December 26, 2024

ईडी की चार्जशीट पर भूपेश बघेल की प्रतिक्रिया : कहा- ये सब राजनीतिक षड़यंत्र, जिसके इशारे पर हो रहा, सब जानते हैं

BHUPESH

रायपुर। महादेव सट्टा एप केस मामले में ईडी की चार्जशीट को लेकर छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की प्रतिक्रिया सामने आई है। मामले में उन्होंने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अपने सप्लीमेंट्री चार्जशीट में जिस तरह से उनका नाम लिखा है, वह पूरी तरह से राजनीतिक षड्यंत्र का हिस्सा है। उन्होंने कहा है कि ईडी अपने राजनीतिक आकाओं के इशारे पर काम कर रही है। वह कूटरचना कर लोगों को गिरफ्तार कर रही है। उनसे दबावपूर्वक मेरे और मेरे सहयोगियों के खिलाफ बयान दिलवा रही है। उन्होंने कहा है कि इन बयानों में जो पैसों के लेन-देन के आरोप लगाए गए हैं, उनका कोई आधार नहीं है। यह किसके दबाव में हो रहा है, उसे सब जानते हैं।

पूर्व मुख्यमंत्री बघेल ने कहा है कि जिस कुरियर असीम दास के पास से रुपए बरामद हुए थे, उसने जेल से अपने हस्तलिखित बयान में कहा है कि उन्हें भी धोखे में रखकर फंसाया गया है। उन्होंने कभी किसी राजनेता व उनसे जुड़े लोगों को पैसा नहीं पहुंचाया। अब ईडी दावा कर रही है कि उसने यह बयान भी वापस ले लिया है। यह किसके दबाव में हो रहा है, उसे सब जानते हैं। उन्होंने सवाल करते हुए पूछा है कि ईडी ने जिस दिन कथित रूप से असीम दास से रुपए बरामद किए थे, उस घटना की पूरी रिकॉर्डिंग ईडी के पास है। इसका मतलब है कि पूरी घटना पूर्व नियोजित थी और इसका मतलब यही है कि इसकी कूटरचना ईडी ने ही की थी।

उन्होंने कहा है कि ईडी ने दावा किया है कि चंद्रभूषण वर्मा ने भी अपना पहले का बयान वापस ले लिया है। हम शुरुआत से कह रहे हैं कि ईडी मारपीट से लेकर धमकी देने तक हर हथकंडे अपनाकर मेरा और मेरे सहयोगियों का नाम लेने का दबाव बना रही है। ईडी के नए दस्तावेज से यह और स्पष्ट हो गया है। वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि महादेव ऐप के घोटाले की जांच उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए खुद शुरू करवाई की थी। वे चाहते थे कि इस पूरे गिरोह का भंडाफोड़ हो और युवाओं को जुआखोरी की ओर धकेल रहे इस अपराध पर रोक लगे। छत्तीसगढ़ सरकार की इस जांच के आधार पर ही ईडी धन-शोधन का मामला बनाकर जांच कर रही है, लेकिन दुर्भाग्य है कि ईडी ने जांच को अपराध की बजाय राजनीतिक दबाव और बदनामी का हथियार बना लिया है। महादेव एप मामले को जिस तरह से राजनीतिक रंग दिया गया है, उससे साफ है कि इसका उद्देश्य अब असली अपराधियों को बचाने और राजनीतिक दुष्प्रचार कर बीजेपी को फायदा पहुंचाने का है।

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