रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने नक्सलियों के पुनर्वास और आत्मसमर्पण को लेकर एक नई नीति की घोषणा की है, जो नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति बहाली और विकास के नए रास्ते खोलने जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नक्सली अगर हिंसा और आतंक का रास्ता छोड़कर मुख्यधारा में लौटते हैं तो उन्हें दोगुना इनाम और पुनर्वास सहायता दी जाएगी।
1100 से अधिक नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण
मुख्यमंत्री ने बताया कि अब तक 1100 से अधिक नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं। सरकार ने उनके साथ न्यायपूर्ण और संवेदनशील रवैया अपनाया है। आत्मसमर्पण करने वालों को प्रधानमंत्री आवास योजना, रोजगार, और स्किल डेवलपमेंट जैसे योजनाओं से जोड़ा जा रहा है ताकि वे सम्मानजनक जीवन जी सकें।
मिलेगा दोगुना इनाम
नई आत्मसमर्पण नीति (CG Naxal Surrender Policy) के तहत यदि 80% या उससे अधिक सदस्य किसी नक्सली फॉर्मेशन यूनिट के सामूहिक रूप से आत्मसमर्पण करते हैं, तो उन्हें घोषित इनामी राशि का दोगुना मिलेगा। इसके साथ ही जिन पंचायतों को पूरी तरह नक्सल मुक्त घोषित किया जाएगा वहां 1 करोड़ रुपए तक के विकास कार्य किए जाएंगे।
पति-पत्नी दोनों आत्मसमर्पण करें तो अलग-अलग लाभ
यदि किसी नक्सली दंपत्ति द्वारा आत्मसमर्पण किया जाता है, तो उन्हें अलग-अलग इकाई मानते हुए पृथक पुनर्वास योजना का लाभ दिया जाएगा। उनके लिए इनामी राशि और सहायता राशि अलग-अलग निर्धारित की जाएगी, जिससे पुनर्वास प्रक्रिया ज्यादा प्रभावशाली हो सके।
10 दिन के भीतर मिलेगी राहत राशि
सरकार ने स्पष्ट किया है कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को 10 दिनों के भीतर राहत और सहायता राशि प्रदान की जाएगी। यदि उनके खिलाफ आपराधिक प्रकरण दर्ज हैं, तो छह महीने के अच्छे आचरण और योगदान के आधार पर उन मामलों को समाप्त करने पर विचार किया जा सकता है।
नक्सलवाद के खिलाफ नई रणनीति
यह नई आत्मसमर्पण नीति न केवल नक्सलियों को समाज में वापस लाने की दिशा में बड़ा कदम है, बल्कि यह संदेश भी देती है कि छत्तीसगढ़ अब हिंसा नहीं, विकास चाहता है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में राज्य सरकार ने नक्सलवाद उन्मूलन के लिए स्पष्ट रणनीति और इच्छाशक्ति का प्रदर्शन किया है।