मार्च की रात को ही होलिका दहन होगा।

इसी के साथ काशी में होलिकात्सव का भी आरंभ हो जाएगा। वहीं, चैत्र कृष्ण प्रतिपदा में होने के चलते अगले दिन 15 मार्च को पूरे देश में रंगों का त्योहार होली मनाई जाएगी। 15 मार्च को उदयातिथि में प्रतिपदा दोपहर 12.48 बजे तक रहेगी।

काशी के ज्योतिषाचार्यों ने आगे कहा कि 13 मार्च को पूर्णिमा की तिथि सुबह 10.02 बजे आरंभ होगी, साथ ही इसके भद्रा भी लगा जाएगी, जो रात 10.37 बजे खत्म होगी। चूंकि होलिका दहन भद्रा में वर्जित है, ऐसे में 10.37 बजे के बाद ही होलिका दहन किया जाएगी।

काशी में पहले क्यों होती है होली
जानकारी दे दें कि काशी में होलिका दहन के बाद सुबह होते ही 64 योगिनियों यानी 64 देवी का दर्शन व परिक्रमा करते हुए होली खेलने की परंपरा है। यह परिक्रमा व पूजन होलिका दहन के ठीक सुबह ही शुरू हो जाती है। यही कारण है कि काशी में पूर्णिमा हो या प्रतिपदा होलिका दहन होते ही होली खेलना शुरू कर देते हैं, ऐसे में कई बार ऐसा होता है कि पूरे देश से पहले काशी में होली मना ली जाती है।

FacebookTwitterWhatsappInstagram
error: Content is protected !!
Exit mobile version