November 15, 2024

कांग्रेस में विवाद : सिब्बल ने ट्वीट वापस लिया, आजाद अब भी नाराज

नई दिल्ली।  कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में नेताओं के आपसी विवाद उभर कर सामने आ रहे हैं. कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बैठक के दौरान आरोप लगाया कि जिन्होंने इस वक्त चिट्ठी लिखी है वो भारतीय जनता पार्टी से मिले हुए है. इस पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता नाराज नजर आ रहे हैं. कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने बैठक के दौरान ही ट्वीट कर दिया. हालांकि उन्होंने अपने पिछले ट्वीट को वापस ले लिया. सिब्बल ने ट्वीट वापस लेते हुए कहा कि, राहुल गांधी ने व्यक्तिगत तौर पर सारी बात बताई है। 


कपिल सिब्बल को पार्टी प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने जवाब देते हुए कहा कि मीडिया की भ्रामक बातों से गुमराह न हों. उन्होंने सिब्बल के ट्वीट का जवाब देते हुए कहा कि राहुल गांधी ने इस तरह का कोई भी शब्द नहीं कहा है. लेकिन हां, हम सभी को एक साथ मिलकर मोदी सरकार से लड़ने की जरूरत है.


बता दे कि उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा कि राहुल गांधी कह रहे हैं हम भारतीय जनता पार्टी से मिले हुए हैं. मैंने राजस्थान हाईकोर्ट में कांग्रेस पार्टी का सही पक्ष रखा, मणिपुर में पार्टी को बचाया. पिछले 30 साल में ऐसा कोई बयान नहीं दिया जो किसी भी मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी को फायदा पहुंचाए. फिर भी कहा जा रहा है कि हम भारतीय जनता पार्टी के साथ हैं.

वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस के एक और वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि अगर वह किसी भी तरह से बीजेपी से मिले हुए हैं, और इसकी सत्यता प्रमाणित हो जाती है तो वह अपना इस्तीफा दे देंगे.

बता दें कि कांग्रेस कार्य समिति की हंगामेदार बैठक में सोमवार को राहुल गांधी ने पत्र लिखने वाले सभी नेताओं को भाजपा का एजेंट बता दिया. इसके बाद पत्र लिखने वाले नेताओं में से एक गुलाब नबी आजाद ने कहा कि अगर ये साबित हो जाय कि वो भाजपा से सांठ-गांठ कर रहे हैं तो वो पार्टी छोड़ देंगे. हरियाणा कांग्रेस की नेता कुमारी शैलजा ने भी पत्र लिखने वालों पर हमला बोला और कहा कि वो भाजपा के एजेंट की तरह काम कर रहे हैं.

इससे पहले पत्र लिखने वालों पर हमला बोलते हुए राहुल गांधी ने इसकी टाइमिग को लेकर सवाल उठाए और कहा कि ऐसे समय में जब सोनिया गांधी बीमार थी तब चिट्ठी लिखने की क्या जरूरत थी. क्या जरूरत थी पत्र लिखने की. ऐसे समय में जब सोनिया गांधी बीमार थी और राजस्थान में राजनीतिक संकट चल रहा था, राहुल गांधी ने कहा.

बता दें कि सोनिया गांधी को 30 जुलाई को रूटीन चेक अप के लिए सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जबकि राजस्थान का सियासी संकट 11 जुलाई को शुरू हुआ था जब सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फूंक दिया था.

इससे पहले कार्य समिति की बैठक में सोनिया गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की पेशकश की लेकिन पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिह ने उनसे पद पर बने रहने का आग्रह किया.सोनिया गांधी ने कहा कि नए अध्यक्ष के चुनाव को लेकर प्रक्रिया शुरू हो जानी चाहिए. पार्टी के महासचिव के. सी. वेणुगोपाल ने सोनिया का ये संदेश पढ़ा.

मनमोहन सिंह और ए के अंटोनी ने पार्टी में सुधार और नेतृत्व परिवर्तन की मांग को लेकर पिछले दिनों लिखे गए पत्र पर नाराजगी जाहिर की.

हम आपको बता दें कि कांग्रेस पार्टी में उस वक्त एक नया सियासी तूफान खड़ा हो गया जब 20 कांग्रेस नेताओं का लिखा एक पत्र सामने आया जिसमें फुल टाइम अध्यक्ष और कांग्रेस में सुधार लाने की मांग की गई थी.रविवार को कांग्रेस के चार मुख्यमंत्रियों ने भी पत्र लिख कर गांधी परिवार पर भरोसा जताया था और परिवार से ही किसी व्यक्ति के अध्यक्ष बनने की मांग की थी. 

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