‘कका अभी जिंदा है…’ युवाओं से भेंट-मुलाकात में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भरी हुंकार…
रायपुर। कका अभी जिंदा है… इस उद्घघोष के साथ मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजधानी के इंडोर स्टेडियम युवाओं के साथ भेंट-मुलाकात कार्यक्रम की शुरुआत की. मुख्यमंत्री रायपुर संभाग के पांच जिलों से हजारों की संख्या में पहुंचे युवाओं से संवाद करते हुए उनके सपनों का नवा छत्तीसगढ़ गढ़ने में फीडबैक ले रहे हैं.
स्कूली छात्रों, मितान क्लब के सदस्यों और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि सभी युवाओं का सपना है, हमारा भी सपना है. आप सभी से चर्चा करके छत्तीसगढ़ को आगे बढ़ाना है. पूरे देश में छत्तीसगढ़ का नाम बढ़ाना है. इस संक्षिप्त उद्बोधन के बाद मुख्यमंत्री से सवाल -जवाब का सिलसिला शुरू हो गया.
2 साल ग्रामीण क्षेत्र में रहेगी दंत चिकित्सकों
डेंटल कॉलेज के स्टूडेंट की मांग पर मुख्यमंत्री बघेल ने दन्त चिकित्सकों को 2 साल ग्रामीण क्षेत्र में पदस्थ किए जाने की बड़ी घोषणा की. इसके साथ छात्रा समृद्धि शुक्ला की मांग पर कहा कि स्वास्थ्य केंद्रों में फीजियोथेरेपिस्ट की नियमित नियुक्ति होगी. इंटर्नशिप कर रही छात्रा समृद्धि शुक्ला ने कहा कि हमारे कॉलेज में छात्रावास की व्यवस्था नहीं है. मुख्यमंत्री ने छात्रावास की व्यवस्था करने के लिए सहमति दी.
पीएससी में पारदर्शिता की मांग
छात्रों के लिए शासकीय कॉलेजों में बनेंगे हॉस्टल. जिला अस्पताल, सीएचसी, पीएचसी मेंफिजियोथेरेपिस्ट की होगी नियमित पदों पर भर्ती,एमपीटी स्नातकोत्तर पाठ्यक्रम को लेकर केंद्र से चर्चा करेंगे. पीएससी की तैयारी कर रहे छात्र प्रणव कुमार ने प्रारंभिक परीक्षा की मार्कशीट जारी करने तथा पारदर्शिता के लिए उचित उपाय करने की बात कही. मुख्यमंत्री ने इस पर अमल करने का आश्वासन दिया.
सीएम की बड़ी घोषणा – अगली वैकेंसी छत्तीसगढ़ भाषा के लिए
अंजनी चंद्रवंशी छत्तीसगढ़ी विषय में स्नातकोत्तर कर रही है. उन्होंने छत्तीसगढ़ी भाषा के अध्यापक हेतु भर्ती लिये जाने की मांग की. मुख्यमंत्री ने इस पर सहमति दी. छात्र ने कहा कि 2013 से छत्तीसगढ़ी में एमए हो रहा है, 1500 विद्यार्थी पढ़कर निकल गए, लेकिन रोजगार नहीं मिला है, वैकेंसी निकालें. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने घोषणा की कि अगली वैकेंसी छत्तीसगढ़ी भाषा के लिए निकलेगी.
सीएम ने बताई पढ़ाई-लिखाई के दौरान आई चुनौतियां
धमतरी के भुजेश कुमार ने मुख्यमंत्री से उनकी पढ़ाई में आई समस्या के बारे में पूछा. मुख्यमंत्री ने अपने पढ़ाई-लिखाई के दौरान आने वाली चुनौतियों के बारे में विस्तार से बताया. मुख्यमंत्री ने बताया कि बचपन में अपने गांव में सड़कें, बिजली, नाली की समस्या को देखता था, और मुझे लगता था कि विधायक ही इस समस्या का समाधान करता है. मेरे मन में भी आया कि मैं भी एक दिन विधायक बनूंगा.
बूंदी के लिए 15 अगस्त, 26 जनवरी को झेलते थे नेताओं के भाषण
मुख्यमंत्री भूपेश ने अपने संघर्ष की कहानी बताते हुए कहा कि मैं अपने गांव से 5 किलोमीटर दूर जहां पुल, सड़क नहीं औऱ बीच में नाला, भरखा (पानी भरा गड्ढा) पड़ता था, उसे पार करके स्कूल जाता था. स्कूल में 26 जनवरी, 15 अगस्त के दिन विधायक जरूर आते थे, इनके भाषण को झेलते थे, ताकि आखिरी में बूंदी मिले, बूंदी प्रसाद के लिए भाषण झेलते थे. सब देखता था तो मैं सोचता था, मैं भी विधायक बनूंगा, सड़क बनवाऊंगा. उस समय साइंस कॉलेज में पड़ता था, गांव में खेती करता था, गांव वालों की समस्या दूर करते थे, बड़े नेताओं की जीवनी पढ़ने लगा, विचारधारा बदली.