छत्तीसगढ़ : पहले चरण की हाई प्राेफाइल सीटों पर दिग्गजों की साख दांव पर, जानें किनके बीच है लड़ाई
रायपुर। छत्तीसगढ़ में पहले चरण में 20 विधानसभा सीटों के लिए सात नवंबर को होने वाले मतदान में पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह समेत उनके कैबिनेट के पांच पूर्व मंत्रियों और भूपेश सरकार के तीन मंत्रियों व एक सांसद व कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज की साख दांव पर है। प्रथम चरण में कुल 223 उम्मीदवार अपना भाग्य आजमा रहे हैं, जिनमें 198 पुरुष व 25 महिलाएं हैं।
नारायणपुर
अभी इस सीट पर चंदन कश्यप मौजूदा वर्तमान विधायक हैं। 2018 के विधानसभा चुनाव में चंदन कश्यप ने भाजपा प्रत्याशी और पूर्व मंत्री केदार कश्यप को महज 2647 मतों से हराया था। 2023 के विधानसभा चुनाव में भी इन दोनों के बीच कड़ी टक्कर होगी।
कोंडागांव
बस्तर संभाग के इस आदिवासी बाहुल्य निर्वाचन क्षेत्र वर्तमान मंत्री एवं पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल मरकाम के पास है। मोहनलाल मरकाम यहां से 2013 और 2018 में जीत दर्ज कर चुके हैं। मरकाम ने भाजपा की पूर्व मंत्री लता उसेंडी को 1796 वोटों से मात दी थी। इस बार भी दोनों दिग्गज एक-दूसरे को चुनौती देंगे।
बीजापुर
बीजापुर में पिछले कई चुनाव में कांग्रेस और भाजपा ही मुकाबले में रहे हैं। 2018 के चुनाव में भाजपा प्रत्याशी और पूर्व महेश गागड़ा व कांग्रेस उम्मीदवार विक्रम मंडावी आमने सामने थे। कांग्रेस की लहर में विक्रम मंडावी 21584 वोटों के भारी अंतर से चुनाव जीत गए। इस बार भी कांग्रेस और भाजपा ने अपने-अपने उम्मीदवारों पर भरोसा जताते हुए चुनावी मैदान में उतारा है।
अंतागढ़
नक्सल प्रभावित कांकेर जिले में स्थित अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित अंतागढ़ विधानसभा सीट विधायक अनूप नाग के पास है। लेकिन इस बार कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने पर अनूप नाग ने निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। 2018 में अनूप नाग ने भाजपा के विक्रम उसेंडी को हराया था। भाजपा ने विक्रम उसेंडी को तो कांग्रेस ने रूप सिंह पोटाई को मैदान में उतारा है। ऐसे में यहां लड़ाई त्रिकोणीय हो सकती है।
दंतेवाड़ा
दंतेवाड़ा सीट बस्तर संभाग में आती है। महेंद्र कर्मा की परंपरागत दंतेवाड़ा सीट पर बेटे छविंद्र कर्मा पहली बार चुनावी मैदान में हैं। विधायक देवती कर्मा ने उनके लिए सीट छोड़ी है। इधर, भाजपा ने जिलाध्यक्ष चैतराम अटामी को टिकट दी है, जो क्षेत्र में अच्छी पकड़ रखते हैं।
कोंटा
सुकमा जिले का कोंटा विधानसभा सीटा कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। कांग्रेस राज्य गठन के बाद से लगातार यहां से चुनाव जीतती आ रही है। भूपेश सरकार के मंत्री कवासी लखमा कोंटा से निर्वाचित हो रहे हैं। 2018 में लखमा ने भाजपा के धनीराम बरसे को हराया था। इस बार लखमा का मुकाबला भाजपा के सोयम मुका से है।
चित्रकोट
पहले चरण इन हाई प्राेफाइल सीटों पर दिग्गजों के बीच मुकाबला
- नारायणपुर से भाजपा प्रत्याशी केदार कश्यप के सामने कांग्रेस प्रत्याशी चंदन कश्यप
- कोंडागांव से भाजपा प्रत्याशी लता उसेंडी के सामने कांग्रेस प्रत्याशी मोहनलाल मरकाम
- बीजापुर से भाजपा प्रत्याशी महेश गागड़ा के सामने कांग्रेस प्रत्याशी विक्रम मंडावी
- अंतागढ़ से भाजपा प्रत्याशी विक्रम उसेंडी के सामने कांग्रेस प्रत्याशी रुप सिंह पोटाई
- राजनांदगांव से भाजपा प्रत्याशी रमन सिंह के सामने कांग्रेस प्रत्याशी गिरीश देवांगन
- कवर्धा से भाजपा प्रत्याशी विजय शर्मा के सामने कांग्रेस प्रत्याशी मोहम्मद अकबर
- दंतेवाड़ा से भाजपा प्रत्याशी चेतराम अरामी के सामने कांग्रेस प्रत्याशी छविंद्र महेंद्र कर्मा
- कोंटा से भाजपा प्रत्याशी सोयम मुका के सामने कांग्रेस प्रत्याशी कवासी लखमा
- चित्रकोट से भाजपा प्रत्याशी विनायक गोयल के सामने कांग्रेस प्रत्याशी दीपक बैज
- केशकाल से भाजपा प्रत्याशी नीलकंठ टेकाम के सामने कांग्रेस प्रत्याशी संतराम नेताम