March 23, 2025

खाना, पानी और नींद के बिना ऑपरेशन… अमित शाह ने ठोकी जवानों की पीठ, नक्सलियों के सफाए की तारीख बता दी

AMIT
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रायपुर/ नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने वामपंथी उग्रवाद राजनीतिक समस्या बताने की आलोचना की है। राज्यसभा में उन्होंने कहा कि अगर किसी क्षेत्र में विकास नहीं पहुंचा तो इसका मतलब नहीं है कि देश की व्यवस्था और संविधान को नहीं माने और सरकार लाचार बनकर देखते रहे। अमित शाह ने एक बार फिर 31 मार्च 2026 को देश में नक्सलवाद समाप्त करने का ऐलान किया।

जवानों ने बिना खाना-पानी के चलाया ऑपरेशन
नरेंद्र मोदी सरकार के पिछले 10 साल में किए गए प्लानिंग, पैसे का आवंटन और सुरक्षा के प्रयास किए गए हैं। उन्होंने कहा कि संवाद सुरक्षा समन्वय के जरिए नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ी। सुरक्षाकर्मियों ने खाना, पानी और नींद के बिना जंगलों में अभियान चलाया। सुरक्षा बलों ने नवीनतम टेक्नॉलोजी के साथ अभियान चलाया गया। सुरक्षा बलों को ड्रोन सर्विलांस,सेटेलाइट इमेजिंग और आर्टिफिशिय़ल इंटेलिजेंस, डेटा एनालिसिस के जरिए लैस किया।

नक्सली घटनाओं में कमी आई
राज्यसभा ने अमित शाह ने कहा कि 2004 से 2014 के बीच 16463 हिंसक घटनाएं हुईं, जिसमें 53 प्रतिशत कमी आई है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के 10 साल के शासनकाल 1851 सुरक्षा बल मारे गए थे, जबकि पिछले 10 साल में 509 सुरक्षा बल शहीद हुए। 2023 दिसंबर में छत्तीसगढ़ में शासन बदलने के बाद कैसे कार्रवाई की गई, इसकी जानकारी भी केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दी।

छत्तीसगढ़ में 380 नक्सली मारे गए
गृह मंत्री ने बताया कि पिछले एक साल में सरकार बदलने के बाद छत्तीसगढ़ में 380 नक्सली मारे गए, जिसमें गुरुवार को हुई कार्रवाई में मारे गए 30 नक्सलियों को जोड़ना बाकी है। 30 जोड़ दें तो कुल 410 नक्सली मारे गए हैं। इसके अलावा 1045 नक्सलियों ने सरेंडर किए और 1194 गिरफ्तार किए गए। इन अभियानों में 26 सुरक्षा बल शहीद हो गए। अमित शाह ने कहा कि बीजेपी सरकार ने 2619 नक्सली या तो मारे गए या सरेंडर कर गए। यह बीजेपी के शासन का अप्रोच है।

612 पुलिस स्टेशन हैं..
उन्होंने बताया कि 2014 तक देश के नक्सल प्रभावित इलाकों 66 पुलिस स्टेशन थे, अब 612 पुलिस स्टेशन हैं। देश में प्रभावित नक्सल जिले 126 में सिर्फ 12 बचे हैं। 2014 में 330 थानों में नक्सल घटनाएं हुईं, अब सिर्फ चार हैं। इसके अलावा 302 सुरक्षा कैंप खोले गए। नक्सलियों के फाइनेंस पर लगाम लगाने के लिए फाइनेंसरों के खिलाफ पीएमएलए के तहत कार्रवाई की गई।

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