December 23, 2024

CG में रेत का बड़ा खेला : खनन माफियाओं के हौसले बुलंद; अवैध खनन कर पांच गुनी महंगी बेच रहे रेत, अफसरों में भी खौफ, किसका संरक्षण?

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में रेत का अवैध उत्खनन और परिवहन धड़ल्ले से जारी हैं। कई बार खनिज विभाग और प्रशासन मिलकर कार्यवाई भी करते हैं। रेत खदानों में खनिज टीम से मारपीट के बाद अब और जोरों से अवैध खनन किया जा रहा है। अफसरों में रेत माफिया का ऐसा खौफ है कि अब किसी भी रेत खदान में खनिज विभाग की टीम जांच के लिए जाने को तैयार नहीं है। कुछ जिलों में इसकी शिकायत अब कलेक्टर से की गई है। अवैध रेत खनन का मामला आज विधानसभा में भी गूंजा। भाजपा विधायक धरमजीत सिंह ने मंत्री को हेलीकाफ्टर से सर्वे करने की चुनौती दी। विधायक ने कहाँ की अगर अभी 200 पोकलेन नदी में नहीं मिले तो मैं विधानसभा से इस्तीफा दे दूंगा।

रायपुर जिले की शिकायत के अनुसार कुम्हारी रेत खदान में विभाग द्वारा तय सीमांकन क्षेत्र से बाहर खनन किया जा रहा है। शासन की रायल्टी दर 650 की रायल्टी का 2,500 से 3,000 तक वसूला जा रहा है। इसकी वजह से रेत की कीमतें पांच गुना तक महंगी हो चुकी हैं।

वहीं, उक्त क्षेत्र में एनजीटी के नियमों की भी अनदेखी करते हुए दिन रात मशीन से लोडिंग और खनन किया जा रहा है। जबकि विभाग ने निविदा के दौरान ही क्षेत्र चिन्हांकित करके दिया था। मनमाने खनन से नदी का कटाव बढ़या जा रहा है। दरअसल, खदान संचालकों को पर्यावरण और खनिज विभाग ऐसा स्थान तय करके देता है, जिससे नदी और नदी के जीवों को हानि न हो। इसके बाद भी निर्धारित जगह से अलग स्थान पर खनन किया जा रहा है।

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पहले पूर्व मंत्री का संरक्षण,अब कौन
पूर्व में संचालित कुम्हारी रेत खदान एक पूर्व मंत्री के संरक्षण में संचालित की जाती रही, लेकिन अब सरकार बदल गई है, इसके बावजूद कार्रवाई नहीं की जा रही है। जबकि कुम्हारी रेत खदान में खुलेआम अवैध खनन की शिकायतें लगातार सामने आ रही हैं। इसे लेकर स्थानीय ग्रामीण और जन प्रतिनिधियों ने भी विरोध किया था। अब स्थानीय विधायक ने भी विरोध करना बंद कर दिया है। सोमवार को हाईवा परिवहन कल्याण संघ ने कलेक्टर को ज्ञापन देकर कार्रवाई की मांग की है।

एनजीटी को भेजते ही नहीं प्रकरण
बीते एक साल में 20 से अधिक कार्रवाई खनिज विभाग ने की है, लेकिन सभी में सिर्फ खानापूर्ति करके मामला रफा-दफा कर दिया गया है। जबकि खनिज विभाग के उप संचालक को नियमानुसार सभी प्रकरण अग्रिम कार्रवाई के लिए एनजीटी को भेजना है। लेकिन जिला कार्यालय में ही मामला निपटा लिया जा रहा है।

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