‘अभिव्यक्ति शिष्टाचार के मानदंडों के भीतर होनी चाहिए’, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी मिमिक्री की घटना पर जताया दुख
नई दिल्ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी उपराष्ट्रपति की मिमिक्री की घटना पर दुख जताया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि अभिव्यक्ति के दौरान गरिमा का ख्याल रखना चाहिए और यह शिष्टाचार के मानदंडों के भीतर होनी चाहिए।
संसद परिसर में उपराष्ट्रपति के अपमान से निराशा हुई
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा-“जिस तरह से हमारे सम्मानित उपराष्ट्रपति को संसद परिसर में अपमानित किया गया, उसे देखकर मुझे निराशा हुई। निर्वाचित प्रतिनिधियों को अपनी अभिव्यक्ति के लिए स्वतंत्र होना चाहिए, लेकिन उनकी अभिव्यक्ति की गरिमा और शिष्टाचार के मानदंडों के भीतर होनी चाहिए। यह संसदीय परंपरा रही है जिस पर हमें गर्व है और भारत के लोग उनसे इसे कायम रखने की उम्मीद करते हैं।”
मंगलवार को संसद के बाहर मकर द्वारा पर विपक्षी सांसदों के निलंबन के विरोध में सांसद इकट्ठे होकर धरना-प्रदर्शन कर रहे थे। उसी दौरान टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी ने राज्यसभा चेयरमैन जगदीप धनखड़ के हावभाव की मिमिक्री की थी। इस मिमिक्री का वीडियो वायरल होने लगा। मिमिक्री के दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी वीडियो बना रहे थे। जिस वक्त कल्याण बनर्जी मिमिक्री कर रहे थे वहां विपक्ष के काफी सांसद मौजूद थे।
पीएम मोदी ने जगदीप धनखड़ से बात की
इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना को लेकर उपराष्ट्रपति से फोन पर बात की और दुख जताया। उन्होंनेने कहा कि वे भी पिछले 20 साल से इस तरह का अपमान सह रहे हैं, लेकिन अपना फर्ज निभाते रहे। पीएम मोदी ने कहा कि विपक्ष का व्यवहार दुर्भाग्यपूर्ण है।
इस मामले पर खुद जगदीप धनखड़ ने भी सदन के अंदर नाराजगी जताई थी। उन्होंने कहा कि मैंने अभी एक टीवी चैनल पर देखा कि एक सांसद राज्यसभा के चेयरमैन का मजाक उड़ा रहे थे और आपके एक नेता उसका वीडियो बना रहे थे। धनखड़ ने कहा कि मैं ईश्वर से कामना करता हूं कि उन्हें सदबुदिध् मिले। चेयरमैन का पद अलग होता है। पक्ष और विपक्ष के तौर पर राजनीतिक दल एक दूसरे से भिड़ सकते हैं, लेकिन इससे चेयरमैन को दूर रखना चाहिए।