विधानसभा : धान पर बवाल,सदन की कार्यवाई करनी पड़ी स्थगित
रायपुर। विधानसभा सत्र के पांचवे दिन एक बार फिर धान खरीदी को लेकर सदन का पारा चढ़ गया। धान खरीदी को लेकर पीसीसी चीफ मोहन मरकाम और नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक आमने-सामने आ गए और नेता प्रतिपक्ष ने सरकार पर किसानों की धान खरीदी के नाम पर गुमराह करने का आरोप लगाया। जबकि कांग्रेस विधायक मोहन मरकाम ने विपक्ष पर किसानों के नाम पर एक बार फिर घड़ियाली आंसू बहाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार से कहीं अधिक धान की खरीदी इस बार कांग्रेस की सरकार ने की है। इसके बाद हंगामा बढ़ चला और विपक्ष के विधयाकों के गर्भगृह में प्रवेश से नाराज विस अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने सदन की कार्रवाई को 5 मिनट के लिए स्थगित कर दी।
दरअसल, प्रश्नकाल के दौरान भाजपा विधायक शिव रतन शर्मा ने प्रदेश में 6 फरवरी तक समर्थन मूल्य पर खरीदी गई धान का मुद्दा उठाया और पूछा कि कितने किसानों की खरीदी शेष है? कितने किसानों ने अपने पूर्ण रकबे के हिसाब से धान की बिक्री की है?
मंत्री के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने अपनी नाराजगी जाहिर की। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि मंत्री जी लिखे हुए जवाब को ही पढ़ रहे हैं। इस पर विपक्ष की ओर से टिप्पणियों को लेकर खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि मैं पूरी तैयारी के साथ आया हूं ! आप जवाब सुनिए।
शिवरतन शर्मा ने पूछा कि किसानों के कुल धान बेचने की पात्रता कितनी है?
इस पर खाद्य मंत्री ने कहा कि पूरे प्रदेश में धान बेचने का अनुमान लगाया गया था, वह 85 लाख मैट्रिक टन था।
शिवरतन शर्मा ने कहा कि 25,28,000 हेक्टेयर का पंजीयन हुआ या 64 लाख का पंजीयन हुआ? 15 क्विंटल के हिसाब से सरकार को एक सौ 500000 टन टन धान खरीदना था? सरकार ने टारगेट ही कम फिक्स किया। टारगेट किया जाना चाहिए 20 फरवरी तक कितने किसानों ने अपने पूर्ण पंजीयन के हिसाब से धान बेच दिया।
खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि 19 लाख किसानों ने पंजीयन कराया और हमने 82 लाख 80 हजार मैट्रिक टन धान हमने खरीदा !
शिवरतन शर्मा ने पूछा कि 20 फरवरी तक ऐसे कितने किसान हैं जिन्होंने पूर्ण पंजीकृत रकबे का धान बेचा? उसकी संख्या बताएं ?
खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा – इन 15 सालों में आपकी सरकार ने कितना धान खरीदा वह भी हम बता देते हैं। यह तो कुछ उसी तरह बात हो गई उम्र भर ग़ालिब यही गलती करता रहा, धूल चेहरे पर थी और आईना साफ करता रहा।
शिवरतन शर्मा ने फिर से पूछा कि हम यह जानना चाहते हैं कि 20 फरवरी तक 20 फरवरी तक कितने पंजीकृत किसानों ने पूर्ण रकबे का धान बेचा ?
शिवरतन शर्मा ने मंत्री पर भ्रमित करने का आरोप लगाया। इस पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच जमकर नोकझोंक हुई।
सत्ता पक्ष की ओर से भी सदस्यों में अपने स्थान पर खड़े होकर विपक्ष पर टिप्पणी की।
इस पर स्पीकर डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि धान और किसान का सवाल है। इस पर प्रश्न पूछा गया है किसी सदस्य को उत्तेजित नहीं होना चाहिए।
खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि जो भी प्रश्न पूछा गया उस का पर्याप्त जवाब हम दे रहे हैं। हम जो जवाब देते हैं, उसे घुमाकर तीसरा सवाल पूछ लेते हैं। जिस स्थिति की बात शिवरतन शर्मा कर रहे हैं उसमें 33146 किसानों ने अपना शत-प्रतिशत धान बेचा है।
इसके बाद भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने पूछा कि जिन किसानों ने अपना धान 20 फरवरी तक नहीं बेचा उन्होंने क्यों नहीं बेचा ? इसके लिए कौन-कौन जिम्मेदार हैं और क्या सरकार फिर से उन किसानों के धान की खरीदी की व्यवस्था करेगी ?
खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि 19 लाख किसानों ने अपना पंजीयन कराया 82 लाख 80 हजार मैट्रिक गान मीट्रिक टन धान खरीदा ! असामयिक वर्षा होने के कारण और मौसम के प्रभाव की वजह से कुछ किसानों ने धान नहीं बेचा। इस वजह से लोगों को समस्याएं हुई इसके लिए सरकार ने 5 दिनों का समय भी बढ़ाया। 18 लाख 20 हजार किसानों ने धान बेचा है।
स्पीकर डॉ चरणदास महंत ने कहा कि अगर बेमौसम बारिश या किसी अन्य कारण से धान खरीदी प्रभावित हुई है। उसके लिए कोई और जिम्मेदार हैं तो आप जांच कराने की बात कह दें इसमें क्या समस्या है !
खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि कल मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने घोषणा की है कि जिन किसानों ने टोकन लिया है और धान बेचना बचा है उसके लिए सचिव स्तर के अधिकारी से जांच कराकर खरीदी कर ली जाएगी।
नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि मंत्री खुद स्वीकार कर रहे हैं कि छुट्टियों के कारण और बेमौसम बारिश के कारण किसान धान नहीं बेच पाए। जन घोषणा पत्र में 15 क्विंटल के एलान के हिसाब से भी 105 लाख मैट्रिक टन धान खरीदा जाना चाहिए था ? जानबूझकर धान खरीदी कम की गई। कम समय दिया गया, बाद में बारदाने का अभाव बता दिया गया। इसलिए हम मांग करते हैं कि सरकार की ख़राब व्यवस्था के कारण भी किसान धान नहीं बच पाए हैं, उनका धान खरीदने की घोषणा मंत्री जी करें।
स्पीकर डॉ चरणदास महंत ने टिप्पणी की- क्या सवाल पूछने के लिए और कोई अवसर नहीं मिलेगा? या किसी अन्य माध्यम से धान पर चर्चा नहीं की जा सकती…?
इस पर संसदीय कार्य मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि 18 लाख से अधिक किसानों के धान खरीदे गए। इस पर विपक्ष ने आपत्ति जताई कि आपने 15 क्विंटल धान खरीदने की बात कही थी। फिर भी पूर्ण रकबे का धान आपने नहीं खरीदा।
विपक्ष ने सरकार पर किसानों से धान नहीं खरीदने का आरोप लगाया और नारेबाजी करते हुए गर्भगृह में आ गए।
दूसरी ओर सत्ता पक्ष ने भी विपक्ष पर किसानों के नाम पर घड़ियाली आंसू बहाने का आरोप लगाया। गर्भगृह में काफी देर तक विपक्षी सदस्य नारेबाजी करते रहे। छत्तीसगढ़ विधानसभा ने नियमों के अनुसार गर्भ में प्रवेश करते ही विधायक अपने आप सस्पेंड हो जाते हैं। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाई 5 मिनट के लिए रोक दी।