छत्तीसगढ़ में ऑपरेशन ग्रीन, स्व सहायता समूह से मिला रोजगार, आम बना रहा मालामाल
रायपुर। राज्य सरकार की ओर से वन विभाग को योजनाओं के तहत महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के निर्देश दिए हैं. सीएम के निर्देशों का अब असर भी दिखाई देने लगा है. राज्य सरकार की ओर से बताया गया है कि महिलाओं को वन और आजीविका के साधन बढ़ाने में उनकी मदद की जा रही है, महिलाओं को प्रोत्साहित भी किया जा रहा है. आर्थिक आय बढ़ाने के लिए महिलाओं को प्रशिक्षण और आर्थिक मदद तक दी जा रही है. इन सबसे में वन विभाग अपनी अहम भूमिका निभा रहा है.
महिलाएं ला रही हैं ग्रीन रिवोल्यूशन: छत्तीसगढ़ वन विभाग ने ग्रामीणों को वन संरक्षण और प्रबंधन में शामिल कर एक नई पहल की शरुआत की है. वन विभाग वनों पर निर्भर रहने वाले लोगों को ट्रेनिंग देकर उनकी आय को बढ़ाने का काम कर रही है. छत्तीसगढ़ में मां महामाया स्व सहायता समूह इसके लिए काम कर रहा है. ट्रेनिंग के बाद महिलाओं फल और सब्जियों की खेती कर आपनी आय में इजाफा कर रही हैं.
मड़ई से हुई शुरुआत: इस स्व सहायता समूह की महिलाएं मरवाही वन क्षेत्र में एक छोटे से गांव मड़ई में जमा होकर इस काम की शुरुआत कर रही हैं. इस स्व सहायता समूह में 11 महिलाएं शामिल हैं. इन महिलाओं ने अपनी लगन से कृषि वानिकी पहल को एक बड़े आर्थिक कारोबार में बदल दिया है. इन महिलाओं ने ग्रीन एरिया को बढ़ाने और मिट्टी में नमी को बेहतर बनाने का काम शुरु किया है.
आम के फलों, सब्जियों से कमा रही लाखों: ग्रीन एरिया को बढ़ाने और मिट्टी में नमी को बेहतर बनाने के इस काम से कई लोगों को रोजगार भी मिल रहा है. ग्रीन इंडिया मिशन के तहत 100 करोड़ की लागत से आम की खेती भी शुरु की गई है. साल 2022 – 23 में स्वयं सहायता समूह ने स्थानीय बाजारों और बिलासपुर में 4,203 किलोग्राम आम बेचकर सात लाख रुपये कमाए. जारी किए आंकड़ों की मानें तो मुनाफे को देखकर स्व सहायता समूह की महिलाओं ने उत्पादन को सही जगह पहुंचाने के लिए ई रिक्शा खरीदने की भी योजना बनाई है. स्व सहायता समूह की अध्यक्ष मीरा बाई ने वन विभाग की तारीफ भी की है.
महिला सशक्तिकरण को मिला बढ़ावा: स्व सहायता समूह की महिलाओं का कहना है कि सरकार के सहयोग से आम और हरी सब्जियों की खेती में उनका मुनाफा लगातार बढ़ रहा है. उनसे जुड़ने वाली महिलाओं की संख्या भी लगातार बढ़ रही है. सरकार की मदद से महिला सशक्तिकरण को भी बढ़ावा मिला है. लोगों को रोजगार मिला और आय के साधन भी बढ़े. महिलाओं के जीवन स्तर में सुधार हुआ.