December 24, 2024

जनसंवाद में रमन सिंह का बड़ा आरोप, कहा – कांग्रेस शासन में अधिकारियों के तबादले पेमेंट सीट के जरिए हो रहे

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रायपुर। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रदेश सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि यह सरकार आर्थिक कुप्रबंधन और तबादला उद्योग के लिए जानी जाएगी. डॉ सिंह ने कटाक्ष करते हुए कहा कि अब तक बड़े शिक्षण संस्थानों में छात्रों का प्रवेश पेमेंट सीट से होने की बात सबने सुनी थी लेकिन इस सरकार के शासन में पहली बार अधिकारियों के तबादले पेमेंट सीट के जरिए हो रहे हैं. डॉ. सिंह रविवार को यहाँ कुशाभाऊ ठाकरे स्मृति परिसर में भाजपा द्वारा आहूत जिला जनसंवाद कार्यक्रम के तहत रायपुर शहर जिला की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सभा को संबोधित कर रहे थे. विदित रहे, प्रदेश भाजपा द्वारा केंद्र सरकार के दूसरे कार्यकाल के एक वर्ष पूर्ण होने पर जिला स्तर पर इन सभाओं का आयोजन रखा जा रहा है और यह सभा इस क्रम की आज की दूसरी सभा थी।  

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने कहा कि बड़े-बड़े वादे करके और गंगाजल हाथ में लेकर कसम खाने वाले कांग्रेस के सत्ताधीशों ने प्रदेश की जनता के साथ छल-कपट करने का काम किया है. सरकार अपने वादे भुला बैठी है, वादों से वह भटक चुकी है. शराबबंदी का वादा करने वाली प्रदेश सरकार गली-गली में शराब बिकवा रही है. हैरत की बात है कि शराब बेचकर कांग्रेस प्रदेश में सरकार चलाने की बात कर रही है! डॉ सिंह ने कहा कि कोरोना काल में भी प्रदेश सरकार ने शराब बेचने के लिए एक माह का इंतज़ार तो और कर लिया होता. शराब बेचने की ललक में प्रदेश सरकार ने प्रदेश की जनता की सुरक्षा दाँव पर लगा दी.

किसानों की आधी-अधूरी कर्ज़माफ़ी, धान खरीदी, धान मूल्य की अंतर राशि के किश्तों में भुगतान और दो साल के बकाया बोनस भुगतान जैसे मुद्दों पर प्रदेश सरकार को निशाने पर लेकर डॉ. सिंह ने बेरोज़गारी भत्ते का भुगतान नहीं करने, वृद्धावस्था व निराश्रित पेंशन नहीं बढ़ाने, शिक्षाकर्मियों का नियमितीकरण नहीं करने, कोरोना काल में अधिकारियों व कर्मचारियों की वेतन वृद्धि रोकने का काम करके प्रदेश सरकार ने अपने आर्थिक कुप्रबंधन का प्रमाण ही दिया है.भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. सिंह ने कहा कि कोरोना काल में लॉकडाउन में अन्य प्रदेशों में फँसे छत्तीसगढ़ के प्रवासी श्रमिकों की वापसी के लिए प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार को अनुमति नहीं दी, इन ढाई लाख प्रभावित श्रमिकों के खाते में प्रदेश सरकार ने अपनी ओर से ढाई रुपए की भी सहायता नहीं दी है.

प्रदेश के क्वारेंटाइन सेंटर्स को यातना गृह बताते हुए डॉ. सिंह ने प्रदेश में कोरोना संक्रमण की रोकथाम के मोर्चे पर भी प्रदेश सरकार को पूरी तरह विफल बताया और कहा कि हाईकोर्ट के कहने का बाद भी प्रदेश सरकार ने कोरोना टेस्ट के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं की है, फलस्वरूप केंद्र सरकार के चिकित्सा संस्थान एम्स पर ही सारा दबाव पड़ गया है और अब स्थिति यह है कि लगभग 10 हज़ार सैंपल जाँच के लिए पेंडिंग पड़े हुए हैं. कोरोना संकट में कांग्रेस सरकार का कोई भी मंत्री या नेता एक भी क्वारेंटाइन सेंटर्स में अभी तक देखने के लिए नहीं गया है. प्रदेश की पूर्ववर्ती भाजपा प्रदेश सरकार के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए डॉ. सिंह ने कहा कि आज कांग्रेस के शासन में प्रदेश का विकास पूरी तरह ठप पड़ा है. 

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