September 19, 2024

‘शंख ध्वनि के कारण पीएम मोदी को नहीं हुआ कोविड’, CM डॉ. मोहन ने कहा- चेचक का आविष्कार हमारा, अंग्रेजों ने लंदन भेजकर बनाया टीका…

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ‘स्वच्छता ही सेवा अभियान’ एवं जिला चिकित्सालयों में प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्रों के संचालन के उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान सीएम ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी को शंख ध्वनि की वजह से कोविड नहीं हुआ। उन्होंने आगे बताया कि व्यक्तिगत चर्चा में प्रधानमंत्री ने उनसे कहा कि वह रोज शंख ध्वनि करते हैं। इस वजह से उनके फेफड़े मजबूत रहते हैं। चेचक का अविष्कार कैसे हुआ, सीएम ने यह भी बताया।

स्वच्छता की देवी भी हैं शीतला माता
सीएम डॉ. मोहन यादव ने कहा कि हम जब 33 करोड़ देवी देवताओं की बात करते हैं, तो उनमें एक स्वच्छता की देवी भी हैं शीतला माता। उनका चिन्ह झाड़ू है। प्राचीन काल से हमारे देव देवताओं ने हमें किसी न किसी रूप में सबक देने का काम किया। उस दौर में चेचक, हैजा जैसी बीमारी फैली, तो उस समय शीतला माता के चिन्ह ने काम किया। इसके टीके का अविष्कार कैसे हुआ यह बताते हुए उन्होंने कहा कि यह हमारी प्राचीन विद्या थी।

उन्होंने आगे कहा कि जब यहां अंग्रेज शासन कर रहे थे और दुनिया भर में चेचक की बीमारी फैली। जब दुनिया में कोई बचाव के साधन नहीं थे, उस समय चेचक का किसी को फोड़ा हुआ। तो बबूल के कांटे से मवाद निकालकर दूसरे को वह मवाद लगते थे। यानी वह एंटीबॉडी लगाते थे। उससे चेचक नहीं होता था। उस समय अंग्रेज शासक ने वह तकनीक लंदन भेजी और बाद में फिर चेचक के टीका का अविष्कार हुआ।

सफाई मित्रों से देश ने दुनिया में बनाई पहचान
सीएम ने कहा कि स्वस्थ शरीर में स्वस्थ मन का वास होता है, हमारे यहां तन, मन और कर्म से स्वच्छता की कामना की जाती है। सफाई मित्रों के माध्यम से हमारे प्रदेश, हमारे देश ने दुनिया में अलग पहचान बनाई है

आज से “प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्रों” की शुरुआत
मुख्यमंत्री ने बताया कि आज से “प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्रों” की शुरुआत की जा रही है। “आयुष्मान भारत योजना” के तहत नागरिकों को 5 लाख रुपये तक का नि:शुल्क उपचार प्राप्त हो रहा है। वहीं प्रदेश के जिलों में आज से “प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि केंद्रों” की शुरुआत की जा रही है। इन केंद्रों के माध्यम से सस्ती कीमतों पर स्वास्थ्य सेवाओं और दवाओं की पहुंच हर नागरिक तक सुनिश्चित हो सकेगी।

कोविड के कठिन दौर में चिकित्सक और सफाईकर्मी मैदान में
उन्होंने कहा, कोविड के कठिन दौर में, जब पूरी दुनिया अपने घरों में कैद थी और जीवन सामान्य दिनचर्या से दूर हो गया था, तब हमारे स्वच्छता कर्मी, चिकित्सक और पुलिस के जवान निरंतर अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे थे। इन नायकों ने महामारी की इस चुनौतीपूर्ण घड़ी में अपनी जान की परवाह किए बिना दिन-रात हमारे समाज की सेवा की। उनके साहस और बलिदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता।

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