Lok Sabha Elections 2024 : ज्योत्सना महंत Vs सरोज पांडे, कोरबा सीट पर मुकाबला दिलचस्प, कांग्रेस-बीजेपी की महिला दिग्गज आमने सामने
(जनरपट चुनाव डेस्क)
रायपुर। Lok Sabha Elections 2024: चुनाव आयोग ने 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान कर दिया है। लोकसभा चुनावों की घोषणा के साथ ही देश में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। सात चरणों में लोकसभा चुनाव होंगे। वहीं, छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों पर तीन चरणों में वोटिंग होगी। राज्य में 19 अप्रैल को पहले चरण की वोटिंग होगी। छत्तीसगढ़ में 19 अप्रैल को 1 सीट पर, 26 अप्रैल को 3 सीट पर और 7 मई को 7 सीटों पर चुनाव होंगे। 19 अप्रैल को बस्तर में मतदान होगा, तो वहीं 26 अप्रैल को राजनांदगांव, महासमुंद और कांकेर में वोटिंग होगी। 7 मई को सरगुजा, रायगढ़, जांजगीर-चांपा, कोरबा, बिलासपुर, दुर्ग और रायपुर में मतदान किया जाएगा। 4 जून को नतीजे आएंगे।
छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीटों में से एक कोरबा निर्वाचन क्षेत्र की बात की जाए तो यहां लगातार किसी एक पार्टी का कब्जा नहीं रहा है। कोरबा सीट पर तीन बार आम चुनाव हुए हैं और अब 2024 में चौथी बार लोकसभा का चुनाव होना है। यहां से वर्तमान में कांग्रेस की ज्योत्सना महंत सांसद हैं। पार्टी ने एक बार फिर उन पर भरोसा जताया है। उन्हें दोबारा टिकट दिया गया है। अब वो बीजेपी प्रत्याशी सरोज पांडे के सामने चुनावी रण में उतरेगी। यहां से संभवत: पहली बार महिला प्रत्याशी के खिलाफ महिला प्रत्याशी टक्कर देती नजर आएगी। पहली बार सरोज पांडे, दुर्ग की जगह इस बार कोरबा से लोकसभा चुनाव लड़ रही हैं।
ज्योत्सना महंत का सियासी सफर
सांसद ज्योत्सना चरणदास महंत एमएससी (प्राणी शास्त्र) की शिक्षा प्राप्त की हैं। 25 वर्षों से वो जनसेवा के कार्य में लगी हैं और राजनीति को जनसेवा का माध्यम बनाया है। वे अपने ससुर और छत्तीसगढ़ राज्य के स्वप्रदृष्टा स्व. बिसाहू दास महंत और पति छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. चरणदास महंत को अपना राजनैतिक आदर्श और प्रेरणास्त्रोत मानती हैं। 17वीं लोकसभा चुनाव में कोरबा लोकसभा सीट से 2019 में चुनाव लड़कर ज्योत्सना महंत ने मोदी लहर में जीत हासिल की थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ की 11 सीटों में से कांग्रेस ने सिर्फ दो सीटों पर जीत दर्ज की थी, जिनमें से एक ज्योत्सना महंत थीं। उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी नंद दुबे को चुनाव में हराया था।
सरोज पांडे का सियासी सफर
सरोज पांडे अपने राजनीति करियर की शुरुआत भाजपा सदस्य के रूप में की थी। सरोज पांडे पहली बार साल 2000 में भिलाई नगर निगम से महापौर बनी थीं। इसके बाद वह दूसरी बार साल 2005 में भिलाई नगर निगम से ही महापौर रहीं। इसके बाद सरोज पांडे साल 2008 में वैशाली नगर निगम से पहली बार विधायक चुनी गईं। विधायक बनने के बाद साल 2009 में सरोज पांडे को बीजेपी ने लोकसभा का टिकट दिया। सरोज पांडे दुर्ग लोकसभा सीट से सांसद रही हैं। साल 2013 में सरोज पांडे को बीजेपी ने महिला मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया था। इसके बाद साल 2014 में बीजेपी ने दुर्ग लोकसभा सीट से सरोज पांडे को प्रत्याशी बनाया, लेकिन वह कांग्रेस के ताम्रध्वज साहू से चुनाव हार गईं। इसके बाद सरोज पांडे को साल 2018 में छत्तीसगढ़ से राज्यसभा सांसद बनाया गया। अब राज्यसभा सांसद का कार्यकाल समाप्त होने के बाद बीजेपी ने पार्टी नेता सरोज पांडे को कोरबा लोकसभा सीट से साल 2024 के चुनाव में प्रत्याशी बनाया है।
कोरबा सीट का चुनावी इतिहास
कोरबा लोकसभा सीट का इतिहास ज्यादा पुराना नहीं है। इसकी स्थापना परिसीमन के दौरान 2008 में हुई थी। इससे पहले जांजगीर लोकसभा सीट के अंतर्गत यह सीट समाहित थी। इस सीट पर 2009 में पहली बार लोकसभा का चुनाव हुआ था। कोरबा लोकसभा क्षेत्र में कुल आठ विधानसभा सीटें आती हैं, जिनमें कोरबा जिले की पांच विधानसभा और अविभाजित कोरिया जिले की तीन विधानसभा सीटें शामिल हैं। फिलहाल इस लोकसभा सीट पर कांग्रेस का कब्जा है। 2009 में कांग्रेस के दिग्गज नेता चरणदास महंत ने यहां से चुनाव जीता। उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी बीजेपी प्रत्याशी करुणा शुक्ला को शिकस्त दी थी। इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में चरणदास महंत को बीजेपी के डॉ बंशीलाल महतो ने शिकस्त दी थी, लेकिन फिर 2019 के चुनाव में चरणदास महंत ने अपनी धर्मपत्नी ज्योत्सना चरणदास महंत को चुनाव मैदान में उतारा और इस बार उन्होंने बीजेपी के ज्योति नंद दुबे को हराया था।