नईदिल्ली। नेशनल हेराल्ड मनी लाँडरिंग केस में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सोनिया गांधी की मुश्किल बढ़ सकती हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 661 करोड़ की अचल संपत्ति कब्जे में लेने का नोटिस जारी किया है। ईडी ने यह सम्पत्तियां 2 साल पहले कुर्क कर चुकी है। अब बिल्डिंग खाली कराने नोटिस जारी किया है।

दिल्ली-मुंबई और लखनऊ में नोटिस
प्रवर्तन निदेशालय ने नेशनल हेराल्ड मनी लाँडरिंग केस में कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को आरोपी बनाया है। शुक्रवार को उसने दिल्ली के आईटीओ स्थित हेराल्ड हाउस, मुंबई के बांद्रा और लखनऊ के बिशेश्वर नाथ रोड स्थित एजेएल बिल्डिंग में नोटिस चस्पा कराया है।

बिल्डिंग खाली करने का आदेश
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, दिल्ली और लखनऊ की बिल्डिंग खाली करने को कहा गया है। जबकि, मुंबई की बिल्डिंग में कंपनी को किराया ईडी के खाते में ट्रांसफर करने का विकल्प दिया गया है। ईडी ने यह कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की धारा 8 और नियम 5(1) के तहत की है। नवंबर 2023 में उसने इन अचल संपत्तियों को कुर्क कर लिया था।

38 प्रतिशत शेयर राहुल-सोनिया के पास
मनी लॉन्ड्रिंग का यह केस एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) और उसकी होल्डिंग कंपनी यंग इंडियन के खिलाफ है। एजेएल नेशनल हेराल्ड का प्रकाशन करता है। जबकि, स्वामित्व यंग इंडियन प्राइवेट लिमिटेड के पास है। यंग इंडियन के 38 प्रतिशत शेयर सोनिया गांधी और राहुल गांधी के पास हैं।

क्या है नेशनल हेराल्ड केस?
ईडी का आरोप है कि यंग इंडियन और एजेएल की संपत्तियों का इस्तेमाल 18 करोड़ के फर्जी दान, 38 करोड़ के फर्जी एडवांस किराया और 29 करोड़ के फर्जी विज्ञापनों के रूप में आय अर्जित करने के लिए किया गया है। मामले की शिकायत भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने की थी। उन्होंने सोनिया और राहुल गांधी के खिलाफ आर्थिक अनियमितता का आरोप लगाया है। बताया, यंग इंडियन ने 2010 में एजेएल की 5,000 करोड़ से अधिक की संपत्तियों का अधिग्रहीत कर ली है।

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