December 25, 2024

CG – प्रदेश प्रभारी बनने के बाद पहली बार पहुंचे सचिन पायलट, अयोध्या नहीं जाने के सवाल पर कहा- राजनीति और धर्म को अलग-अलग रखना चाहिए….

SACHIN

रायपुर। छत्तीसगढ़ की सत्ता हाथ से जाने के बाद कांग्रेस लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है. इसी सिलसिले में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव और प्रदेश के नव-नियुक्त प्रभारी सचिन पायलट अपने दो दिवसीय छत्तीसगढ़ दौरे पर रायपुर पहुंच गए है. रायपुर के स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट पर सचिन पायलट ने छत्तीसगढ़ के पहले दौरे की जानकारी देते हुए मीडिया को बताया कि, आने वाले लोकसभा चुनाव के लिए सभी तैयार हैं. हम संगठन को दुरुस्त कर कार्यकर्ताओं को चुनावी मैदान में उतारेंगे और आने वाले चुनाव में दुगुनी ताकत से वापसी करेंगे. एक मजबूत विपक्ष का एहसास जनता को जरूर होगा.

मीडिया से चर्चा के दौरान आज और कल की बैठक पर सचिन पायलट ने कहा कि, हम सभी को साथ लेकर आगे चलेंगे. न्याय यात्रा पर आज चर्चा करेंगे इसके बाद कल इलेक्शन कमेटी की बैठक होगी. बैठक में सभी लोकसभा क्षेत्रों के प्रतिनिधियों से फीडबैक लेंगे.

राजनीति और धर्म को अलग-अलग रखना चाहिए

अयोध्या नहीं जाने के सवाल पर सचिन पायलट ने कहा कि, राजनीति और धर्म को अलग-अलग रखना चाहिए. हम जनता के मुद्दों पर चर्चा करना चाहते हैं, धर्म की आड़ पर राजनीति से कोई सुविधा नहीं मिलेगी. मंदिर नहीं जाना आस्था का सवाल है, इससे मुद्दे का ध्रुवीकरण हो रहा है. वहीं कांग्रेस कार्यकर्ताओं के आपसी विवाद के मामलों पर सचिन पायलट ने कहा कि, चुनाव में हार के बाद कार्यकर्ताओं में मतभेद रहता है. सब बातों को भूलकर अब आगे की ओर देखना है. कांग्रेस और इंडी गठबंधन कैसे मजबूत होगा यह सुनिश्चित करना है. छत्तीसगढ़ में हम सभी सीटों में जीतने की कोशिश करेंगे. 2024 के चुनाव में इंडी गठबंधन सरकार बनाएगी.

कांग्रेस का कोई कार्यकर्ता पराजित महसूस नहीं कर रहा

2023 चुनाव में हार के बाद कार्यकर्ताओं में हताशा को लेकर सचिन पायलट ने कहा कि, हार और जीत राजनीति के दो पहलू है, कांग्रेस का कोई कार्यकर्ता पराजित महसूस नहीं कर रहा है. छत्तीसगढ़ के हर एक गांव और कस्बों में कांग्रेस के झंडे को एक्टिवेट करना है. बीजेपी के “पायलट क्रैश कर देगा” वाले बयान पर सचिन पायलट ने कहा कि, बीजेपी के प्रोपेगेंडा मशीन को मुझसे अच्छा कोई नहीं जानता. केंद्र के 10 साल के कार्यकाल में आज हर वर्ग पीड़ित है. उन्होंने भावनात्मक मुद्दों को प्राथमिकता देखकर वोट बटोरने का काम किया है.

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