December 3, 2024

मंत्रिमंडल की आपात बैठक : किसान संगठनों से भी चर्चा करेंगे CM बघेल, कृषि मंत्री बोले- जरूरत पड़ी तो दिल्ली जाएंगे

ravindra-yojna

रायपुर। छत्तीसगढ़ में धान के सवाल पर केंद्र सरकार से टकराव बढ़ता दिख रहा है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में बुधवार को वरिष्ठ मंत्रियों की एक आपात बैठक हुई है। इसमें कृषि, खाद्य और सहकारिता मंत्रियों ने माना है कि केंद्र ने चावल लेना शुरू नहीं किया तो हालात गंभीर हो जाएंगे। मुख्यमंत्री ने गुरुवार को कुछ किसान संगठनों की बैठक बुलाई है। यह बैठक मंत्रालय में दोपहर 12 बजे से होगी। इस बैठक में किसानों को मौजूदा परिस्थितियों की जानकारी देकर केंद्र सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति पर चर्चा होनी है।

बाद में छत्तीसगढ़ के कृषि, पशुपालन एवं जल संसाधन मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया, 18 दिसम्बर को केंद्र सरकार ने सेंट्रल पूल में 60 लाख मीट्रिक टन चावल लेने की सहमति प्रदान की थी। अभी तक केंद्र ने भारतीय खाद्य निगम को इसके आदेश जारी नहीं किए। इसकी वजह से वह चावल जमा नहीं कर रहा है। रविंद्र चौबे ने कहा, चावल जमा नहीं होने से मिलर के यहां भी जाम हो रहा है। वह नया उठाव नहीं कर पा रहा है। खरीदी केंद्रों और संग्रहण केंद्रों में भी धान जाम हो रहा है।

चौबे ने कहा, हमारे पास पूरी सूची है। हर बार अक्टूबर-नवम्बर में अरवा और उसना चावल जमा करने का आदेश जारी होता रहा है। इस बार केंद्र सरकार चावल लेने का आदेश नहीं दे रही है। यह छत्तीसगढ़ के लिए अभूतपूर्व और बड़ा संकट दिखाई दे रहा है। हम तो केंद्र सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर ही धान खरीदी करते हैं। केंद्र सरकार, हमारी भी सरकार है। इस पर भी वे चावल नहीं लेंगे तो सरकार और किसानों के सामने बड़ी मुसीबत हो जाएगी।

बारदाना नहीं मिलने की स्थिति में हम पुराने बारदानों से खरीदी कर रहे हैं। खरीदी केंद्र बढ़ाए गए हैं। इसके बावजूद अगर केंद्र चावल ही नहीं लेगा तो बड़ा संकट खड़ा हो जाएगा। तो सभी खरीदी और संग्रहण केंद्रों में धान जाम होने की स्थिति है।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बुधवार को प्रधानमंत्री कार्यालय में फोन से बात कर परिस्थितियों की जानकारी दी। उन्होंने खाद्य मंत्री पीयूष गोयल से भी फोन पर बात कर चावल लेने का आदेश जारी कराने का आग्रह किया है।

कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने बताया, जरूरत पड़ी तो पूरा मंत्रिमंडल दिल्ली जाएगा। वहां प्रधानमंत्री और खाद्य मंत्री से चर्चा कर समाधान निकालने की कोशिश होगी। कृषि मंत्री ने पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह पर संकट में राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, रमन सिंह का दुर्भाग्य है कि प्रदेश की समस्या पर मौन रहते हैं। बारदानों की समस्या है। वे भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। केंद्र सरकार से मांग करें कि तत्काल बारदानों की व्यवस्था करें।

error: Content is protected !!