October 7, 2024

नक्सल ऑपरेशन पर चर्चा के बाद PM मोदी से मिलेंगे CM विष्णुदेव साय, जानें क्यों प्रधानमंत्री ने दिया है न्योता

file photo

नईदिल्ली। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सुबह 10 बजे नक्सल प्रभावित राज्यों की बैठक में शामिल होंगे। यह बैठक केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में विज्ञान भवन में आयोजित की जाएगी। इस बैठक में मुख्यमंत्री राज्य में हाल ही में हुए सफल नक्सल ऑपरेशन की जानकारी साझा करेंगे। इसके बाद वह पीएम मोदी से भी मुलाकात करेंगे। सूत्रों के अनुसार, शाम को 6 बजे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उनके निवास पर मुलाकात करेंगे।

प्रधानमंत्री ने छत्तीसगढ़ में नक्सल ऑपरेशन की सफलता पर मुख्यमंत्री को बधाई देने के लिए विशेष रूप से आमंत्रित किया है। मुलाकात के दौरान मुख्यमंत्री प्रधानमंत्री को राज्य में चल रहे विकास कार्यों और योजनाओं की जानकारी विस्तार से देंगे। इसके साथ ही उनकी सरकार की आगामी योजनाओं का विस्तार से प्रजेंटेशन भी प्रस्तुत करेंगे।

शुक्रवार को मारे गए 31 नक्सली
सुरक्षाबलों ने शुक्रवार (4 अक्टूबर) को एक मुठभेड़ में 31 नक्सलियों को मार गिराया था। यह छत्तीसगढ़ के इतिहास का सबसे बड़ा नक्सल ऑपरेशन था। इससे पहले इसी साल सुरक्षाबलों ने एक ऑपरेशन में 29 नकस्ली मारे थे। मुठभेड़ में मारे गए 31 नक्सलियों में से 16 की पहचान वरिष्ठ नक्सलियों के रूप में हुई है, जिन पर कुल 1.30 करोड़ रुपये से अधिक का इनाम था। मारे गए नक्सलियों में से माओवादियों के सबसे मजबूत संगठन दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी (डीकेएसजेडसी) की महिला सदस्य नीति उर्फ उर्मिला पर 25 लाख रुपये का इनाम था।

सौर और जल विद्युत क्षमता का विस्तार कर रहा छत्तीसगढ़
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने गुरुवार (तीन अक्टूबर) को बताया था कि छत्तीसगढ़ अपनी सौर और जल विद्युत क्षमता का विस्तार कर रहा है। राज्य 2030 तक भारत को 500 गीगावाट अक्षय ऊर्जा क्षमता का लक्ष्य हासिल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। साय ने कहा है कि पर्यावरण संकट और जलवायु परिवर्तन राष्ट्रीय चिंतन का विषय बन गया है और इस समस्या से निपटने के लिए सभी को समान रूप से सहभागिता निभानी होगी। छत्तीसगढ़ का 44 फीसदी हिस्सा वनाच्छादित है और सरकार इसे सहेजने का काम गंभीरता के साथ कर रही है। हाल ही में गुरु घासीदास-तमोर पिंगला को बाघ अभयारण्य बनाने की पहल की गई है। इसके माध्यम से वन्यजीवों के संरक्षण और पर्यावरण के संवर्धन में भी बड़ी मदद मिलेगी और यह देश का तीसरा सबसे बड़ा बाघ अभयारण्य होगा।

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