November 23, 2024

छत्तीसगढ़ में भी बंद होगी पुरानी पेंशन स्कीम?, भाजपा सरकार के फैसले ने चौंकाया…

रायपुर। राज्य के सरकारी कर्मचारी और पुरानी पेंशन योजना को लेकर एक बड़ी खबर सामने आई है। राजस्थान की भजन लाल शर्मा की सरकार ने ओल्ड पेंशन स्कीम यानी पुरानी पेंशन योजना को बंद कर दिया है और उसकी जगह राज्य में फिर से एनपीएस यानी नई पेंशन स्कीम लागू कर दी है। जिसके बाद से यह कयास लगाए जा रहे हैं कि छत्तीसगढ़ में भी ओपीएस बंदकर एनपीएस लागू की जाएगी।

दरअसल, राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने में 2023 विधानसभा चुनाव से पहले राज्य के सरकारी कर्मचारियों के लिए ओल्ड पेंशन स्कीम लागू की थी। तभी छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल के नेतृत्व वाली सरकार ने भी राज्य में ओपीएस लागू कर दी थी। अब इस फैसले को भाजपा की भजनलाल शर्मा की सरकार ने बंद कर दिया है। इसके बाद से अब यह कयास लगाए जाने लगे की ओपीएस छत्तीसगढ़ में भी बंद की जा सकती है।

आपको बता दें कि केंद्र सरकार कभी भी ओपीएस के पक्ष में नहीं रही है। केंद्र सरकार ने पहले भी राज्यों को पुरानी पेंशन योजना लागू न करने की समझाइस दी थी। केंद्रीय वित्तमंत्री ने साफ तौर पर कहा था कि हिमाचल, राजस्थान, छत्तीसगढ़, पंजाब, झारखंड की जैसे राज्यों की सरकार के इस फैसले से राज्यों पर बोझ बढ़ेगा। बावजूद इसके राजस्थान और छत्तीसगढ़ समेत आधा दर्जन राज्यों में कांग्रेस सरकार ने एनपीएस हटाकर ओपीएस लागू किया था।

अब ऐसे में जब राजस्थान में ओपीएस को बंद करने की शुरूआत हो चुकी है और एनपीएस लागू कर दिया गया है। तब सवाल यह उठ रहे हैं की संभव है छत्तीसगढ़ में भी यह योजना बंद हो जाए। क्योंकि केंद्र में भी भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार है और छत्तीसगढ़ में भी भाजपा के सीएम हैं। ऐसे में स्वाभाविक है कि एक तरह की योजनाएं भाजपा शासित राज्यों में लागू हो सकती है।

OPS नहीं होगा बंद : राज्य सरकार ने जारी किया संशोधित आदेश

राजस्थान में ओपीएस(OPS) बंद नहीं हुई है। कुछ मीडिया रिपोर्ट में भ्रम की स्थिति बनने के बाद अब भजनलाल सरकार ने नया संशोधित आदेश जारी किया है। कल एक विभाग ने आदेश जारी कर बताया था, कि नवनियुक्त कर्मचारियों को अंशदायी पेंशन योजना का लाभ दिया जायेगा। इस आदेश के बाद ही बवाल मच गया था, जिससे कयास लगने लगे थे कि भजनलाल सरकार पेंशन योजना को लेकर फैसला बदल सकती है, लेकिन अब राज्य सरकार ने इसे लेकर स्थिति स्पष्ट की है।

राजस्थान सरकार के कृषि विभाग के एक आदेश से पुरानी पेंशन योजना (OPS) बंद करने को लेकर सवाल खड़े हो गए थे। आदेश में लिखा था कि नवनियुक्त सरकारी कर्मचारियों को अंशदायी पेंशन योजना से पेंशन दी जाएगी, लेकिन अब सरकार की ओर से पेंशन वाला बिंदु नए आदेश में हटा कर संशोधित कर दिया गया है। जिसके बाद राजस्थान विधानसभा में आज शून्यकाल के दौरान नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने ओल्ड पेंशन स्कीम को लेकर सरकार पर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद सरकार ओपीएस को खत्म करना चाहती है।

उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव के दौरान सरकारी कर्मचारियों की ओल्ड पेंशन स्कीम लागू रखने का मुद्दा सबसे ज्यादा गर्माया था। राजस्थान की पूर्ववर्ती गहलोत सरकार ने नई पेंशन स्कीम की जगह ओल्ड पेंशन स्कीम लागू की थी, लेकिन भजनलाल शर्मा सरकार ने नवनियुक्त कार्मिकों के लिए ओपीएस के बजाय दोबारा एनपीएस लागू करने का आदेश जारी कर दिया। इसको लेकर सियासी बवाल खड़ा गया था। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा- सरकार आदेश निकाल रही है। लेकिन स्थिति स्पष्ट नहीं कर रही है।

क्यों बढ़ा था कंफ्यूजन
राजस्थान लोक सेवा आयोग की ओर से सहायक कृषि अनुसंधान अधिकारी के पद पर चयनित 25 अभ्यर्थियों की सूची जारी की गई। जिसमें नियुक्तियां की शर्तों में अंशुदायी पेंशन योजना लागू होने का जिक्र किया गया है। इसे लेकर राजस्थान शिक्षक संघ (शेखावत) सवाल उठाए हैं। राजस्थान सरकार ने कृषि विभाग की ओर से 22 जनवरी को जारी सहायक कृषि अनुसंधान अधिकारी (रसायन) के 25 कार्मिकों की नियुक्ति आदेश जारी किए, जिसमें लिखा है कि इन कर्मचारियों को अंशदायी पेंशन योजना वित्त विभाग के परिपत्र 29 जनवरी 2004 और 13 मार्च 2006 के अनुसार लागू होगी। उन्होंने कहा कि कृषि विभाग में 25 कार्मिकों के नियुक्ति आदेश में 2004 के परिपत्रानुसार नई पेंशन स्कीम लागू करने के आदेश जारी किए गए हैं। जिसे कार्मिक अस्वीकार करते हैं। उन्होंने शिक्षक और कर्मचारी समुदाय का आह्वान करते हुए कहा कि सरकार के इस फैसले के खिलाफ संघर्ष किया जाएगा।

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