रायपुर। छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार ने लंबे इंतजार के बाद बुधवार रात को निगम, मंडल और आयोग के अध्यक्ष और उपाध्यक्षों की एक लिस्ट जारी कर दी है। दूसरी भी लिस्ट जल्द आ सकती है। राजनैतिक नियुक्तियां होने के बाद अब एक बार फिर से कैबिनेट विस्तार को लेकर अटकलें शुरु हो गई है। माना जा रहा है कि नवरात्र के बाद सरकार कैबिनेट का विस्तार कर सकती है। हालांकि इसे लेकर अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है।
सीएम के दिल्ली दौरे से बनी रणनीति
हाल ही में सीएम विष्णुदेव साय ने दिल्ली का दौरा किया था। दिल्ली दौरे में उन्होंने पीएम मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह समेत सत्ता और संगठन के शीर्ष नेताओं के साथ मुलाकात की थी। दावा किया जा रहा है कि शीर्ष नेतृत्व की हरी झंडी मिलने के बाद ही सभी नियुक्तियां की गई हैं और कैबिनेट विस्तार को लेकर भी हरी झंडी मिल गई है।
हरियाणा का फॉर्म्युला होगा लागू?
अटकलें लगाई जा रही हैं कि छत्तीसगढ़ में हरियाणा की तर्ज में कैबिनेट का विस्तार हो सकता है। अगर हरियाणा फॉर्म्युला लागू होता है तो राज्य में दो की जगह तीन विधायकों को मंत्री बनाया जा सकता है। अभी विष्णुदेव साय की कैबिनेट में दो मंत्रियों की जगह खाली है। एक जगह पहले कैबिनेट विस्तार के समय छोड़ी गई थी जबकि एक जगह बृजमोहन अग्रवाल के इस्तीफे के बाद खाली हुई थी।
क्या है हरियाणा फॉर्म्युला
चर्चा है कि विष्णुदेव साय के कैबिनेट विस्तार में हरियणा का फॉर्म्युला लागू हो सकता है। अगर यह फॉर्म्यला लागू किया जाता है तो राज्य में सीएम समेत 14 मंत्री बन सकेंगे। हालांकि इस संबंध में किसी भी नेता ने कोई ऑफिशियल जानकारी नहीं दी है। हरियाणा में भी छत्तीसगढ़ की तरह 90 विधानसभा सीटे हैं, लेकिन यहां कैबिनेट में सीएम के अलावा 13 मंत्रियों को शामिल किया गया है। जबकि छत्तीसगढ़ में सीएम समेत अभी 10 मंत्री हैं और दो की जगह खाली है। अगर यह फॉर्म्युला लागू किया जाता है तो 13 मंत्री बन सकते हैं।
कौन से नेता हैं दावेदार
निगम, आयोग और मंडल में जिस तरह से नियुक्तियां की गई हैं उन्हें देखकर एक बार फिर से कयासों का दौर शुरू हो गया है कि पार्टी चौंकाने वाले नामों को कैबिनेट में शामिल कर सकती है। हालांकि दावेदारों की बात करें तो राज्य में बीजेपी के सीनियर नेता अजय चंद्राकर, अमर अग्रवाल, राजेश मूणत जैसे नेताओं के नाम सबसे आगे हैं। वहीं जूनियर नेताओं में गजेंद्र यादव, भावना शर्मा, गुरु खुशवंत कुमार के नाम सबसे आगे हैं। यह भी कहा जा रहा है कि कैबिनेट में नए और पुराने दोनों तरह के नेताओं को शामिल किया जा सकता है।