October 22, 2024

CM साय ने कहा : ‘शिक्षकों के तबादले में हुई गड़बड़ियां पहले ठीक करेंगे, इसके बाद शुरू होगी नई भर्तियां’

नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने अपनी पहली ही कैबिनेट मीटिंग में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 18 लाख से ज्यादा घरों को स्वीकृति दी, जिसे अभी केंद्र सरकार की ओर से मंजूरी मिलनी है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री का कहना है कि राज्य की पिछली यानी कांग्रेस सरकार ने केंद्र से 60 पर्सेंट हिस्सा लिया ही नहीं तो यह फंड दूसरे राज्यों को चला गया।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बताया कि सरकार बनने के दूसरे ही दिन कैबिनेट की बैठक में 18,12,743 जरूरतमंद परिवारों को प्रधानमंत्री आवास उपलब्ध कराने की स्वीकृति देने का फैसला लिया गया। इसके लिए 12,168 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। अटल जी के जन्मदिन सुशासन दिवस पर 13 लाख किसानों के बैंक खातों में 3,716 करोड़ रुपए का बकाया धान बोनस देकर इस गारंटी को भी पूरा किया गया। 32 हजार करोड़ रुपए के समर्थन मूल्य की राशि का तत्काल भुगतान किसानों को किया और फिर 12 जनवरी को 24,75,000 किसानों को कृषक उन्नति योजना के अंतर्गत 13,320 करोड़ रुपए की राशि दी गई। इस साल राज्य में 145 लाख मीट्रिक टन धान की रेकॉर्ड खरीदी हुई है। महतारी वंदन योजना के तहत महिलाओं को हर महीने एक हजार रुपये की राशि दी जा रही है।

उन्होंने कहा कि पांच माह की राशि जारी की जा चुकी है। इसका लाभ 70 लाख महिलाओं को मिल रहा है। राज्य में तेंदूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक दर 4,000 रुपए प्रति मानक बोरा से बढ़ाकर अब 5,500 रुपए प्रति मानक बोरा कर दी गई है। चालू तेंदूपत्ता सीजन से ही 12 लाख 50 हजार तेंदूपत्ता संग्राहकों को योजना का लाभ मिल रहा है। संग्राहकों के लिए राज्य सरकार द्वारा चरण पादुका योजना भी शुरू की जाएगी, साथ ही उन्हें बोनस का लाभ भी दिया जाएगा। PSC घोटाले की जांच CBI को सौंप दी गई है।

प्रधानमंत्री आवास योजना को लेकर श्री साय ने कहा कि इसमें 60 और 40 का रेश्यो रहता है। 40 पर्सेंट राशि राज्य सरकार देती है और 60 पर्सेंट केंद्र सरकार। हमने इसके लिए बजट की व्यवस्था कर दी है। केंद्र से भी पैसा मिल जाएगा। पिछली राज्य सरकार ने केंद्र सरकार से 60 पर्सेंट हिस्सा लिया ही नहीं तो केंद्र ने इसे दूसरे प्रदेशों को दे दिया।

सीएम साय ने वर्तमान केंद्रीय बजट को लेकर कहा कि हम बजट से संतुष्ट हैं। विजन डॉक्युमेंट पर भी काम होगा। धीरे-धीरे सब होगा। बजट में 3 करोड़ और घर बनाने की बात कही गई है। पहले पुराने पात्रों को मिल जाएगा और फिर औरों को भी मिलेगा।

छत्तीसगढ़ में कानून-व्यवस्था और स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर विपक्ष द्वारा लगातार सवाल उठाये जाने को लेकर साय ने कहा कि हमारे गृह मंत्री ने इसका तफसील से जवाब दिया है और पूरा कंपैरिजन करके बताया है कि कांग्रेस सरकार के शुरू के छह महीनों में कानून-व्यवस्था कैसी थी और हमारे वक्त में कैसी है। मौजूदा सरकार पिछली सरकार से हर मामले में बेहतर है। क्राइम भी कम हुआ है। हम तत्काल FIR करते हैं और शूटिंग मामले में तत्काल गिरफ्तारी भी की गई। स्वास्थ्य सेवाएं भी अच्छी हैं।

राज्य में नई भर्ती को लेकर मुख्यमंत्री साय ने कहा कि शिक्षा सबसे बड़ा विभाग है, जहां भर्तियां होती हैं। छत्तीसगढ़ में पिछली सरकार के कार्यकाल में शिक्षकों के स्थानांतरण और पदस्थापना में बहुत अनियमितताएं हुईं, जिसके कारण शिक्षा के क्षेत्र में अव्यवस्था हुई है। राज्य में पर्याप्त संख्या में शिक्षक होने के बावजूद कई जगह शिक्षकों का अभाव नजर आया। वहीं, अनेक जगह ऐसी थीं, जहां आवश्यकता से अधिक शिक्षक भेज दिए गए। छत्तीसगढ़ में शिक्षकों और विद्यार्थियों का अनुपात राष्ट्रीय अनुपात से बेहतर है। देश में 26 विद्यार्थियों के पीछे एक शिक्षक का अनुपात है जबकि प्रदेश में 21 विद्यार्थियों के पीछे एक शिक्षक का। हमारी सरकार पहले इस अव्यवस्था को ठीक करके बैलेंस बनाएगी और उसके बाद भर्तियां की जाएंगी।

CM साय ने बताया कि नक्सलियों के खिलाफ मजबूती से लड़ाई लड़ी जा रही है और नक्सली का क्षेत्र सिकुड़ता जा रहा है। हमने नियद नेल्ला नार योजना शुरू की है जिसका अर्थ है ‘आपका अच्छा गांव’। इस योजना का मकसद बस्तर के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सुरक्षा शिविरों के आसपास के 5 किलोमीटर के अंदर आने वाले गांवों में बुनियादी सुविधाएं और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ देना है। पिछले छह महीनों में कुल 23 सुरक्षा कैंप स्थापित किए गए हैं। दक्षिण बस्तर और माड़ में 30 नए कैंप स्थापित करने की योजना बनाई गई है। नए स्थापित कैंपों के आसपास के पांच गांवों को राज्य के 17 विभागों की 53 कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ा गया है।

उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से इन गांवों में आवास, अस्पताल, पानी, बिजली, पुल-पुलिया, स्कूल आदि मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। पिछले छह महीनों में 98 किलोमीटर लंबी 27 सड़कें, 2 पुल और 103 पुलिया का निर्माण पूरा हो चुका है। इस योजना के लिए बजट में 20 करोड़ रुपए का अतिरिक्त आवंटन किया गया है।

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