‘बीजेपी परिणामों में कर सकती है छेड़छाड़, कई ईवीएम गायब’, ममता ने फरक्का की रैली में लगाया बड़ा आरोप
मालदा। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मालदा दक्षिण लोकसभा क्षेत्र के फरक्का में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए भारतीय जनता पार्टी पर चुनाव परिणामों के छेड़छाड़ की आशंका जताई है। उन्होंने कहा कि 19 लाख ईवीएम लंबे समय से गायब हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या बीजेपी शासित राज्य लोगों के वोटों को अपनी इच्छानुसार बदल रहे हैं और अपनी मशीनें डाल रहे हैं? उन्होंने चुनाव आयोग से यह मांग की कि वह इस संदेह को दूर करे।
EVM मशीन किसने बनाई?
उन्होंने चुनावी रैली में कहा-‘EVM मशीन किसने बनाई? EVM मशीन की चिप किसने बनाई? यह संख्या कैसे बढ़ी? पहला चरण कितना था? दूसरा चरण कितना था? कितने मतदाता थे? कितनी मशीनों का उपयोग किया गया? हम जानना चाहते हैं। इसका मतलब यह नहीं है कि वोटिंग प्रतिशत में अचानक बढ़ोतरी हुई है, करीब 19 लाख वोटर मशीनें लंबे समय से गायब हैं। क्या बीजेपी शासित राज्य लोगों के वोटों को अपनी इच्छानुसार बदल रहे हैं और अपनी मशीनें डाल रहे हैं?’
संदेह दूर करे चुनाव आयोग
ममता बनर्जी ने कहा कि यह हमारा शक है। उन्होंने कहा-‘मैं चुनाव आयोग से लोगों के संदेह को दूर करने के लिए कहूंगी ताकि लोगों के बीच यह संदेह पैदा न हो। भाजपा आयोग बनने से कोई फायदा नहीं है। देश की जनता आपको एक निष्पक्ष आयोग के रूप में काम करते देखना चाहती है। लोगों को असली सच्चाई बतानी चाहिए। लोगों के साथ धोखा न करें।’
भाजपा नेता प्रवासी पक्षी:ममता
ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि बीजेपी और राज्य के लोगों की विचारधारा ‘‘एकदम अलग है।’’ मुख्यमंत्री ने भाजपा नेताओं को ‘‘प्रवासी पक्षी’’ करार दिया और उन पर पश्चिम बंगाल के बारे में झूठ फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा,‘‘ बंगाल और भाजपा में कोई तालमेल नहीं है क्योंकि उनकी विचारधारा हमारी विचारधारा से एकदम अलग है। हम अपनी संस्कृति और परंपरा को बरकरार रखते हैं वहीं दिल्ली के प्रवासी पक्षी कुछ नहीं करते केवल बंगाल के बारे में झूठ फैलाते हैं।’’
बनर्जी ने कहा कि यह चुनाव, ‘‘उनके भाग्य का फैसला करने और उन्हें उनकी साजिशों के लिए दंडित करने’’ के लिए है। मुख्यमंत्री ने साथ ही कहा कि ‘‘बंगाल देश को रास्ता दिखाएगा।’’ बनर्जी अपने चुनाव प्रचार में भाजपा पर हमलावर रही हैं और उनका आरोप है कि केंद्र सरकार सामाजिक कल्याण योजनाओं के धन से राज्य को वंचित कर रही है।