November 29, 2024

RTI : पीएम मोदी को शपथ लिए 6 महीने बीत गए, पर आयोग ने रिलीज नहीं किए वोटिंग के एक्चुअल आंकड़े!

रायपुर। भारत में 4 जून को आए 18 वीं लोकसभा चुनाव के परिणामों में लगातार तीसरी बार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी एनडीए को पूर्ण बहुमत मिला, प्रधानमंत्री मोदी ने तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री पद की शपथ भी ले ली है. प्रधानमंत्री मोदी को शपथ लिए 6 महीने गुजर भी चुके हैं, लेकिन दिलचस्प ये है कि चुनाव आयोग को अभी तक फुरसत नहीं मिल पाई है कि वह 18वीं लोकसभा चुनाव परिणामोंं का वास्तविक आकंड़ा जारी सके.

10 जून 2024 को पीएम नरेंद्र मोदी ने लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी. प्रधानमंत्री मोदी तीसरी बार पीएम पद की शपथ लेने वाले देश के दूसरे प्रधानमंत्री बन गए. इससे पहले, देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने यह कारनामा किया था.

दरअसल, चुनाव आयोग ने एक आरटीआई के जवाब में खुलासा किया है कि अभी तक 18वीं लोकसभा चुनाव के सात चरणों में हुए मतदान का आरंभिक और अंतिम आकंड़ा जारी नहीं किया हैं. जबकि प्रधानमंत्री मोदी को शपथ लिए छह महीने पूरे हो चुके हैं. चुनाव आयोग का यह जवाब हास्यास्पद लग सकता है लेकिन सच यही है.

गौरतलब है लोकसभा चुनाव हो या फिर विधानसभा चुनाव सुर्खियों में राजनीतिक पार्टी के साथ चुनाव आयोग भी सुर्खियों में रहता है. RTI के सवाल पर चुनाव आयोग की ओर से दिया गया जवाब उसकी कार्यशैली पर सवाल खड़ा जरूर करता है. यह आरटीआई रायपुर के एक RTI एक्टिविस्ट नितिन सिंह ने किया था.

माना जा रहा है कि निर्वाचन आयोग पर पहले ही सवाल उठा रही कांग्रेस को आरटीआई में मिले जवाब से नया हथियार मिल गया है. वहीं आयोग के जवाब पर बीजेपी ने कांग्रेस को आड़ों हाथ लेते हुए कहा कि देश की उच्च संस्थाओं पर सवाल उठाकर कांग्रेस अपनी विश्वसनीयता खत्म कर चुकी है.

आरटीआई एक्टिविस्ट नितिन सिंह ने बताया कि 18वीं लोकसभा चुनाव में सात चरणों के मतदान के चरणवार आरंभिक और अंतिम विवरण आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध नहीं है. लोकसभा चुनाव 2024 के चरणवार आरंभिक और अंतिम आंकड़ों की जानकारी के लिए उन्होंने आयोग को आरटीआई किया था, लेकिन जवाब से हैरान रह गए.

दरअसल, मतगणना के बाद 6 महीने पूरे हो चुके हैं, लेकिन आज भी लोकसभा आम चुनाव, 2024 के सांख्यिकीय आंकड़ों की जांच और सत्यापन का कार्य प्रकिया में है और कार्य पूरा होने के बाद ही सही और अंतिम सांख्यिकीय आंकड़े आयोग की वेबसाइट पर उपलोड किए जाएंगे, जिसे कोई भी अपनी सुविधानुसार ढूंढ सकता है और विश्लेषण कर सकता है.

उल्लेखनीय है निर्वाचन आयोग के जवाब पर सवाल खड़े होना लाजिमी है. केंद्रीय निर्वाचन आयोग में आंकडे नहीं हैं, तो,फिर सांख्यिकी आँकड़ों की जांच किस तरह कर रहे हैं ? आयोग के पास डाटा उपलब्ध नहीं था, सत्यापन की प्रक्रिया पूरी नहीं हुई तो अपलोड आंकड़ों का आधार क्या हैं? सवाल यह भी है कि फिर लोकसभा के परिणाम कैसे जारी हो हुए?

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