CG : आपके नक्सलवाद छोड़ने से मुझे हुई ज्यादा खुशी, सरेंडर नक्सलियों से बोले अमित शाह
जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में आत्मसमर्पण कर चुके नक्सलियों से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संवाद किया है. रविवार को बस्तर नृत्य, कला और साहित्य अकादमी में अमित शाह ने सरेंडर कर चुके नक्सलियों से सीधा संवाद किया. इस मौके पर जिन नक्सलियों ने हथियार छोड़े हैं उन्होंने मीडिया से बात की और अपने अनुझव साझा किए.
सरेंडर कर चुके नक्सलियों ने बताई अपनी आपबीती: सरेंडर कर चुके नक्सलियों ने इस दौरान अपनी आपबीती बताई. सरेंडर करने वाली नक्सलियों में एक नक्सली संध्या ने अपनी बातें मीडिया से बताई. उन्होंने कहा कि वह साल 2001 में नक्सल आंदोलन में शामिल हुई थी, यह सोचकर कि वह गरीबों की सेवा करेगी. हालांकि साल 2014 में आत्मसमर्पण करने के बाद मुझे एहसास हुआ कि वास्तविकता वादे से बहुत दूर थी. मैंने साल 2014 में सरेंडर किया.
सरेंडर कर चुके नक्सलियों ने क्या कहा?: ऐसे ही सरेंडर कर चुके नक्सली मडका ने अपनी आपबीती बताई. उन्होंने कहा कि मैं साल 2007 में नक्सली समूह में शामिल हुआ. उसके बाद साल 2023 में नक्सल संगठन को छोड़ दिया. मडका ने कहा कि वह दो स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) कर्मियों की हत्या में शामिल था. सरेंडर के अनुभव पर उन्होंने कहा कि अब वह मुख्यधारा के समाज का हिस्सा बनकर खुद को सार्थक महसूस करता है. मुझे पुलिस फोर्स में नौकरी भी मिल गई है.
मैं नक्सल संगठन में साल 2003 में शामिल हुई और 2018 में सरेंडर कर दिया. मुझे बताया गया था कि हम नाचेंगे-गाएंगे और अच्छा समय बिताएंगे, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. मैंने कई शव देखे, जिन्हें मैं सहन नहीं कर सकी और इसीलिए मैंने 2018 में नक्सल संगठन को छोड़ दिया मैं अब खुशी से रह रही हूं- सुकांति, सरेंडर करने वाली नक्सली
अमित शाह ने सरेंडर नक्सलियों से किया संवाद: इस दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सरेंडर कर चुके नक्सलियों से चर्चा की. उन्होंने कहा कि आप लोगों के समाज के मुख्यधारा में जुड़ने से मुझे काफी संतोष हो रहा है.आप लोग को सरेंडर करके ऐसा लगता हो रहा है कि आप लोगों ने सरेंडर कर अच्छा महसूस किया. इससे भी ज्यादा अच्छा अनुभव आपके परिवार वालों को हुआ होगा. ऐसा मेरा सोचना है. इसके बाद अमित शाह ने कहा कि आपसे बात कर मुझे ज्यादा संतोष का अनुभव हो रहा है. नक्सली इलाकों में युवाओं ने सरेंडर किया. हमारी सरकार सरेंडर करने वाले नक्सलियों को मुख्य धारा में लाने का काम कर रही है.
आज मुझे आपसे बात कर सबसे अच्छा लग रहा है. आपके नक्सलवाद को छोड़ने को लेकर मुझे सबसे ज्यादा आनंद हुआ. मेरे मन में संतोष की भावना पैदा हुई. मुझे पीएम मोदी ने साल 2019 में गृह मंत्री बनने का मौका दिया. कश्मीर और नार्थ ईस्ट में युवा विकास से दूर रहते थे. नार्थ ईस्ट में 9 हजार युवाओं ने हथियार छोड़ा. जम्मू कश्मीर में भी युवा तेजी से आगे बढ़ रहे हैं-अमित शाह, केंद्रीय गृह मंत्री
“सरेंडर नक्सली और नक्सल पीड़ितों का रख रहे ध्यान”: अमित शाह ने कहा कि हम सरेंडर कर चुके नक्सली और नक्सल पीड़ितों दोनों का ध्यान रख रहे हैं. हम बस्तर में 15 हजार पीएम आवास योजना के घर देने की ओर आगे बढ़ रहे हैं. नक्सल पीड़ित लोगों के लिए भी हम काम कर रहे हैं. हमने बस्तर को लेकर एक योजना भी बनाई है. मैंने NDDB को जिम्मेदारी दी है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र में हर परिवार को एक गाय देकर डेयरी कॉपरेटिव बनाने की शुरुआत करें.
छत्तीसगढ़ में सरकार बदली और बीजेपी की सरकार आई. हमने नक्सलमुक्त छत्तीसगढ़ का संकल्प लिया था. हमने एक साल में बहुत कुछ हासिल किया है. नक्सलियों को मारना हमारा मकसद नहीं है. हमारी नीति यह है कि नक्सल धारा में शामिल युवाओं को समाज की मुख्य धारा में वापस लाया जाए. हमने राज्य सरकार को सरेंडर करने वाले नक्सलियों के पुनर्वास के लिए योजना बनाने को कहा है. राज्य सरकार को हमने इसके लिए पुनर्वास नीति बनाने का निर्देश दिया है.- अमित शाह, केंद्रीय गृह मंत्री
“बस्तर के युवाओं को खेल से जोड़ने की तैयारी”: अमित शाह ने इस संवाद कार्यक्रम में कहा कि वो युवाओं को ओलंपिक से जोड़ने का काम कर रहे हैं. सरेंडर करने वाले नक्सली ओलंपिक का रास्ता चुने. खेल का रास्ता चुने, मैं चाहता हूं कि आप अगले ओलंपिक में शामिल हों. इसकी सारी व्यवस्था मैंने विजय को करने के लिए कहा है और यह सारी व्यवस्था करेंगे. जब बस्तर की बेटी ओलंपिक में मेडल लाएगी तो यह काफी हर्ष का विषय होगा. विष्णुदेव सरकार ने जो नक्सल पुनर्वास नीति बनाई है. वह सबसे बढ़िया योजना है. बस्तर में 15 हजार पीएम आवास योजना के घरों की मंजूरी पीएम ने तुरंत दी. राज्य सरकार भी इस दिशा में काम कर रही है.
नक्सलियों से हिंसा का रास्ता छोड़ने की अपील: अमित शाह ने कहा कि मैं नक्सलियों से एक बार फिर अपील करता हूं कि वह हथियार छोड़ कर मुख्य धारा में शामिल होइए. ज्यादा से ज्यादा नक्सलियों का सरेंडर राज्य सरकार कराए. असम में बोडोलैंड से सरेंडर कर युवा मुख्यधारा में आए. आपसे मिलकर मुझे खुशी हुई है कि आपने हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज के मुख्यधारा में शामिल होने का फैसला किया. आपको कोई समस्या है तो आप गृह सचिव को एक पत्र लिख दीजिए. हम आपकी सारी समस्या का समाधान करेंगे.
बस्तर में नक्सलवाद खत्म हो तो बढ़ेगा पर्यटन: अमित शाह ने इस दौरान कहा कि बस्तर में अगर नक्सलवाद खत्म हो जाए तो यह पर्यटन के नक्शे पर और चमकेगा. उन्होंने कहा कि बस्तर की खूबसूरती ऐसी है कि यहां कश्मीर से ज्यादा लोग आ सकते हैं. यहां का चित्रकोट जल प्रपात कितना सुंदर है. कितने शानदार और हरे भरे वन हैं. यहां से नक्सलवाद खत्म होता है तो बस्तर पर्यटन के लिए सबसे शानदार जगह होगा. यहां कश्मीर से ज्यादा सैलानी पहुंचेंगे.