नईदिल्ली/ रायपुर। सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) और आम नागरिकों के अधिकारों को लेकर एक अहम टिप्पणी की है। शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि यदि ED के पास मूल अधिकार हैं, तो आम जनता के भी ऐसे ही अधिकार हैं। इस टिप्पणी के बाद ईडी ने अपनी याचिका वापस ले ली है।
बता दें कि छत्तीसगढ़ में नागरिक आपूर्ति निगम घोटाले (Chhattisgarh NAN Scam) की जांच चल रही है। इस मामले में ईडी ने सुप्रीम कोर्ट में आर्टिकल 32 के तहत एक याचिका लगाई थी। इसमें इस घोटाले की जांच को दिल्ली ट्रांसफर करने की मांग की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया बड़ा तर्क
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान कहा कि आर्टिकल (Chhattisgarh NAN Scam) 32 के तहत याचिका लगाई जा सकती है, लेकिन याचिका तभी मान्य होगी जब जब मूल अधिकारों के उल्लंघन की पुष्टि होती है, मूल अधिकारों का हनन हुआ है। अदालत ने यह भी कहा कि ईडी इस बात का विशेष ध्यान रखें कि अपने अधिकारों का इस्तेमाल करते वक्त जनता के अधिकारों का भी ध्यान रखें।
ईडी ने सुप्रीम कोर्ट से वापस ली याचिका
कोर्ट की टिप्पणी के बाद, ED ने अपनी याचिका (Chhattisgarh NAN Scam) वापस ले ली। इससे पहले, छत्तीसगढ़ सरकार ने ED की इस मांग का विरोध किया था और कहा था कि यह राज्य सरकार की जांच एजेंसियों के काम में दखल देने जैसा है। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने स्पष्ट किया कि संविधान में दिए गए मूल अधिकार सभी नागरिकों के लिए समान हैं, चाहे वह कोई सरकारी एजेंसी हो या आम आदमी।
क्या है छत्तीसगढ़ आपूर्ति निगम घोटाला?
इस मामले में राशन वितरण और सरकारी योजनाओं में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। ED और राज्य सरकार की एजेंसियां इसकी जांच कर रही हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने की टिप्पणी : नान घोटाला मामले में ईडी को फटकार, आम जनता के भी अधिकार हैं, उनका ख्याल भी रखें
नईदिल्ली/ रायपुर। सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) और आम नागरिकों के अधिकारों को लेकर एक अहम टिप्पणी की है। शीर्ष अदालत ने स्पष्ट किया कि यदि ED के पास मूल अधिकार हैं, तो आम जनता के भी ऐसे ही अधिकार हैं। इस टिप्पणी के बाद ईडी ने अपनी याचिका वापस ले ली है।
बता दें कि छत्तीसगढ़ में नागरिक आपूर्ति निगम घोटाले (Chhattisgarh NAN Scam) की जांच चल रही है। इस मामले में ईडी ने सुप्रीम कोर्ट में आर्टिकल 32 के तहत एक याचिका लगाई थी। इसमें इस घोटाले की जांच को दिल्ली ट्रांसफर करने की मांग की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया बड़ा तर्क
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान कहा कि आर्टिकल (Chhattisgarh NAN Scam) 32 के तहत याचिका लगाई जा सकती है, लेकिन याचिका तभी मान्य होगी जब जब मूल अधिकारों के उल्लंघन की पुष्टि होती है, मूल अधिकारों का हनन हुआ है। अदालत ने यह भी कहा कि ईडी इस बात का विशेष ध्यान रखें कि अपने अधिकारों का इस्तेमाल करते वक्त जनता के अधिकारों का भी ध्यान रखें।
ईडी ने सुप्रीम कोर्ट से वापस ली याचिका
कोर्ट की टिप्पणी के बाद, ED ने अपनी याचिका (Chhattisgarh NAN Scam) वापस ले ली। इससे पहले, छत्तीसगढ़ सरकार ने ED की इस मांग का विरोध किया था और कहा था कि यह राज्य सरकार की जांच एजेंसियों के काम में दखल देने जैसा है। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने स्पष्ट किया कि संविधान में दिए गए मूल अधिकार सभी नागरिकों के लिए समान हैं, चाहे वह कोई सरकारी एजेंसी हो या आम आदमी।
क्या है छत्तीसगढ़ आपूर्ति निगम घोटाला?
इस मामले में राशन वितरण और सरकारी योजनाओं में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। ED और राज्य सरकार की एजेंसियां इसकी जांच कर रही हैं।
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