November 19, 2024

किसी को सुपरमैन बनने की कोशिश नहीं करनी चाहिए… भागवत के बयान पर कांग्रेस का पीएम मोदी पर तंज

नई दिल्ली। आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को झारखंड के गुमला में ऐसा कमेंट किया, जिसे लेकर सियासी पारा चढ़ने लगा है। उन्होंने कहा कि व्यक्ति को कभी भी अपनी उपलब्धियों से संतुष्ट नहीं होना चाहिए। मानव जाति के कल्याण के लिए अथक प्रयास करना चाहिए क्योंकि विकास और मानवीय महत्वाकांक्षा की खोज का कोई अंत नहीं है। उन्होंने सुझाव दिया कि व्यक्ति को मानवता की सेवा के लिए प्रयास करना चाहिए। यही नहीं भागवत ने आगे कहा कि आत्म-विकास के दौरान, एक व्यक्ति ‘सुपरमैन’, फिर ‘देवता’ और ‘भगवान’ बनना चाहता है और ‘विश्वरूप’ की आकांक्षा रखता है। लेकिन कोई भी निश्चित नहीं है कि आगे क्या है। भागवत के ‘सुपरमैन’ वाले कमेंट पर रिएक्ट करते हुए कांग्रेस ने पीएम मोदी पर तंज कसा।

कांग्रेस का ‘नॉन बायोलॉजिकल पीएम’ वाला तंज
कांग्रेस ने संघ प्रमुख मोहन भागवत के वायरल वीडियो पर रिएक्ट करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ‘नॉन-बायोलॉजिकल पीएम’ वाले अपने तंज को और तेज कर दिया। कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट करते हुए प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘मुझे यकीन है कि स्वयंभू नॉन-बायोलॉजिकल प्रधानमंत्री को इस ताजा अग्नि मिसाइल की खबर मिल गई होगी, जिसे नागपुर ने झारखंड से लोक कल्याण मार्ग को निशाना बनाकर दागा है।’

भागवत के बयान पर कांग्रेस ने किया रिएक्ट
जिस तरह से भागवत का ये बयान आया सियासी गलियारे में चर्चा फिर शुरू हो गई कि क्या आरएसएस और बीजेपी में वैचारिक टकराव तेज हो गया है। जिस तरह से मोहन भागवत ने सुपरमैन, भगवान बनने जैसे कमेंट किए, ऐसी अटकलें लग रही कि प्रधानमंत्री और बीजेपी के वैचारिक स्रोत में टकराव की स्थिति है। मोहन भागवत के कमेंट को कांग्रेस ने पीएम मोदी पर तंज के तौर पर ही पेश किया है।

क्या आरएसएस-बीजेपी में सब ठीक नहीं?
ये कोई पहला मामला नहीं है जब आरएसएस प्रमुख ने ऐसा कमेंट किया है। 2024 लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद भी नागपुर में आरएसएस सरसंघचालक मोहन भागवत ने एक टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था कि जो मर्यादा का पालन करते हुए काम करता है, गर्व करता है लेकिन अहंकार नहीं करता, वही सही अर्थों में सेवक कहलाने का अधिकारी है। इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों पर सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार को नसीहत भी दी थी। उन्होंने मणिपुर हिंसा का भी जिक्र किया और कहा कि कर्तव्य है कि इस हिंसा को अब रोका जाए। संघ प्रमुख के इस बयान में कहीं न कहीं निशाना प्रधानमंत्री मोदी पर था क्योंकि उन्होंने कई मौकों पर खुद को प्रधान सेवक के तौर पर पेश किया था। इसके बाद आरएसएस के मुखपत्र ऑर्गनाइजर ने भी बीजेपी नेतृत्व की आलोचना की थी।

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