CM साय के लिए विकास जरूरी; नक्सलवाद, खनन, धर्मांतरण और भ्रष्टाचार को लेकर कही ये बड़ी बातें
रायपुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि उनकी सरकार इस पर सहमत नहीं है कि औद्योगीकरण और खनन नहीं होना चाहिए, बल्कि ये गतिविधियां विकास और रोजगार के लिए महत्वपूर्ण हैं। सीएम साय ने कहा कि उनकी सरकार राज्य के जैव-विविधता से समृद्ध सरगुजा क्षेत्र के संबंध में खनन गतिविधियों के फायदे और नुकसान का विश्लेषण करने के बाद उचित कदम उठाएगी, जहां पिछले कई वर्षों में अनेक स्थानों पर कोयला खनन के खिलाफ आदिवासियों ने विरोध प्रदर्शन किया है।
हताश हो गए हैं नक्सली
सीएम साय ने यह भी दावा किया है कि राज्य में सरकार बदलने के बाद नक्सली हताश हो गए हैं और डबल इंजन वाली सरकार इस समस्या से मजबूती से लड़ेगी और इसे खत्म करेगी। राज्य में हुए विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा 5 साल बाद सत्ता में वापस आई है। भाजपा के प्रमुख आदिवासी चेहरे साय ने पिछले सप्ताह 13 दिसंबर को ही सीएम पद की शपथ ली थी। साय उत्तरी छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल सरगुजा संभाग से आते हैं, जहां भाजपा ने इस चुनाव में सभी 14 विधानसभा क्षेत्रों पर जीत हासिल की है। सरगुजा क्षेत्र के लोग, विशेषकर आदिवासी पिछले कई वर्षों से हसदेव अरंड वन क्षेत्र में कोयला खनन का विरोध कर रहे हैं।
नहीं रुकेंगे विकास के कार्य
इस संबंध में नवनिर्वाचित सरकार के रुख के बारे में पूछे जाने पर साय ने कहा कि “जहां तक खनन की बात है, उसे देखेंगे। खनन नहीं हो, उद्योग धंधे नहीं खुले, हम इस पक्ष में नहीं हैं। क्योंकि ये सब रोजगार बढ़ाने के अवसर हैं।’’ उन्होंने कहा कि ‘‘सरगुजा संभाग में पर्यटन की अपार संभावना है, वह क्षेत्र वनों से आच्छादित है, यहां जलप्रपात भी बहुत हैं। मुख्यमंत्री होने के नाते हमारा प्रयास होगा कि इस क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिले। जब खनन होता है और उद्योग खुलते हैं तो लाभ के साथ हानि भी होती है, प्रदूषण भी होता है। इसलिए हर मामले पर गुण-दोष के आधार पर विचार करने के बाद उचित कदम उठाए जाएंगे।’’
कांग्रेस सरकार में बढ़ा नक्सलवाद
वहीं राज्य में नक्सलवाद की समस्या को लेकर सरकार के रुख के बारे में पूछे गए सवाल पर सीएम साय ने कहा कि ‘‘जब राज्य में 15 वर्षों (2003-2018) तक भाजपा की सरकार थी तब हम कड़ाई से नक्सलवाद से लड़े, लेकिन जब सरकार बदली तब माओवादियों को बढ़ावा मिला। नक्सली कहते थे कि उनकी सरकार आ गई है।’’ राज्य, विशेष रूप से दक्षिण में बस्तर क्षेत्र तीन दशक से अधिक समय से वामपंथी उग्रवाद से जूझ रहा है। सीएम साय ने कहा कि ‘‘जब से यहां पर सरकार बदली है उनमें बौखलाहट आई है और कायराना हरकत कर रहे हैं। हमने अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए हैं जिसके बाद पुलिस एक्शन में आ गई है, नक्सली पकड़े भी गए हैं।
गृह मंत्री ने भी नक्सलवाद के सफाए का किया वादा
सीएम ने कहा कि हमारे देश के गृह मंत्री अमित शाह भी नक्सलवाद खत्म करना चाहते हैं। केंद्र और राज्य दोनों मिलकर निश्चित तौर पर मजबूती के साथ नक्सलवाद से लड़ाई लड़ेंगे।’’ पिछले महीने राज्य में चुनाव प्रचार के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि यदि भाजपा राज्य में सत्ता में आती है तो अगले पांच वर्षों में छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद को खत्म कर दिया जाएगा।
धर्मांतरण की घटनाओं पर लगेगी रोक
इसके साथ ही आदिवासी नेता साय ने कांग्रेस पर उसके शासनकाल के दौरान धर्मांतरण को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि नई सरकार ऐसी गतिविधियों पर प्रभावी रोक लगाने के लिए कदम उठाएगी। उन्होंने कहा कि ‘‘पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान धर्मांतरण जोरों पर हुआ। शिकायतकर्ता के खिलाफ ही कार्रवाई होती थी। मैं स्पष्ट रूप से कह सकता हूं कि कांग्रेस पार्टी अपना वोट बैंक बढ़ाने के लिए धर्मांतरण को बढ़ावा देती रही, क्योंकि जो धर्मांतरित हो जाता है वह भारतीय जनता पार्टी से अलग हो जाता है। लेकिन अब ऐसा कुछ नहीं होगा, ऐसा नहीं होने देंगे, अब धर्मांतरण पर रोक लगेगी।”
सरकार के लिए अन्य कार्य भी जरूरी
राज्य में अवैध धर्मांतरण को रोकने के लिए कड़े कानून बनाने के बारे में पूछे जाने पर सीएम साय ने कहा कि ‘‘अभी सरकार बने हुए मुश्किल से पांच-सात दिन ही हुए हैं। अभी जो जरूरी काम हैं मसलन आवास देने का काम, किसानों को दो साल का बोनस देने का काम, महतारी वंदन योजना (विवाहित महिलाओं के लिए वित्तीय सहायता योजना) आदि पर ध्यान दिया जाएगा।’’ साय ने कहा कि धर्मांतरण रोकने के प्रयास किए जाएंगे, मुद्दे पर विचार होगा और जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
कांग्रेस सरकार ने लाद दिया कर्ज
राज्य की आर्थिक स्थिति और भाजपा के चुनाव से पहले के वादों को पूरा करने की चुनौतियों के बारे में पूछे जाने पर सीएम ने कहा कि ‘‘यहां की आर्थिक स्थिति खराब है। पांच वर्षों में कांग्रेस ने इतना कर्ज छत्तीसगढ़ पर लाद दिया है जितना हम लोगों ने 15 साल में नहीं लिया था। पिछली सरकार ने पांच साल में करीब 60,000 करोड़ रुपये का कर्ज लिया है।’’ उन्होंने कहा कि ‘‘अब डबल इंजन की सरकार है। केंद्र और राज्य सरकार मिलकर कोई ना कोई रास्ता निकालेगी।’’
सभी घोटालों की होगी जांच
कांग्रेस शासन में कथित भ्रष्टाचार के मामलों की जांच के भाजपा के वादे के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि ‘‘ हम जरूर करेंगे। हम राज्य लोक सेवा आयोग घोटाले की जांच कराएंगे और दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जो भी मामले हमारी जानकारी में आएंगे, उन पर कार्रवाई की जाएगी।’’ यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा के दिग्गज नेता दिलीप सिंह जूदेव उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते थे, साय ने कहा कि जूदेव राजनीति में उनके आदर्श थे और उन्होंने उनसे विनम्रता सीखी है। साय ने कहा कि ‘‘मैंने उनके साथ 25 साल तक काम किया। इन 25 वर्षों में हमने उन्हें एक दिन भी क्रोधित होते नहीं देखा। कार्यकर्ताओं को मान-सम्मान देना और उनकी बातें सुनना उन्हीं से सीखा है।’