छत्तीसगढ़ : जन अदालत की जगह लग गई समाधान पेटी, आतंक के अंत का काउंटडाउन शुरू

बीजापुर। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित इलाकों में जहां कभी नक्सली जनअदालत लगाया करते थे, वहां अब समाधान पेटी लग चुकी है. जनता बड़ी संख्या में अपनी शिकायतें लिखकर इस समाधान पेटी में डाल रही है. बीजापुर के अंदरुनी और संवेदनशील इलाकों में सरकारी कामों में पारदर्शिता लाने के लिए सुशासन तिहार का आयोजन किया गया है. एक वक्त था जब जनता की समस्या का समाधान करने का दावा कथित तौर पर नक्सली किया करते थे. अब जनता सीधे सरकार की अदालत में पहुंचकर अपनी शिकायतें दर्ज करा रहा है.
जनअदालत नहीं अब समाधान पेटी से बनेगा काम: नक्सल प्रभावित इलाकों में सुशासन तिहार के आयोजन का लाभ भी नजर आने लगा है. लोग बड़ी संख्या में अपनी शिकायतें शिकायत पेटी में डाल रहे हैं. ग्रामीण बिना किसी भय के समाज की मुख्यधारा से जुड़ने और सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के लिए आगे आ रहे हैं. सड़क, बिजली और पानी सहित तमाम सुविधाओं की मांग शासन से कर रहे हैं. बस्तर का हर गांव तेजी से विकास की राह पर चल पड़ा है.
सुशासन तिहार: सुशासन तिहार का असर तेजी से दिखाई पड़ने लगा है. उसूर ब्लॉक के पुजारी कांकेर, कोण्डापल्ली, पामेड़, चुटवाही और गलगम, बीजापुर ब्लॉक के पालनार, कांवड़ गांव और मुतवेंडी सहित भैरमगढ़ ब्लॉक के गांव बांगोली, चिंगेर सहित बेचापाल जैसे जिले के चिन्हांकित कई अंदरुनी गांवों में सुशासन तिहार का असर नजर आने लगा है. शासन भी लगातार सुशासन तिहार का प्रचार प्रसार कर गांव वालों को उनकी सुविधाओं का हक दिलाने के लिए काम कर रहा है.