छत्तीसगढ़ का धान खरीदी मॉडल अपना सकती है मोदी सरकार : CM भूपेश
रायगढ़। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ पहुंचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि धान खरीदी और किसानों के बड़े आंकड़े को देखकर धान खरीदी मॉडल को केंद्र सरकार चाहे तो अपना सकती है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में लगभग ढाई लाख से अधिक किसान बढ़े हैं और खेती का रकबा भी बड़ा है, जो अपने आप में एक अच्छा संकेत है. एक तरफ लोग खेती छोड़ रहे हैं, तो वहीं प्रदेश में किसान और खेती की जमीन बढ़ रही है. यह एक अच्छा संकेत है. न्यूनतम समर्थन मूल्य और केंद्र सरकार के एक राष्ट्र एक बाजार की नीति पर भी भूपेश बघेल ने जमकर निशाना साधा.
केंद्र सरकार के खिलाफ किसानों के आंदोलन को लेकर भी बघेल ने कहा कि सरकार का बनाया गया कानून किसानों के हित में ना होकर उद्योग और पूंजीपतियों के हित में है, इसलिए किसान इसका विरोध कर रहे हैं. जब किसानों की मेहनत का फल किसानों को ना मिलकर अन्य किसी को मिलेगा, तब किसान उसका विरोध खुद करेंगे ही. यदि केंद्र सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य भी निर्धारित कर दे, तो किसान आंदोलन नहीं करेंगे.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार के ऊपर जमकर निशाना साधा. उन्होंने केंद्र सरकार के बनाए गए नए कानून को लेकर सरकार पर निशाना साधा. भूपेश बघेल ने कहा कि केंद्र सरकार अभी तक किसानों के फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तय नहीं कर पा रही है, इससे उन किसानों को काफी नुकसान होगा, जो अपनी मेहनत की सही कीमत नहीं पाएंगे. इसका उदाहरण देख सकते हैं कि झारखंड, ओडिशा और बिहार जैसे राज्यों में किसान हजार रुपए से 1500 रुपए क्विंटल में धान बेच रहे हैं, जबकि छत्तीसगढ़ में 2500 रुपए प्रति क्विंटल के साथ किसानों को 6000 रुपए राजीव गांधी न्याय योजना के तहत रुपए सीधे बैंक खाते में भेजे जा रहे हैं, ऐसे में केंद्र सरकार छत्तीसगढ़ के धान खरीदी मॉडल को चाहे तो अपना सकती है और किसानों को उनकी मेहनत का सही फल दे सकती है.