CG : अटकलें ‘कका’ की थी और कद ‘बाबा’ का बढ़ा, कांग्रेस ने टीएस सिंहदेव को सौंपी बड़ी जिम्मेदारी, 2018 वाली रणनीति पर फोकस…
रायपुर। लोकसभा चुनाव में हार के बाद कांग्रेस में संगठनात्मक बदलाव की अटकलें लगाई जा रही थीं। मीडिया में यह खबर आग की तरह फैली थी कि छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को राष्ट्रीय राजनीति में बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। भूपेश बघेल के कांग्रेस महासचिव बनाने की अटकलें लगाई जा रही थीं लेकिन कद राज्य के पूर्व डेप्युटी सीएम टीएस सिंहदेव का बढ़ गया है। कांग्रेस ने टीएस सिंहदेव को बड़ी जिम्मेदारी दी है। चार राज्यों के विधानसभा चुनाव के लिए टीएस सिंहदेव को मेनिफेस्टो कमेटी का मेंबर बनाया गया है। कांग्रेस को टीएस सिंहदेव से 2018 वाली रणनीति की उम्मीद है।
कांग्रेस ने टीएस सिंहदेव को हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड और जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए जिम्मेदारी सौंपी है। उन्हें घोषणा पत्र कमेटी का प्रभारी बनाया गया है। टीएस सिंहदेव को जिम्मेदारी मिलने के बाद राज्य की सियासत में एक बार फिर से ‘काका’ और ‘बाबा’ के वर्चश्व की बातें होने लगी हैं। बता दें कि छत्तीसगढ़ में टीएस सिंहदेव का बाबा और भूपेश बघेल को काका कहा जाता है।
पहले भी मिल चुकी है बड़ी जिम्मेदारियां
छत्तीसगढ़ के पूर्व उपमुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव को हरियाणा, महाराष्ट्र, झारखंड, जम्मू कश्मीर का चुनावी मेनिफेस्टो की कॉर्डिनेशन समिति का प्रभारी बनाया गया है। टीएस सिंहदेव के साथ अमिताभ दुबे को भी जिम्मेदारी दी गई है। बता दें कि लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भी कांग्रेस ने टीएस सिंहदेव को सेंट्रल घोषणा पत्र समिति का कोऑर्डिनेटर बनाया था। हालांकि उस समय सीनियर लीडर पी चिदंबरम उनसे ऊपर रखा गया था।
क्या है 2018 वाली रणनीति?
छत्तीसगढ़ में 2018 में विधानसभा चुनाव हुए थे। इस चुनाव में घोषणा पत्र तैयार करने की जिम्मेदारी टीएस सिंहदेव को सौंपी गई थी। 2018 में कांग्रेस ने राज्य में बंपर जीत दर्ज की थी। इस जीत का श्रेय कांग्रेस के घोषणा पत्र और टीएस सिंहदेव को दिया गया था। हालांकि तब टीएस सिंहदेव राज्य के सीएम नहीं बन पाए थे। कांग्रेस ने तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल को राज्य का मुख्यमंत्री बनाया था। अब चार राज्यों के विधानसभा चुनाव में टीएस सिंहदेव को जिम्मेदारी सौंप कर कांग्रेस 2018 वाली रणनीति के तहत सत्ता में वापसी की कोशिश कर रही है। छत्तीसगढ़ में 2023 में भी विधानसभा के चुनाव हुए थे लेकिन तब टीएस सिंहदेव ने घोषणा पत्र बनाने की जिम्मेदारी लेने से इंकार कर दिया था।