November 16, 2024

CG – कैबिनेट का बड़ा फैसला : एफएल 10 लाइसेंस सिस्टम खत्म, आबकारी विभाग अब सीधे निर्माता से खरीदेगी शराब

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज महानदी भवन में कैबिनेट बैठक हुई जिसमें कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए है. सरकार ने विदेशी शराब की खरीदी के लिये पूर्ववर्ती एफएल 10 लाइसेंस की व्यवस्था को समाप्त कर दिया है. सरकार अब ख़ुद सीधे शराब निर्माता से शराब ख़रीदेगी और ब्रेवरेज कारपोरेशन उसका भंडारण करेगा. पूर्ववर्ती सरकार में एफएल 10 ए और बी लाइसेंस निजी हाथों में दिया गया था. सरकार के इस फ़ैसले के बाद अब शराब बिक्री से राज्य का राजस्व बढ़ेगा. साथ ही भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी पर लगाम लगाया जा सकेगा.

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने बताया कि बस्तर, सरगुजा, मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास, अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण तथा छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरणों के पुनर्गठन का निर्णय लिया गया है. इसका उद्देश्य पांचों प्राधिकरणों की कार्य प्रणाली को प्रभावी और सशक्त बनाने के साथ ही उन क्षेत्रों में जनसुविधा के कामों को गति देना है. इन पांचों प्राधिकरणों की कमान अब सीधे मुख्यमंत्री के जिम्मे होगी. स्थानीय विधायकों में से एक विधायक को इसका उपाध्यक्ष मनोनीत किया जाएगा. क्षेत्रीय विधायक इन प्राधिकरणों के सदस्य होंगे. मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव अथवा सचिव इन पांचों प्राधिकरणों के सदस्य सचिव होंगे.

बता दें कि साल 2004-05 में बस्तर, सरगुजा एवं अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण का गठन तत्कालीन सरकार द्वारा किया गया था. जिसके बाद वर्ष 2012 में छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछडावर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण का गठन किया गया. इन प्राधिकरणों के अध्यक्ष मुख्यमंत्री हुआ करते थे. प्राधिकरणों के गठन के बाद अनुसूचित जनजाति क्षेत्रों, अनुसूचित जाति बाहुल्य ग्रामों, मजरा-टोला, पारा-मोहल्लों, वार्डों और ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी आवश्यकताओं के अनेक महत्वपूर्ण कार्य कराए गए थे. साल 2019 में तत्कालीन सरकार द्वारा इन प्राधिकरणों के कार्य संचालन की प्रक्रिया में अमूल-चूल परिवर्तन कर दिया गया, जिसके चलते प्राधिकरणों का न सिर्फ महत्व कम हो गया, बल्कि इनके कार्याें में पारदर्शिता मॉनिटरिंग का अभाव होने के साथ ही शासन स्तर पर कोई प्रभावी नियंत्रण नहीं रहा. उक्त स्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए कैबिनेट ने पांचों प्राधिकरणों के पुनर्गठन एवं निधि नियम के प्रस्ताव का अनुमोदन किया है.

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के दौरान 23 फरवरी, 2024 को पारित अशासकीय संकल्प के तहत प्रदेश के जितने भी मैदानी क्षेत्र हैं, उन क्षेत्रों में भी जहाँ अनुसूचित जनजातियों की 25 प्रतिशत से अधिक बहुलता है, उन क्षेत्रों के गांवों एवं ब्लाकों को मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के क्षेत्रों में शामिल किया गया है. प्राधिकरण अपना कार्य स्थानीय जनप्रतिनिधियों से सुझाव प्राप्त कर, मतैक्य से माननीय मुख्यमंत्री के विजन के अनुरूप करेंगे. मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में प्राधिकरण सामाजिक, आर्थिक एवं सर्वागीण विकास पर अपना ध्यान केन्द्रित करेगा. प्राधिकरण को सशक्त, पारदर्शी एवं प्रभावशाली बनाया जाएगा. वर्तमान में प्राधिकरण के माध्यम से होने वाले विकास कार्यों के लिए बस्तर, सरगुजा, मध्य क्षेत्र, अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण के लिए 50-50 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है तथा ग्रामीण एवं अन्य पिछडावर्ग क्षेत्र विकास प्राधिकरण के लिए 80 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है.

इन महत्वपूर्ण फैसलों पर लगी मुहर –
कैबिनेट द्वारा उच्च शिक्षा विभाग में अतिथि व्याख्याता नीति-2024 का अनुमोदन किया गया.
सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत चना वितरण के लिए निर्गम मूल्य (Issue Price) पर चना खरिदने करने के संबंध में कैबिनेट द्वारा निर्णय लिया गया कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत अनुसूचित क्षेत्र एवं मॉडा क्षेत्र में अन्त्योदय एवं प्राथमिकता वाले परिवारों को चना वितरण के लिए भारत सरकार के निर्धारित निर्गम मूल्य और नागरिक आपूर्ति निगम को प्राप्त रॉ चना की मिलिंग और परिवहन दर को जोड़कर प्राप्त कुल दर पर चना खरीदा जाएगा.
मुख्यमंत्री के स्वेच्छानुदान मद से 14 हजार 369 व्यक्तियों एवं संस्थाओं को 19 करोड़ 37 लाख 93 हजार रूपए की स्वीकृत राशि का कार्योत्तर अनुमोदन मंत्रिपरिषद द्वारा प्रदान किया गया.

error: Content is protected !!