CG – कांग्रेस में बड़े बदलाव के संकेत : अमरजीत भगत को मिल सकती है जिम्मेदारी, मरकाम बन सकते हैं मंत्री !
रायपुर। छत्तीसगढ़ कांग्रेस की टीम में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बड़ा बदलाव होने जा रहा है। इस बात के संकेत खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने दिया है। बता दे कि शनिवार को दिल्ली में राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से सीएम भूपेश बघेल की मुलाकात हुई। जिसमें छत्तीसगढ़ कांग्रेस संगठन में बदलाव को लेकर चर्चा हुई है। सूत्रों की मानें तो केंद्रीय नेतृत्व को बघेल ने इस फेरबदल के लिए सहमत करा लिया हैं। संगठन में फेरबदल का असर मंत्रिमंडल में भी दिखे तो कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए।
बीती रात भूपेश बघेल ने रायपुर लौटते ही एयरपोर्ट पर कहा कि, संगठन में फेरबदल होने जा रहा है। इस पर विस्तार से चर्चा राष्ट्रीय अध्यक्ष से हुई है। प्रदेश के शीर्ष नेतृत्व से बदलाव होने की संभावना है। अमरजीत भगत को बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। वहीँ मोहन मरकाम को मंत्रिमंडल में लिए जाने का कयास भी लगाए जा रहे हैं। यह किस तरह का होगा यह आने वाले दिनों में दिखेगा।
बताया जा रहा हैं कि संगठन में बदलाव को लेकर भूपेश बघेल ने अपने इनपुट राष्ट्रीय अध्यक्ष को दे दिए हैं। मुख्यमंत्री और मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम के बीच खींचतान की खबरें भी आती रही है। हालांकि दोनों नेता हमेशा पार्टी को परिवार बताते हुए किसी भी तरह की गुटबाजी या नाराजगी से इनकार करते रहे हैं। पर विधानसभा चुनाव के मद्देनज़र सीएम बघेल और पार्टी आलाकमान कोई भी रिस्क लेना नहीं चाहते।
छत्तीसगढ़ कांग्रेस में टिकट बंटवारे को लेकर लॉबिंग भी शुरू हो चुकी है। प्रदेश संगठन में होने वाले बदलाव का सीधा असर टिकटों के बंटवारे पर पड़ेगा। टिकट बंटवारे में जाहिर तौर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की राय अहम होगी। लिहाजा संगठन में ऐसे लोगों को प्रमुख पद दिए जा सकते हैं जो इस मुद्दे पर एक राय होकर काम कर सकें। पार्टी सूत्रों के मुताबिक इस बात की भी चर्चा है कि अमरजीत भगत को बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है। वह इस समय प्रदेश सरकार में खाद्य मंत्री भी हैं। और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के करीबी भी माने जाते हैं। कांग्रेस का राष्ट्रीय अधिवेशन हाल ही में रायपुर में हुआ था। इसमें तय किया गया कि कांग्रेस अपने संगठन में 50 फीसदी हिस्सेदारी महिलाओं दलितों आदिवासी और युवाओं को देगी। अब प्रदेश संगठन में आगामी होने वाले बदलावों में इन नियमों का ध्यान रखा जाएगा। चर्चा ये भी है कि जिला और प्रदेश स्तर में कुछ नए और पुराने पदाधिकारियों को फिर मौका दिया जाएगा। और यही टीम चुनावी मैदान में उतरेगी। बहरहाल संगठन में फेरबदल का असर मंत्रिमंडल में भी दिखे तो कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए।