November 1, 2024

छत्तीसगढ़ की 12 जनजातियों को मिला ST का दर्जा, बूथ स्तर पर बीजेपी दिवाली से पहले जलाएगी दिये

रायपुर। मोदी सरकार ने छत्तीसगढ़ के आदिवासी वोटरों को साधने के लिए बड़ा दांव चला है। खबर है कि राज्य की 12 जनजातियों को अनुसूचित जनजाति (एसटी) का दर्जा दिया गया है। अब एसटी दर्जे में 12 जनजातियों के शामिल होने से करीब 10 लाख जनजातियों को फायदा मिलेगा। केंद्र सरकार की ओर से इस फैसले के बाद भाजपा इसे भुनाने में कोई कसर नहीं छोड़ रही है। भाजपा प्रदेशभर में अब बड़ी-बड़ी सभाएं करेगी और आदिवासी वोटरों बताएगी की उन्हें एसटी की दर्जा दिलाने में बीजेपी ने कितनी बड़ी भूमिका निभाई है।

आदिवासी वोटरों को साधने में जुट गई बीजेपी

केंद्र सरकार के इस दांव के साथ छत्तीसगढ़ भाजपा आदिवासी वोटरों को साधने में जुट गई है। इस फैसले के बाद अब प्रदेश भाजपा का अनुसूचित जनजाति मोर्चा विधानसभा चुनाव से पहले इन 12 जनजातियों के गांवों तक पहुंचकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय राज्य मंत्री रेणुका सिंह का आभार प्रकट करेगा। इसके अलावा बूथ स्तर पर दिवाली से पहले ही भाजपा दीए जलाकर, मिठाई बांटकर और पटाखे फोड़कर केंद्र सरकार का आभार प्रकट करेगी। इसको लेकर रायगढ़, महासमुंद और सरगुजा में बड़ी सभाएं होगी। भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष विकास मरकाम ने कहा कि दशकों से अपने अधिकारों से वंचित छत्तीसगढ़ की 12 जनजातियों को मोदी सरकार ने बड़ी सौगात दी है। इस बात को मोर्चा गांव-गांव तक पहुंचाएगा।

इन जनजातियों को मिला ST दर्जा
बता दें कि केंद्र सरकार ने जनजाति वर्ग में भारिया भूमिया के समानार्थी भूईया, भूईयां, भूयां, धनवार के समानार्थी धनुहार, धनुवार, नगेसिया, नगेसिया के समानार्थी किसान, सावर, सवरा के समानार्थी सौंरा, संवरा, धांगड़ के साथ प्रतिस्थापित करते हुए सुधार, बिंझिया, कोडाकू के साथ साथ कोड़ाकू, कोंध के साथ-साथ कोंद, भरिया, भारिया, पंडो, पण्डो और पन्डो को शामिल किया है।

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