सेक्स सीडी कांड : छत्तीसगढ़ से बाहर केस ट्रांसफर कराने की याचिका पर SC में हुई सुनवाई, अगली तारीख 5 मार्च
नई दिल्ली/रायपुर। छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित सेक्स सीडी कांड की सुनवाई दूसरे राज्य में स्थानांतरित करने मांग वाली CBI की याचिका पर आज सर्वोच्च न्यायालय में सुनवाई हुई। CBI ने याचिका में दावा किया था कि मामले में गवाहों को धमकाया जा रहा है। न्यायमूर्ति अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली शीर्ष अदालत की एक पीठ ने सुनवाई 5 मार्च के लिए टाल दी। अदालत ने छत्तीसगढ़ सरकार को भी मामले का एक पक्षकार बनाने की CBI की अर्जी को स्वीकार कर लिया है।
2017 के बहुचर्चित सेक्स सीडी कांड का मामला एक बार फिर तूल पकड़ता दिख रहा है। मामले की जांच एजेंसी CBI ने पिछले दिनों सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर कर मामले की सुनवाई छत्तीसगढ़ से बाहर कराने की मांग की थी। उनका तर्क था, इस मामले में गवाहों को धमकाया जा रहा है। मामले में आरोपी छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री का सलाहकार है। खुद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर साजिश का आरोप है।
CBI के वकील ने अदालत को बताया कि मामले के कुछ गवाह दिल्ली से हैं, कुछ मुंबई से हैं और कुछ अन्य शहरों से हैं। इस मामले में सह आरोपी और भाजपा के पूर्व नेता कैलाश मुरारका की ओर से कहा गया, CBI ने राज्य सरकार पर भी कई आरोप लगाए हैं। ऐसे में छत्तीसगढ़ सरकार को इस याचिका में एक पार्टी के रूप में भी शामिल किया जाना चाहिए।
आज की सुनवाई में छत्तीसगढ़ कि ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने CBI की याचिका का विरोध नहीं किया। सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, दूसरे राज्य में स्थानांतरण कि मांग आरोपियों के प्रभाव की वजह से की जा रही है। सर्वोच्च न्यायालय ने कहा राज्य सरकार ने विरोध नहीं किया तो उनको पक्षकार बनाने संबंधी CBI याचिका को हम मंजूर करते हैं। अब अगली सुनवाई पर ही पता चलेगा कि सर्वोच्च न्यायालय CBI को किसी दूसरे राज्य में इस मामले की सुनवाई करने का निर्देश देती है या नहीं।
बता दें कि सर्वोच्च न्यायालय ने 2019 में छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ सेक्स सीडी कांड में चल रही सुनवाई पर रोक लगा दी थी। इसके साथ ही नोटिस जारी कर CM भूपेश बघेल से पूछा था कि इस मामले को दूसरे राज्य में सुनवाई के लिए क्यों न भेज दिया जाए।
गौरतलब है की अक्टूबर 2017 में छत्तीसगढ़ में एक सेक्स सीडी सामने आई थी। इसे कथित रूप से तत्कालीन भाजपा सरकार के लोक निर्माण मंत्री राजेश मूणत का बताया जा रहा था। रायपुर के सिविल लाइन थाने में इसका मुकदमा दर्ज हुआ। बाद में पुलिस दिल्ली से पत्रकार विनोद वर्मा को गिरफ्तार कर लाई थी। कांग्रेस इसे तत्कालीन सरकार की साजिश बताती रही।
सितम्बर 2018 में कांग्रेस के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल को भी गिरफ्तार किया गया था। उन पर साजिश रचने का आरोप था। भूपेश बघेल ने जमानत लेने से इनकार कर दिया। इसके बाद कांग्रेस प्रदेश भर में भाजपा सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतर गई। इस गिरफ्तारी ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं को नया जोश दिया। नवम्बर 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में जीतकर भूपेश बघेल मुख्यमंत्री बन गये।