November 14, 2024

राजीव त्यागी की मौत के बाद जावड़ेकर को पत्र, ‘टीवी डिबेट’ पर रोक की मांग, प्रशांत भूषण इसे मानते हैं एक हत्या

नई दिल्ली।  कांग्रेस नेता जयवीर शेरगिल ने कहा है कि वर्तमान में हो रही टीवी डिबेट्स में में सत्य उजागर नहीं होता बल्कि सनसनी फैलाई जाती है। उन्होंने ऐसे कार्यक्रम को जहरीला भी करार दिया. शेरगिल ने सूचना और प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को पत्र लिखकर ऐसे कार्यक्रमों पर रोक लगाने की मांग की है।  शेरगिल की इस मांग को शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी, राजद सांसद मनोज झा समेत कई अन्य कांग्रेस नेताओं ने भी समर्थन दिया है।  वकील प्रशांत भूषण ने इस मामले को हत्या करार दिया है। 


सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण ने भी इस मामले पर टिप्पणी की है. उन्होंने ट्वीट कर लिखा, ‘राजीव त्यागी की मौत जहरीले टीवी डिबेट के एक घंटे के भीतर हो गई.’

प्रशांत भूषण ने अपने ट्वीट में लिखा कि वह इस मामले को एक हत्या मानते हैं, जिसमें चैनल, एंकर और संबित पात्रा जैसे पार्टी प्रवक्ता घृणा फैलाते और गालियां देते हैं.

शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी त्यागी की मौत के मामले में प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि हर बीतते दिन के साथ जहरीली होती जा रही टीवी की बहसों से पार्टी के प्रवक्ताओं को दिन-रात गुजरना पड़ता है. उन्होंने कहा कि राजीव त्यागी हमेशा लोगों की मदद करने को तैयार रहते थे. उनके साथ होने वाली बातचीत हमेशा समृद्ध करती थी. एक अन्य ट्वीट में प्रियंका ने लिखा की टीवी की दुनिया में टीआरपी हासिल करने के लिए जिस तरीके की जहरीली बहस को प्रोत्साहित किया जा रहा है, इसे रोका जाना चाहिए. उन्होंने जावड़ेकर से इस मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की.


राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के राज्यसभा सदस्य मनोज झा ने भी शेरगिल के पत्र में जाहिर की गई चिंताओं से इत्तफाक रखा. उन्होंने कहा कि राजनीतिक दलों को ऐसे शो में जाने से बचना चाहिए. झा ने कहा, ‘विडंबना है कि ऐसे तमाशों को बहस कहा जाता है.’


इससे पहले कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी शेरगिल के पत्र में लिखी गई बातों पर प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि आर्टिकल 19 से जुड़ा एक मुद्दा संसदीय समिति में लंबित है. वह इस मामले में संसदीय कमेटी से रिपोर्ट मांगेंगे.


कांग्रेस पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर पूर्व पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी की कई वीडियो क्लिपिंग को एक साथ मिलाकर जारी किया है. इसमें राहुल की बातों के उस हिस्से को रेखांकित किया गया है, जिसमें उन्हें कहते सुना जा सकता है कि नफरत से समाज में बंटवारा हो रहा है. हमें एक देश के रूप में एकजुट होकर नफरत को खत्म करना होगा.


बता दें कि शेरगिल ने दो पन्नों के विस्तृत पत्र में जावड़ेकर को अपनी बातें बताईं हैं. पत्र में शेरगिल ने लिखा है कि मीडिया घरानों के लिए एक परामर्श जारी किया जाए. परामर्श के संबंध में शेरगिल ने कहा है कि एक कोड ऑप कंडक्ट सभी पर लागू किया जाना चाहिए.


बकौल शेरगिल, सनसनी फैलाने वाले, अपनामजनक और जहरीले प्रकृति के टीवी डिबेट पर रोक लगाई जानी चाहिए. उन्होंने कहा है कि टीवी पर न्यूज एंकर को किसी भी तरह की भड़काऊ और निर्णायक टिप्प्णी नहीं करनी चाहिए.


जयवीर शेरगिल द्वारा लिखे गए पत्र को लेकर पूर्व सूचना और प्रसारण मंत्री (यूपीए सरकार) आनंद शर्मा ने भी शेरगिल के पत्र को समर्थन दिया. उन्होंने लिखा कि नेशनल ब्रॉडकास्टिंग एसोसिएशन के नियमों का उल्लंघन और स्पर्धा में फैलाई जा रही सनसनी चिंताजनक है.


आनंद शर्मा ने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि पूर्व सूचना और प्रसारण मंत्री होने के नाते उन्हें महसूस होता है कि अपमानजनक भाषाओं का प्रयोग बढ़ा है. उन्होंने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 19 के तहत मीडिया ट्रायल को न्यायसंगत नहीं ठहराया जा सकता.


गौरतलब है कि बुधवार को राजीव त्यागी की हर्ट अटैक के कारण मौत हो गई थी. त्यागी को कौशांबी के यशोदा अस्पताल ले जाया गया था. अस्पताल में डॉ. पदम ने ही इमरजेंसी में राजीव त्यागी को सबसे पहले देखा था. डॉ. पदम का कहना है कि अस्पताल पहुंचने से पहले ही राजीव त्यागी की मृत्यु हो चुकी थी. उनका कहना है की हार्ट अटैक से राजीव त्यागी की मृत्यु हुई.


डॉ. पदम ने बताया कि करीब 6:30 बजे राजीव त्यागी को अस्पताल लाया गया था और वह अनकॉन्शियस हालत में थे. अस्पताल में उनका सीपीआर किया गया. वेंटिलेटर का सपोर्ट दिया गया. पूरे 45 मिनट तक सीपीआर और इंजेक्शन भी लगाया गया. लेकिन 45 मिनट बाद वह पूरी तरह से क्रैश हो गए. हालांकि डॉ. पदम ने बताया कि अस्पताल आने से पहले उनकी मृत्यु हो चुकी थी. लेकिन मेडिकली जो प्रोसेस होता है वह पूरा किया जाता है. 

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