Naxal Free India : भारत से कब खत्म होगा नक्सलवाद? गृह मंत्री अमित शाह ने बता दिया डेडलाइन
नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह आज नक्सली प्रभावित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और अधिकारियों के साथ बैठक की और सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि साल 2026 तक हम नक्सलवाद को खत्म कर देंगे। इसके साथ ही अमित शाह ने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में चलाए जा रहे विकास अभियान की सराहना की।
नक्सली हिंसा में आई काफी कमी
नक्सली प्रभावित क्षेत्रों के विकास को लेकर अमित शाह ने कहा कि नक्सली इलाके अब विकास की राह पर हैं। वहां पर तेजी से सड़क और मोबाइल नेटवर्क बढ़ाने का काम चल रहा है। वहीं बैठक में अधिकारियों ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की रणनीति की वजह से नक्सली हमलों में 72 प्रतिशत की कमी आई है। अब नक्सली अपनी अंतिम लड़ाई लड़ रहे हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सलवाद के खिलाफ सरकार की सफलता पर ज़ोर दिया और जनजातीय क्षेत्रों के विकास के लिए किए जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद मानवता का दुश्मन है और यह आदिवासी क्षेत्रों के विकास में सबसे बड़ी बाधा है। अमित शाह ने बताया कि 2004-2014 के मुकाबले 2014-2024 में सुरक्षा संबंधी व्यय (SRE) योजना में तीन गुना से ज़्यादा राशि खर्च की गई है। इस दौरान सड़क नेटवर्क को 2,090 किलोमीटर से बढ़ाकर 11,500 किलोमीटर कर दिया गया है और 15,300 से ज़्यादा मोबाइल टावर लगाए गए हैं।
नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या भी हुई कम
उन्होंने कहा कि हिंसा की घटनाओं में भारी कमी आई है और प्रभावित जिलों की संख्या 96 से घटकर 42 रह गई है। उन्होंने कहा, “हिंसा की घटनाएं 16,463 से घटकर 7700 रह गई हैं और यह संख्या अगले वर्ष तक और कम हो जाएगी। नागरिकों और सुरक्षा बलों की मौतों में 70% की कमी आई है। हिंसा की रिपोर्ट करने वाले जिलों की संख्या 96 से घटकर 42 रह गई है। हिंसा की रिपोर्ट करने वाले पुलिस स्टेशनों की संख्या 465 से घटकर 171 रह गई है, जिनमें से 50 पुलिस स्टेशन नए हैं यानी केवल 120 पुलिस स्टेशन ही हिंसा की रिपोर्ट कर रहे हैं। यह केंद्र और राज्यों के संयुक्त प्रयासों का परिणाम है।