November 16, 2024

BJP की 400 प्लस की राह में अटक रहा ये रोड़ा! पश्चिमी यूपी से लेकर गुजरात तक विरोध का शोर

Lok Sabha Election 2024: पूरा देश इस समय चुनावी मोड में है. जम्मू कश्मीर से लेकर तमिलनाडु तक राजनीतिक पार्टिंयां एक्शन में हैं और चुनाव जीतने की कोशिश में जुटी हैं. इसके लिए वे जमकर प्रचार-प्रसार भी कर रही हैं. इस बीच चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने ऐसी छवि बना ली है, मानो जैसे चुनाव में उसकी ही जीत होगी और बीजेपी की सरकार बनेगी. वोटर को विश्वास दिलाया जा रहा है कि विरोधियों को चुनाव लड़ने के लिए प्रत्याशी तक नहीं मिल रहे हैं. बड़े-बड़े दिग्गज नेताओं ने चुनाव लड़ने से ही मना कर दिया.

बीजेपी वोटरों को बता रही है कि वे 2024 के जीत चुकी है. उसका टारगेट तो 2029 है. ऐसे में सवाल यह है कि बीजेपी ने इस बार जो 400 पार का टारगेट सेट किया है, क्या वे उस हासिल कर सकती है या क्या उसकी रफ्तार पर ब्रेक लग सकता है? और अगर हां तो वे स्पीड ब्रेकर कौन हैं?

यूपी का जातीय समीकरण
लोकसभा चुनाव में 400 पार का नारा देने वाली बीजेपी उत्तर प्रदेश में सभी 80 सीट जीतने का दावा कर रही है. हालांकि, उसके सामने सबसे बड़ी चुनौती यूपी में ही है, जहां उसे ठाकुरों के विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ रहा है. बीजेपी से नाराज चल रहे ठाकुरों ने बीजेपी उम्मीदवारों को मैदान में उतारने से इनकार कर दिया है. इतना ही नहीं जगह-जगह बीजेपी के प्रत्याशियों को विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ रहा है.

वीके सिंह का टिकट कटा
यूपी में बीजेपी ने 70 सीट पर उम्मीदवारों की घोषणा की है. पार्टी को अब 10 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान करना है. बीजेपी ने इस बार गाजियाबाद के 2 बार के सांसद रिटायर जनरल वीके सिंह का टिकट काट दिया. यहां पीएम मोदी खुद रैली कर चुके हैं और सीएम योगी भी गाजियाबाद के कई दौरे कर चुके हैं. इसके बावजूद यहां बीजेपी का विरोध हो रहा है. नाराज लोगों को मनाने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और यूपी के मंत्रियों ने मोर्चा संभाल रखा है.

क्या है सियासी समीकरण?
गाजियाबाद से बीजेपी ने अतुल गर्ग, कांग्रेस ने डॉली शर्मा और बीएसपी ने नंद किशोर को मैदान में उतारा है.गाजियाबाद का सियासी समीकरण देखें तो यहां 23 फीसदी मुस्लिम, 15 प्रतिशत दलित, 10 प्रतिशत वैश्य, 9 पर्सेंट राजपूत, 9 प्रतिशत त्यागी और 7 फीसदी जाट समुदाय है. वीके सिंह के टिकट कटने ठाकुर समाज बीजेपी के सामने चुनौती बन गया है.

बरेली सीट पर बीजेपी की मुश्किल
बीजेपी इस बार बरेली से 8 बार के सांसद संतोष गंगवार का टिकट काट दिया, जिससे उनके समर्थक बीजेपी से नाराज हो गए. हालात इतने बिगड़े की नाराज समर्थकों ने बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी को बंधक बना लिया. बीजेपी ने इस बार बरेली से छत्रपाल गंगवार को मैदान में उतारा है.

हरियाणा में बीजेपी मुश्किल में
हरियाणा की सिरसा सीट से बीजेपी उम्मीदवार अशोक तंवर का विरोध प्रदर्शन का सामना करना पड़ रहा है. इसके चलते तंवर को अपना कार्यक्रम रद्द करना पड़ा. यहां किसान बीजेपी के खिलाफ विरोध कर रहे हैं.

उत्तराखंड में आसान नहीं रहा
यूपी और हरियाणा की तरह ही बीजेपी को उत्तराखंड में भी विरोध का सामना करना पड़ रहा है. यहां पूर्व सैनिक बीजेपी प्रत्याशियों का विरोध कर रहे हैं. टेहरी में चुनाव प्रचार के लिए पहुंचे वीके सिंह और गणेश जोशी का पूर्व सैनिकों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया. लोगों का कहना है टेहरी के किसी युवा को टिकट मिलता तो वह बीजेपी के साथ खड़े होते.

पंजाब और राजस्थान में भी विरोध
पंजाब में किसान बीजेपी के लिए स्पीड ब्रेकर बन कर खड़े हैं. यहां किसानों ने बीजेपी के उम्मीदवारों के विरोध का ऐलान किया है. इतना ही नहीं किसानों 11 सवालों की एक लिस्ट तैयार की है. वोट मांगने आ रहे बीजेपी प्रत्याशियों से यह सवाल पूछे जा रहे हैं. इसके अलावा बीजेपी को राजस्थान में भी विरोध प्रदर्शन से दो-चार होना पड़ रहा है.

गुजरात में विरोध का शोर
बीजेपी का गढ़ माने जाने वाले गुजरात में भी पार्टी के खिलाफ आवाज उठने लगी है. यहां राजकोट में राजपूत समाज के लोग केंद्रीय मंत्री पुरोषत्तम रुपाला के खिलाफ हो गए हैं. उन्होंने हाल ही में राजपूत समाज को लेकर विवादित बयान दिया था, जिसके चलते वे पुरोषत्तम का टिकट रद्द करने की मांग पर अड़ गया है.

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