पूर्व सीएम भूपेश बघेल के विधानसभा क्षेत्र में BJP का खेला, पंचायत चुनाव में कांग्रेस को फिर झटका

दुर्ग। छत्तीसगढ़ पंचायत चुनाव के नतीजों के बाद अब अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद को लेकर भी जमकर खेला हो रहा है. पूर्व सीएम भूपेश बघेल के पाटन विधानसभा क्षेत्र में भी एक बार बड़ा खेला हुआ है. क्योंकि यहां निकाय चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था, जबकि अब पंचायत चुनाव में भी कांग्रेस अपना अध्यक्ष नहीं बना पाएगी. क्योंकि जनपद पंचायत चुनाव में कांग्रेस समर्थित सदस्यों ने बीजेपी का दामन थाम लिया है, जिससे अब जनपद पंचायत में बीजेपी का अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बनना तय माना जा रहा है. जो एक बार फिर कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है.
जनपद पंचायत के चुनाव में कांग्रेस समर्थित और निर्दलीय आठ जनपद सदस्यों ने बीजेपी का दामन थाम लिया है, बता दें कि पाटन जनपद में हुए पंचायत चुनाव में भाजपा का आंकड़ा अब 18 तक पहुंच गया है, जिसमें 10 बीजेपी समर्थित सदस्य चुनाव जीते थे, लेकिन अब कांग्रेस और निर्दलीय को मिलाकर आठ जनपद सदस्य और बीजेपी की तरफ आ गए हैं. जिससे जनपद पंचायत पाटन में बीजेपी अब आसानी से अपना अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बना पाएगी. पाटन विधानसभा क्षेत्र भूपेश बघेल की गृह विधानसभा है जहां से वह खुद विधायक हैं, ऐसे में यहां कांग्रेस का अध्यक्ष न बन पाना पार्टी के लिए झटका माना जा रहा है.
वहीं दुर्ग से बीजेपी सांसद विजय बघेल ने ने पूर्व सीएम भूपेश बघेल पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा ‘पाटन से मुझे हमेशा ही प्रेम मिलता रहा है और इसी का परिणाम है कि इस बार निकाय चुनाव में भी पाटन विधानसभा में जनता ने बीजेपी पर भरोसा किया और हम वहां जीत कर आए हैं, जबकि पंचायत और जनपद के चुनाव में हमें भारी जीत मिली है, आठ जनपद सदस्य जो निर्दलीय और कांग्रेस के समर्थित थे सभी ने भाजपा में प्रवेश किया है, जिनका स्वागत है. बता दें कि विजय बघेल 2023 के विधानसभा चुनाव में भूपेश बघेल के खिलाफ लड़े थे, हालांकि तब उन्हें हार का सामना करना पड़ा था. लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में वह फिर से दुर्ग से सांसद चुने गए हैं. विजय बघेल और भूपेश बघेल आपस में रिश्तेदार भी हैं.
बता दें कि पंचायत चुनाव से पहले निकाय चुनाव में भी कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा था. पाटन विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले पाटन नगर पंचायत अमलेश्वर नगर पालिका परिषद और कुम्हारी नगर पालिका परिषद में कांग्रेस के प्रत्याशियों की हार हुई थी. जबकि अब पंचायत चुनाव के नतीजों में भी हालत टाइट है.