April 8, 2025

छत्तीसगढ़ लघु वनोपज संघ से ही आयुर्वेदिक दवा, प्रसंस्कृत उत्पाद और हर्बल खरीद पाएंगे सरकारी विभाग

1_16
FacebookTwitterWhatsappInstagram

रायपुर। छत्तीसगढ़ में सरकार ने स्थानीय वन उत्पादों की बिक्री बढ़ाने के लिए नया कदम उठाया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आज हुई राज्य मंत्रिपरिषद की बैठक में तय हुआ, सरकारी विभागों में आयुर्वेदिक दवा, हर्बल उत्पाद और वनोपजों के प्रसंस्करण से बनी खाद्य सामग्री केवल छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ से ही खरीदी जा सकेगी। राज्य लघु वनोपज संघ के पास उत्पाद उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में शासकीय विभागों को संंघ से NOC लेनी होगी। उसके बाद ही खुले बाजार से उन उत्पादों की खरीदी हो सकेगी।

राज्य मंत्रिमंडल ने छत्तीसगढ़ राज्य लघु वनोपज संघ और उसकी साझीदार फर्मों के जरिए निर्मित ऐसे उत्पादों के लिए छत्तीसगढ़ भंडार क्रय नियम में बदलाव को मंजूरी दी है। नये प्रावधानों के तहत निविदा आमंत्रण को शिथिल किया जाएगा। बताया गया, राज्य लघु वनोपज संघ से बने ऐसे उत्पादों के विक्रय मूल्य का निर्धारण अफसरों की एक छह सदस्यीय समिति करेगी। वन विभाग के अपर मुख्य सचिव या प्रमुख सचिव इस समिति के अध्यक्ष होंगे। कैबिनेट ने राज्य में लघु वनोपज के परिवहन में TP नियम को शिथिल करने का निर्णय लिया है। इसके तहत लकड़ी, खनिज, वन्य जीव उत्पाद तथा तेन्दूपत्ता को छोड़कर समस्त अनशेड्यूल लघु वनोपजों को यह छूट मिलेगी।

कैबिनेेट ने साल 2019-20 में समर्थन मूल्य पर खरीदे गए धान में से अनुमानित 2.27 लाख मीट्रिक टन धान के निपटान का उपाय भी तय किया। बताया, गया, उसना कस्टम मिलिंग के शेष 1.72 लाख मीट्रिक टन चावल जमा करने के लक्ष्य निरस्त कर दिया जाएगा। राज्य नागरिक आपूर्ति निगम में 28.55 लाख मीट्रिक टन चावल जमा करने का लक्ष्य तय हुआ था। इसमें 92 हजार मीट्रिक टन जमा करना शेष है, अब उसके अतिरिक्त 60 हजार मीट्रिक टन चावल नान में जमा किया जाएगा।

राज्य सरकार ने इस साल समर्थन मूल्य पर 92 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी की है। केंद्र सरकार ने अभी तक 24 लाख मीट्रिक टन चावल को ही FCI में जमा कराने की अनुमति दी है। राज्य सरकार की राशन दुकानों के लिए 24 लाख मीट्रिक टन चावल की आवश्यकता की पूर्ति के बाद भी धान 20.5 लाख मीट्रिक टन धान बच जाएगा।

आज कैबिनेट ने तय किया कि इस धान को समितियों से ही नीलाम किया जाएगा। नीलामी में प्राप्त अधिकतम दर का अनुमोदन धान खरीदी और कस्टम मिलिंग के लिए गठित मंत्रि-मंडलीय उप समिति द्वारा किया जाएगा। नान के गोदामों में मौजूद चावल की विक्रय दर मंगाने के लिए खाद्य विभाग को अधिकृत किया गया।

राज्य सरकार ने प्रदेश के अनुसूचित क्षेत्र में कोदो-कुटकी एवं रागी की फसल को समर्थन मूल्य पर खरीदने का फैसला किया है। आदिवासी क्षेत्रों में इनका बहुत कम उत्पादन होता है, लेकिन स्थानीय बाजारों में इनका मूल्य भी नहीं मिलता। खरीफ सीजन में कोदो-कुटकी आदि का रकबा 100-125 हेक्टेयर है। इसमें 25 से 26 मीट्रिक टन का उत्पादन होता है।

FacebookTwitterWhatsappInstagram

मुख्य खबरे

error: Content is protected !!
Exit mobile version