November 24, 2024

CG – डबल प्रेशर में सीएम विष्णु देव : आखिर मंत्रिमंडल गठन के बाद भी क्यों नहीं हुआ विभागों का बंटवारा?

रायपुर। छत्तीसगढ़ में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरकार में मुख्यमंत्री, उप मुख्यमंत्रियों का शपथ ग्रहण समारोह होने के बाद मंत्रिमंडल का गठन भी हो गया। हालांकि मंत्रिमंडल गठन के बाद अब तक विभागों का बंटवारा नहीं हो सकता है। सीएम विष्णु देव साय के मंत्रिमंडल में शामिल हुए मंत्रियों को उनके विभाग न मिलना चर्चा का विषय बना हुआ है। राजनीतिक पंडित मान रहे हैं कि विभागों के आवंटन नहीं होने से सीएम विष्णु पर दोतरफा दबाव बना हुआ है। एक ओर विपक्ष उन पर निर्णय नहीं ले पाने की बात कह कर दबाव बना रहा है। वहीं दूसरी ओर रमन सरकार में मंत्री रहे पार्टी के कद्दावर नेताओं और कई मौजूदा विधायकों को मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने से उनके समर्थकों का दबाव है।

इधर, लोकसभा चुनाव को देखते हुए विष्णु सरकार अपने घोषणा पत्र को पूरा करने में जुट गई है। इसके लिए ‘मिशन 100’ की घोषणा की है। इसमें राज्य सरकार ने 100 दिन की कार्ययोजना निर्धारित कर दी गई है। हालांकि मंत्रियों को विभागों का बंटवारा नहीं होने की वजह से संबंधित विभाग के अधिकारी पशोपेश में है। अधिकारी विभागीय कामों के लिए दिशा निर्देश का इंतजार कर रहे हैं।

मंत्रियों को विभाग न मिलने पर सवाल खड़े कर रही कांग्रेस
वहीं मंत्रियों को विभाग न मिलने के मामले को लेकर अब विपक्ष सवाल खड़े कर रहा है। विपक्ष का कहना है कि बीजेपी में कई बड़े नेता नाराज हैं। मंत्रिमंडल के गठन के बाद अब तक विभागों का बंटवारा नहीं कर सका है। कई मंत्री मलाईदार विभाग चाहते हैं। मुख्यमंत्री फैसला नहीं कर पा रहे हैं। कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला का कहना है कि ‘ विष्णु देव साय सरकार में मंत्रिमंडल के गठन के एक हफ्ते बाद भी विभागों का बंटवारा नहीं होना सवाल खड़े कर रहा है। सभी मंत्री मलाईदार विभाग पाना चाहते हैं। अगर सेवा की भावना होती तो विभागों का बंटवारा कब का हो गया होता।’ ,

वहीं विपक्ष के आरोपों को बीजेपी खारिज कर रही है। बीजेपी के पदाधिकारियों ने बीते दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा था कि ‘मंत्रिमंडल का गठन हो चुका है। अब विभागों का बंटवारा भी हो जाएगा।’

क्या विष्णु सरकार पर आ चुका है दबाव?
राजनीतिक सूत्रों का कहना है कि रमन सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे अमर अग्रवाल, अजय चंद्राकर और राजेश मूणत को इस बार मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया गया। इस वजह से कई बीजेपी नेताओं में नाराजगी है। हालांकि अबतक इन नेताओं की तरफ से सार्वजनिक तौर पर नाराजगी सामने नहीं आई है। इस मामले को लेकर सियासी गलियारों में चर्चा है कि मंत्रिमंडल के विस्तार पर पुर्नविचार करने और रमन सरकार के कद्दावर नेताओं को मंत्रिमंडल में शामिल करने का दबाव विष्णुदेव सरकार पर आ चुका है।

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