November 22, 2024

जाति का कॉम्बिनेशन, नए-पुराने चेहरे का संतुलन, छत्तीसगढ़ में ये है BJP का 2024 प्लान

छत्तीसगढ़ में बीजेपी सरकार बनने के दस दिन बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय अपनी कैबिनेट का गठन करने जा रहे हैं. मंत्रिमंडल का विस्तार शुक्रवार को किया जाएगा. नौ विधायक मंत्री पद की शपथ लेंगे. कैबिनेट में नए और पुराने चेहरों को मौका देकर संतुलन बनाने की कोशिश की है. मंत्रिमंडल में जातीय समीकरण साधने और क्षेत्रीय बैलेंस बनाने की पूरी कोशिश बीजेपी नेतृत्व ने की है ताकि 2024 में जीत का फॉर्मूला दोहरा सके.

बीजेपी ने जिस तरीके से छत्तीसगढ़ में सीएम की रेस में चल रहे नामों पर चौंकाते हुए फैसला लिया, वैसा ही दांव कुछ मंत्रिमंडल को लेकर किया है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मंत्रिमंडल में बृजमोहन अग्रवाल, ओपी चौधरी, रामविचार नेताम, केदार कश्यप, श्याम बिहारी जायसवाल, लक्ष्मी रजवाड़े, टंक राम वर्मा, दयाल दास बघेल और लखन लाल देवांगन ने आज मंत्री पद की शपथ ले ली है. सीएम विष्णुदेव साय, डिप्टी सीएम सीएम अरुण साव ने पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकात कर कैबिनेट मंत्री की लिस्ट फाइनल की है.

राजभवन में बीजेपी के सभी 9 विधायकों को मंत्री पद की शपथ राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने दिलाई. सीएम विष्णुदेव साय ने कहा है कि मंत्री पद की शपथ लेने के बाद सभी मंत्रियों को उनके विभाग आवंटित भी कर दिए जाएंगे. सीएम और दो डिप्टी सीएम पहले ही शपथ ले चुके हैं और अब 9 विधायकों के मंत्री पद के शपथ लेने के बाद 12 सदस्यीय कैबिनेट हो गई है.

बीजीपी ने साधा जातीय समीकरण

बीजेपी ने विष्णुदेव साय कैबिनेट के जरिए छत्तीसगढ़ के जातीय समीकरण को साधने की कवायद की है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आदिवासी समुदाय से हैं जबकि डिप्टी सीएम अरुण साव ओबीसी से हैं और दूसरे डिप्टी सीएम विजय शर्मा ब्राह्मण समुदाय से हैं. बीजेपी ने कैबिनेट में जिन 9 विधायकों को जगह देने का फैसला किया है, उसमें सबसे ज्यादा संख्या ओबीसी समुदाय की है. इसके बाद दो आदिवासी, एक दलित और एक सामान्य वर्ग से मंत्री बनाने का फैसला किया है.

विष्णुदेव साय के मंत्रिमंडल में छह ओबीसी समुदाय से मंत्री बनाए गए हैं. डिप्टी सीएम अरुण साव ओबीसी से हैं और उनके अलावा लखनलाल देवांगन, श्याम बिहारी जायसवाल, ओपी चौधरी, टंक राम वर्मा और लक्ष्मी राजवाड़े अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से मंत्री बनाए जा रहे हैं. आदिवासी समुदाय से मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के अलावा रामविचार नेताम और केदार कश्यप कैबिनेट का हिस्सा होंगे. दलित समुदाय से दयालदास बघेल मंत्री बनेंगे जबकि सामान्य वर्ग से विजय शर्मा डिप्टी सीएम हैं और बृजमोहन अग्रवाल को मंत्री बनाया जा रहा है.

पुराने और नए चेहरे का संतुलन

बीजेपी ने छत्तीसगढ़ कैबिनेट में पुराने और नए चेहरों के तवज्जे देकर एक बैलेंस बनाने की कोशिश की है ताकि अनुभव के साथ भविष्य की लीडरशिप स्थापित करने का दांव चला है. बृजमोहन अग्रवाल, रामविचार नेताम, केदार कश्यप और दलायदाल बघेल जैसे वरिष्ठ नेताओं को जगह दी गई है, जो पिछली बीजेपी सरकारों में मंत्री के रूप में काम कर चुके है. वहीं, ओपी चौधरी, टंकराम वर्मा और लक्ष्मी राजवाड़े जैसे नए चेहरों को कैबिनेट में शामिल किया गया है, जो पहली बार के विधायक बने हैं. श्याम बिहारी जायसवाल और लखन देवांगन दूसरी बार विधायक बने हैं, जिन्हें मंत्री बना जा रहा.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय केंद्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार के पहले कार्यकाल में केंद्रीय मंत्री के रूप में कार्य कर चुके हैं जबकि डिप्टी सीएम बने अरुण साव और विजय शर्मा पहली बार के विधायक हैं. छत्तीसगढ़ की 12 सदस्यीय कैबिनेट में चार पुराने चेहरों को जगह दी है तो 8 नए चेहरे शामिल किए हैं. इस तरह से पुराने और नए चेहरों को साथ बीजेपी ने बैलेंस बनाने का दांव चला है ताकि एक सियासी संतुलन बना रहे.

2024 जीतने का बीजेपी प्लान

बीजेपी ने साय कैबिनटे के जरिए 2024 के लोकसभा चुनाव जीतने की रुपरेखा बनाई है. राज्य में 11 लोकसभा सीटें है और बीजेपी ने 2019 में 9 सीटें जीती थी, लेकिन इस बार उसकी नजर सभी 11 सीटें जीतने पर है. यही वजह है कि सरकार से लेकर कैबिनेट गठन तक में जातीय समीकरण का खास ख्याल रखा जा रहा है. राज्य में सबसे बड़ी आबादी ओबीसी की है, जिसकी वजह से ही कैबिनेट सबसे ज्यादा तवज्जे ओबीसी नेताओं को दी गई है. इसके बाद आदिवासी समुदाय से सीएम और दो मुख्यमंत्री बनाए गए हैं. सवर्ण वोटों को देखते हुए बीजेपी ने एक डिप्टीसीएम और एक मंत्री बनाए हैं और कैबिनेट में दलित समुदाय से एक ही सदस्य को स्थान दिया गया है.

राजपूत समुदाय को प्रदेश संगठन

बीजेपी ने पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह को स्पीकर का पद दिया है, लेकिन कैबिनेट में किसी भी राजपूत समुदाय को जगह नहीं मिली है. अरुण साव के डिप्टीसीएम बनाए जाने के बाद बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी किरण देव सिंह को सौंपी गई है. किरण देव इससे पहले भी संगठन में कई जिम्मेदारियां संभाल चुके हैं. वर्तमान में वे जगदलपुर से विधायक हैं. आदिवासी समुदाय के सत्ता तो राजपूत समुदाय को प्रदेश संगठन का जिम्मा देकर जातीय संतुलन बनाने की कोशिश की है. इसके अलावा बीजेपी ने क्षेत्रीय बैलेंस बनाने का भी दांव चला है, बस्तर से लेकर रायपुर तक के नेताओं को कैबिनेट में जगह दी गई है.

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