December 27, 2024

विधायक ने लोगों की हजामत कर समाज को दिया संदेश, ‘अपनी जाति और पुश्तैनी व्यवसाय न छिपाएं…’

rikesh-sen

दुर्ग। वैशाली नगर विधानसभा क्षेत्र के विधायक रिकेश सेन ने सेन समाज को सन्देश देने के लिए अपने हाथों में उस्तरा लेकर लोगों की हजामत (सेविंग) करते नजर आएं. उनका कहना है कि मैं अपने समाज के उन लोग को मैं संदेश देना चाहता हूं, जो अपना परम्परागत व्यवसाय और जाति छुपाते हैं कि वे अपनी जाति और पुशतैनी व्यवसाय न छिपाए.

छत्तीसगढ़ सेन सेवा समिति के प्रदेश अध्यक्ष और वैशाली नगर विधायक ने राजधानी रायपुर के एक सैलून में पहुंच खुद ग्राहकों की सेविंग कर समाज के लोगों को यह संदेश दिया है कि कोई भी काम बड़ा या छोटा नहीं होता है. विधायक ने कहा कि ईश्वरीय शक्ति ने मानव मूल के जिस परिवार, जाति या धर्म में हमें जन्म दिया है, उसे कभी भी बदलना नहीं चाहिए. उन्होंने आर्थिक तंगी या लालच में धर्म बदलने वालों को भी एक सबक देने का ऐसा प्रयास किया है.

विधायक ने कहा कि हमारे नाई समाज के लोग जब अच्छे पदों पर चले जाते हैं, तो अपनी जाति को अपने समाज को छिपाने लगते हैं. जैसे हमारे छत्तीसगढ़ में जो श्रीवास हैं, वह जब बड़े पदों पर पहुंचे तो अपना सरनेम श्रीवास्तव लिखने लगे, क्योंकि उनको लगता है कि मैं अपनी वास्तविक जाति बताऊंगा, तो लोग मुझ पर हँसेंगे, मजाक उड़ाएंगे.

उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री रहे कर्पूरी ठाकुर का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने कभी अपनी जाति को नहीं छिपाया. मैं यहां सैलून दुकान में आया हूं, मुझे गर्व है कि मैं नाई जाति में पैदा हुआ हूं, मैं सेन समाज से हूँ.उन्होंने कहा कि मैं तो बस इतना चाहता हूं कि समाज के जो लोग अच्छे पदों पर हैं वो खुलकर सामने आएं. इससे उन्हें देख कहीं न कहीं समाज आगे बढ़ेगा.

उन्होंने रायपुर में सेन समाज के तीन लोगों ने, जिसमें पति, पत्नी और उनकी 14 वर्ष की बेटी शामिल हैं, के आत्महत्या करने की जिक्र करते हुए कहा कि नाई समाज का सैलून का काम होता है, सैलून में सीधे तरीके से अगर देखा जाए तो फिफ्टी परसेंट कमाई होता है, और चिंता का विषय अब इसलिए हो गया है कि हमारे लोग नाई का काम नहीं करना चाहते, सैलून का काम नहीं करना चाहते. क्यों नहीं करना चाहते हैं, उनको लगता है कि लोगों का चेहरा पोंछना पड़ता है, मालिश करनी होती है.

रिकेश सेन ने कहा कि लोग नाई जाति को संबोधित कर उसे गाली देते हैं. मगर लोग यह भूल गए हैं कि सैलून एक सबसे बड़ा उद्योग है, और हमारे समाज को आजकल दूसरे समाज के लोग दूसरे राज्यों के लोग छत्तीसगढ़ में आकर और छत्तीसगढ़ से जाकर दूसरी जगह पर जाकर इस व्यवसाय को कर रहे हैं, जो कहीं न कहीं समाज के लिए चिंता का विषय है.

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