जनजातीय गौरव दिवस पर CM साय ने इन जनजातियों को दी खुशखबरी, अब मिलेगी इतनी सम्मान निधि…
रायपुर। छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (CM Vishnu Dev Sai) ने धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा (Lord Birsa Munda) की 150 वीं जयंती वर्ष समारोह (150th Birth Anniversary Celebration) के अवसर पर छत्तीसगढ़ राज्य के जनजातीय समुदाय से ताल्लुक रखने वाले बैगा, गुनिया, सिरहा लोगों के लिए मुख्यमंत्री सम्मान निधि दिए जाने की घोषणा की. इसके तहत उन्हें प्रति वर्ष 5 हजार रूपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी. जनजातीय गौरव दिवस (Janjatiya Gaurav Divas) पर मुख्यमंत्री ने जनजातीय गांवों में धार्मिक एवं मांगलिक कार्य के लिए अखरा निर्माण विकास योजना शुरू करने और जनजातीय समुदाय के शहीदों की प्रतिमाएं चिन्हित स्थलों पर स्थापित किए जाने की घोषणा की.
सीएम ने कहा पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न अटल बिहारी वाजपेयी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनजातीय समुदाय के मान, सम्मान और गौरव को बढ़ाने का काम किया है. अटल जी ने जनजातीय समुदाय के कल्याण के लिए पृथक से मंत्रालय बनाया और इस समुदाय के विकास को एक नई दिशा दी. प्रधानमंत्री मोदी ने जनजातीय समुदाय के उत्थान के लिए अनेक योजनाएं शुरू की है. प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत 24,000 करोड़ रुपए और धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान के लिए 80,000 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया है, जिसके चलते जनजातीय इलाकों में तेजी से बुनियादी सुविधाओं का विकास और जनजातियों की बेहतरी के काम हो रहे हैं.
महत्वपूर्ण परियोजनाओं का हुआ लोकार्पण
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज धरती आबा भगवान बिरसा मुंडा की जन्म जयंती के अवसर पर देश के दूर दराज के ग्रामीण क्षेत्रों के बुनियादी सुविधाओं के विकास एवं विस्तार वाली 6600 करोड़ की लागत वाली कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया. प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने देश के जनजातीय इलाकों और जनजाति समुदाय के कल्याण के लिए पांच गुना बजट खर्च कर रहे हैं. दस साल पहले इसका बजट मात्र 25,000 करोड़ रुपए हुआ करता था, जो अब बढ़कर 1,25,000 करोड़ रूपए हो गया है.
इस पुस्तक का सीएम ने किया विमोचन
CM साय ने समारोह में जनजातीय समुदाय के विभूतियों, राज्य में हुए जनजातीय विद्रोह के शहीदों एवं स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों को सम्मानित किया. उन्होंने जनजातीय चित्रकला प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया. मुख्यमंत्री साय ने इस अवसर पर वन अधिकार अधिनियम से संबंधित ‘‘एटलस‘‘, कैलेण्डर ‘‘शौर्यांजलि‘‘ और ‘‘हल्बा जनजातीय की वाचिक परंपराएं‘‘ विषय पर प्रकाशित पुस्तक का विमोचन किया. इनका प्रकाशन छत्तीसगढ़ आदिम जाति विकास विभाग द्वारा किया गया.